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किसानों के साथ धरने पर बैठे सुरजेवाला, बोले- धान की जगह मक्का-दाल उगी तो छोड़ दूंगा राजनीति

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Published : May 25, 2020, 6:31 PM IST

Updated : May 26, 2020, 3:47 PM IST

सरकार की ओर से पानी बचाने को लेकर चलाई जा रही 'मेरा जल, मेरी विरासत' योजना के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. इस योजना के तहत किसान को धान की खेती की जगह अन्य खेती करने को कहा गया है.

randeep surjewala protest in guhla cheeka kaithal
किसानों के साथ धरने पर बैठे कांग्रेस रणदीप सुरजेवाला

कैथल: हरियाणा में धान की खेती को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. सोमवार को सरकार की इन्हीं नीतियों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों का साथ देने रणदीप सुरजेवाला गुहला चीका पहुंचे. इस दौरान सुरजेवाला हरियाणा सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार की तानाशाही अब सारी हदें पार कर गई हैं.

सुरजेवाला ने मनोहर लाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे गुहला चीका क्षेत्र में आए या फिर सुरजेवाला उन्हें मोटरसाइकिल या गाड़ी में लेकर आएंगे. उन्हें गुहला चीका के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करवाएंगे. अगर वे इन क्षेत्रों में मक्का और दाल की फसलें उगाते हैं, तो वे अपनी राजनीति छोड़ देंगे.

किसानों के साथ धरने पर बैठे सुरजेवाला

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 9 मई, 2020 को एक हिटलरशाही फरमान जारी कर खट्टर सरकार ने गुहला चीका, सीवन, शाहबाद, बबैन, इस्माईलाबाद, पीपली सहित हरियाणा के 19 ब्लॉक्स में धान की खेती पर पाबंदी लगा दी. अब तो पानी सिर से पार हो गया है. किसान को चोट पहुंचाना ही बीजेपी और जेजेपी का राजधर्म है. खट्टर सरकार ने कुरुक्षेत्र और कैथल के किसान की खेती उजाड़ने, आढ़ती और दुकानदार का धंधा बंद करने, राइस सेलर और चावल उद्योग पर पूरी तरह तालाबंदी करने का निर्णय कर लिया है.

राज्यपाल के नाम सुरजेवाला का ज्ञापन

गुहला चीका सीवन में खट्टर सरकार की ओर से धान की खेती पर पाबंदी के विरोध में कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एसडीएम कार्यालय के सामने सांकेतिक धरना दिया. हरियाणा के राज्यपाल के नाम एसडीएम को ‌‌ज्ञापन सौंपा. सुरजेवाला ने गठबंधन सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तो ये उनका सांकेतिक धरना है. इसके बाद रण होगा. 9 मई 2020 को जारी फरमान सरकार वापस नहीं लेती, तो सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में 53 साल में पहली ऐसी सरकार है, जिसने नहर खोदने की बजाय, उसको बंद करने का काम किया है. पहले दादूपुर नलवी नहरबंदी, फिर नौकरीबंदी और अब धानबंदी. साफ है कि सरकार किसानों की दुश्मन है.

सरकार के खिलाफ सुरजेवाला का प्रदर्शन

इस दौरान जब उनसे सवाल पूछा गया कि पूर्व में रहे विधायक दिल्लू राम बाजीगर ने किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार मुआवजा खट्टर सरकार से देने की मांग उठाई थी. इस सवाल के जवाब में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मांग रखने का समय अब खत्म हो गया है. ये समय संघर्ष का है. जिसे संघर्ष करना है वो किसानें के साथ आए. उन्होंने कहा कि जिस दिन किसान, मजदूर अपना हल और फावड़ा लेकर खड़ा हो गया, जिस दिन अपना शांति का हथियार उठाकर खड़ा हो गया. सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे. सरकार राज सत्ता की गद्दी पर भी नहीं बैठ पाएगी.

सुरजेवाला की सरकार से मांग

  • 9 मई, 2020 को धान की खेती पर पाबंदी लगाने वाले फरमान को खारिज करे.
  • 23 अप्रैल, 2020 का पंचायती जमीन पर धान की खेती पर रोक लगाने वाला किसान विरोधी आदेश वापस ले.
  • दादूपुर नलवी रिचार्ज नहर परियोजना को दोबारा शुरू करे.
  • किसान के 50 बीएचपी की मोटर वाले ट्यूबवेल कनेक्शन काटने का आदेश खारिज करे.
  • किसान की सब्सिडी वापस लेने और किसान को परेशान करने वाले आदेश वापस ले.

