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निजी स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त, 'गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं दिया तो मान्यता होगी रद्द' - manohar lal

कुछ दिन पहले ही कई निजी स्कूलों ने 134ए के तहत एडमिशन देने से मना कर दिया था. निजी स्कूलों का कहना था कि जब तक उन्हें सरकार से पुराना बकाया नहीं मिल जाता, तब तक वो गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देंगे.

निजी स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त
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Published : May 20, 2019, 5:30 PM IST

अंबाला: हरियाणा में शिक्षा के अधिकार नियम के तहत दाखिला नहीं देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त हो गई है. सरकार ने दो टूक कह दिया है कि गरीब बच्चों को दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हरियाणा में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कुछ निजी स्कूल गरीब बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे स्कूलों को अब अपनी मान्यता से हाथ धोना पड़ सकता है. क्योंकि सरकार ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्ती से पेश आने का मन बना लिया है.

निजी स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त

बता दें कि तकरीबन 1 माह से 134ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला ना मिलने के चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिक्षा अधिकारियों से बैठक की थी. जिसके बाद सरकार ने निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के फैसले लिए हैं.

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा विभाग के डायरेक्टर जनरल ने साफ लफ्जों में कहा कि जो भी निजी स्कूल 134 ए के तहत आने वाले बच्चों को दाखिला नहीं देंगे उनकी मान्यता को रद्द किया जाए.

चौधरी ने बताया कि सरकार ने 2015-16 से निजी स्कूलों के बकाया बिल को देने की भी बात कही है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के प्रबंधक 2015-16 से 134ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों के बिल उन्हें सौंपे और वह तुरंत प्रभाव से उनकी बकाया राशि दे देंगे.

सरकार की इस सख्ती के बाद से अंबाला जिले में अधिकतर निजी स्कूलों ने 134ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों को दाखिला देना शुरू कर दिया है. हालांकि कुछ एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल अभी भी आनाकानी कर रहे हैं लेकिन जल्द ही उन पर भी नकेल कसी जाएगी.

अंबाला: हरियाणा में शिक्षा के अधिकार नियम के तहत दाखिला नहीं देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त हो गई है. सरकार ने दो टूक कह दिया है कि गरीब बच्चों को दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हरियाणा में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कुछ निजी स्कूल गरीब बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे स्कूलों को अब अपनी मान्यता से हाथ धोना पड़ सकता है. क्योंकि सरकार ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्ती से पेश आने का मन बना लिया है.

निजी स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त

बता दें कि तकरीबन 1 माह से 134ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला ना मिलने के चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिक्षा अधिकारियों से बैठक की थी. जिसके बाद सरकार ने निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के फैसले लिए हैं.

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा विभाग के डायरेक्टर जनरल ने साफ लफ्जों में कहा कि जो भी निजी स्कूल 134 ए के तहत आने वाले बच्चों को दाखिला नहीं देंगे उनकी मान्यता को रद्द किया जाए.

चौधरी ने बताया कि सरकार ने 2015-16 से निजी स्कूलों के बकाया बिल को देने की भी बात कही है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के प्रबंधक 2015-16 से 134ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों के बिल उन्हें सौंपे और वह तुरंत प्रभाव से उनकी बकाया राशि दे देंगे.

सरकार की इस सख्ती के बाद से अंबाला जिले में अधिकतर निजी स्कूलों ने 134ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों को दाखिला देना शुरू कर दिया है. हालांकि कुछ एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल अभी भी आनाकानी कर रहे हैं लेकिन जल्द ही उन पर भी नकेल कसी जाएगी.

Intro:134 ए के अंतर्गत आने वाले बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला ना देने वाले निजी स्कूलों के प्रबंधकों के खिलाफ सरकार सख्त कार्यवाही करेगी।


Body:बता दें कि तकरीबन 1 माह से 134 ए के तहत पढ़ने वाले बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला ना मिलने के चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिक्षा अधिकारियों से बैठक करी थी जिसके बाद सरकार ने निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के फैसले लिए हैं।

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा विभाग के डायरेक्टर जनरल ने साफ लफ्जो में कहा कि जो भी निजी स्कूल 134 ए के अंतर्गत आने वाले बच्चों को दाखिला नहीं देंगे उनकी मान्यता को रद्द किया जाए।

चौधरी ने बताया कि सरकार ने 2015 16 से निजी स्कूलों के बकाया शीशों को देने की भी बात कही है उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के प्रबंधक 2015 16 से 134 ए के अंतर्गत पढ़ने वाले बच्चों के बिल उन्हें सोपे पर और वह तुरंत प्रभाव से उनकी बकाया राशि दे देंगे।

साथ में उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा की गई इस भक्ताई के बाद से जिले में अधिकतर निजी स्कूलों ने 134 ए के अंतर्गत पढ़ने वाले बच्चों को दाखिला देना शुरू कर दिया है हालांकि कुछ एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल अभी भी आनाकानी कर रहे हैं लेकिन जल्द ही उन पर भी नकेल कसी जाएगी।

रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि 134 ए के अंतर्गत पढ़ने वाले बच्चों केता खेलों की तिथि अब आगामी 24 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।

बाइट रविंदर कुमार चौधरी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी


Conclusion:
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