भिवानी: हरियाणा प्रदेश की पहचान दूध-दही से भी की जाती है. प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने व पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भिवानी में 38वीं राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी (animal exhibition in Bhiwani) का आयोजन शुक्रवार को भिवानी में किया गया. इसमें प्रदेश भर से हजारों की संख्या में पशुपालकों ने हिस्सा लिया. पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित पशु प्रदर्शनी में कुल 53 श्रेणियों में 1575 विभिन्न प्रजातियों के पशुओं ने भाग लिया.
पशु प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश की पहचान दूध-दही के रूप में देश भर में है. हरियाणा दुग्ध उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है. इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से पशुपालन के क्षेत्र में नई तकनीकों का प्रयोग करके दुग्ध उत्पादन में हरियाणा राज्य भविष्य में प्रथम स्थान पर पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश का दुग्ध उत्पादन राष्ट्रीय औसत आय से लगभग दोगुना है. कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा देश बंद था, उस दौरान किसानों व पशुपालकों ने देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया.
हरियाणा वह राज्य है, जहां फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price for crops) देश भर में अधिक है. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसान व पशुपालकों द्वारा चलाई गई विभिन्न येाजनाओं का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में उन्नत राज्य है. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु योजना की शुरूआत की गई. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए आसान किश्तों पर विभिन्न योजना के तहत ऋण दिया जाता है. पशु उत्पादन के प्रसंस्करण के लिए भी राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाएं हैं.
पशु प्रदर्शनी में प्रदेश के कृषि व पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार के दुधारू व कृषि उपयोगी पशुओं की उन्नत किस्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है. इससे हरियाणा के पशुपालक व किसान लाभ उठा पाएंगे. उन्हें पशुपालन के क्षेत्र में नई तकनीकों, पशुओं की नई किस्मों व उनसे उत्पादन प्राप्त करने की जानकारी होगी.
पशु प्रदर्शनी में हिस्सा लेने पहुंचे रेवाड़ी जिले के कोसली गांव के पशुपालक हेमंत, ईश्वर सिंह, कुलदीप एवं महेंद्र ने बताया कि वे इस राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी में उत्कृष्ट किस्म के पशुओं के साथ पहुंचे हैं. इस प्रदर्शनी से उन्हें पशुओं की विभिन्न किस्मों, उनकी देखभाल व उनकी खुराक के बारे में जानकारी प्राप्त हुई हैं. इस पशु प्रदर्शनी के माध्यम से उन्हें ना केवल पशुपालन, बल्कि कृषि संबंधी अन्य जानकारियां भी मिली है, जिनका उपयोग वे कृषि को बढ़ावा देने में कर पाएंगे.
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