भिवानी: कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को संभालने वाली आशा वर्कर्स इन दिनों सड़कों पर हैं. जहां पूरे देश में दस के लगभग आशा वर्कर कार्यरत हैं वहीं अकेले हरियाणा में 20 हजार से अधिक संख्या में आशा वर्कर स्वास्थ्य सेवाओं को संभालती हैं.
आशा वर्कर्स ने कर्मचारी का दर्जा प्राप्त करने, न्यूनतम वेतन मिलने, ईएसआई व पीएफ की सुविधाएं मिलने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को शहर भर में प्रदर्शन करते हुए बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह के आवास का घेराव किया.
हरियाणा आशा वर्कर यूनियन की राज्य प्रधान कमला ने बताया कि वर्ष 2018 में सरकार ने उनकी विभिन्न मांगों को मानते हुए समझौता किया था, लेकिन समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है. इसके विरोध में पिछले 18 दिनों से आशा धरना प्रदर्शन किए हुए हैं और सभी जिला प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंप रही हैं.
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उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें लंबे समय से कर्मचारी का दर्जा नहीं दे रही है. उनके मानदेय में 1000 रु बढ़ोतरी की गई थी उसका 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार को देना था उसमें भी जुलाई माह से कटौती कर दी गई. ऐसे में उनका काम करना मुश्किल हो गया है. कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने अपनी भूमिका अच्छे से निभाई है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आने वाले दिनों में उनका आंदोलन तेज होगा.