ये भी पढ़े:- पानीपत थर्मल प्लांट पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगाया 2.70 करोड़ रुपये का जुर्माना

कैथल: हरियाणा में धान की खेती को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. सोमवार को सरकार की इन्हीं नीतियों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों का साथ देने रणदीप सुरजेवाला गुहला चीका पहुंचे. इस दौरान सुरजेवाला हरियाणा सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार की तानाशाही अब सारी हदें पार कर गई हैं.

सुरजेवाला ने मनोहर लाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे गुहला चीका क्षेत्र में आए या फिर सुरजेवाला उन्हें मोटरसाइकिल या गाड़ी में लेकर आएंगे. उन्हें गुहला चीका के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करवाएंगे. अगर वे इन क्षेत्रों में मक्का और दाल की फसलें उगाते हैं, तो वे अपनी राजनीति छोड़ देंगे.

किसानों के साथ धरने पर बैठे सुरजेवाला

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 9 मई, 2020 को एक हिटलरशाही फरमान जारी कर खट्टर सरकार ने गुहला चीका, सीवन, शाहबाद, बबैन, इस्माईलाबाद, पीपली सहित हरियाणा के 19 ब्लॉक्स में धान की खेती पर पाबंदी लगा दी. अब तो पानी सिर से पार हो गया है. किसान को चोट पहुंचाना ही बीजेपी और जेजेपी का राजधर्म है. खट्टर सरकार ने कुरुक्षेत्र और कैथल के किसान की खेती उजाड़ने, आढ़ती और दुकानदार का धंधा बंद करने, राइस सेलर और चावल उद्योग पर पूरी तरह तालाबंदी करने का निर्णय कर लिया है.

राज्यपाल के नाम सुरजेवाला का ज्ञापन

गुहला चीका सीवन में खट्टर सरकार की ओर से धान की खेती पर पाबंदी के विरोध में कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एसडीएम कार्यालय के सामने सांकेतिक धरना दिया. हरियाणा के राज्यपाल के नाम एसडीएम को ‌‌ज्ञापन सौंपा. सुरजेवाला ने गठबंधन सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तो ये उनका सांकेतिक धरना है. इसके बाद रण होगा. 9 मई 2020 को जारी फरमान सरकार वापस नहीं लेती, तो सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में 53 साल में पहली ऐसी सरकार है, जिसने नहर खोदने की बजाय, उसको बंद करने का काम किया है. पहले दादूपुर नलवी नहरबंदी, फिर नौकरीबंदी और अब धानबंदी. साफ है कि सरकार किसानों की दुश्मन है.

सरकार के खिलाफ सुरजेवाला का प्रदर्शन

इस दौरान जब उनसे सवाल पूछा गया कि पूर्व में रहे विधायक दिल्लू राम बाजीगर ने किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार मुआवजा खट्टर सरकार से देने की मांग उठाई थी. इस सवाल के जवाब में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मांग रखने का समय अब खत्म हो गया है. ये समय संघर्ष का है. जिसे संघर्ष करना है वो किसानें के साथ आए. उन्होंने कहा कि जिस दिन किसान, मजदूर अपना हल और फावड़ा लेकर खड़ा हो गया, जिस दिन अपना शांति का हथियार उठाकर खड़ा हो गया. सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे. सरकार राज सत्ता की गद्दी पर भी नहीं बैठ पाएगी.

सुरजेवाला की सरकार से मांग

  • 9 मई, 2020 को धान की खेती पर पाबंदी लगाने वाले फरमान को खारिज करे.
  • 23 अप्रैल, 2020 का पंचायती जमीन पर धान की खेती पर रोक लगाने वाला किसान विरोधी आदेश वापस ले.
  • दादूपुर नलवी रिचार्ज नहर परियोजना को दोबारा शुरू करे.
  • किसान के 50 बीएचपी की मोटर वाले ट्यूबवेल कनेक्शन काटने का आदेश खारिज करे.
  • किसान की सब्सिडी वापस लेने और किसान को परेशान करने वाले आदेश वापस ले.

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Last Updated : May 26, 2020, 3:47 PM IST
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