नयी दिल्ली: भारत का चीनी निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 4.6 अरब डॉलर (लगभग 35,000 करोड़ रुपये) का हो गया, जो वर्ष 2013-14 में 1.17 अरब डॉलर (लगभग 9,000 करोड़ रुपये) का था. वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी साझा की है. भारत ने दुनियाभर के 121 देशों को अपना चीनी निर्यात किया है. मंत्रालय ने कहा, ऊंची माल ढुलाई दरों और कंटेनर की कमी और कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बाद भी हमने यह बढ़त हासिल की है. भारत ने वर्ष 2019-20 में 1.96 अरब डॉलर और वर्ष 2020-21 में 2.79 अरब डॉलर की चीनी का निर्यात किया था.
निर्यात के प्रमुख गंतव्यों में इंडोनेशिया, बांग्लादेश, सूडान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा है कि ‘भारत का चीनी निर्यात वर्ष 2013-14 के 117.7 करोड़ डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 460 करोड़ डॉलर का हो गया. ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में देश के कुल चीनी उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत उत्पादन होता है.
मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2010-11 के बाद से भारत ने लगातार अधिशेष चीनी का उत्पादन किया है. रिकॉर्ड निर्यात चीनी उत्पादकों को अपने स्टॉक को कम करने में मदद करेगा और गन्ना किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि भारतीय चीनी की बढ़ती मांग से उनकी बकाया भुगतान में जल्द होने के आसार है. मंत्रालय ने आगे कहा कि रिकॉर्ड निर्यात के बाद भी चीनी सत्र 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के अंत में पहले का बचा स्टॉक 73 लाख टन के आरामदायक स्तर पर रहेगा. सरकार चीनी निर्यात में इस वृद्धि के स्तर को बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम उठाना जारी रखेगी.
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