हैदराबाद: फॉर्मूला ई रेस के आयोजन में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज केस में एक नया मोड़ आ गया है. इस मामले में ईडी ने भी कदम बढ़ा दिया है और ईडी अधिकारियों ने पत्र लिखकर ACB द्वारा दर्ज किए गए मामले में दर्ज एफआईआर और दस्तावेज मांगे थे. एसीबी अधिकारियों से विस्तृत जानकारी मिलने के बाद ईडी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया है.
इस बीच भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव (KTR) ने मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर तेलंगाना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. केटीआर ने जस्टिस श्रवण कुमार के समक्ष लंच मोशन याचिका दायर की, जिसमें लंच के बाद तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया, जहां कोर्ट ने 30 दिसंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
वहीं, अदालत ने एसीबी को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी और मामले की सुनवाई इस महीने की 27 तारीख तक स्थगित कर दी है. अधिवक्ता सीएस सुंदरम इस मामले में केटीआर का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. उन्होंने अपनी याचिका में तर्क दिया कि मामले में कोई प्रारंभिक जांच नहीं हुई और फिर 14 महीने बाद अचानक एफआईआर दर्ज की गई.
ED ने केटीआर समेत इनके खिलाफ दर्ज किया मामला
ईडी के अधिकारियों ने एसीबी से सूचना प्राप्त कर एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया. मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम के अनुसार बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर, वरिष्ठ आईएएस अरविंद कुमार और एचएमडीए के मुख्य अभियंता बीएलएन रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
ACB ने दर्ज किया केस
इससे पहले ACB ने गुरुवार को तेलंगाना के पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें पिछले साल बीआरएस सरकार के दौरान हैदराबाद में फॉर्मूला ई रेस के दौरान सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है.एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ए) और 13(2) और भारतीय दंड संहिता की धारा 409 और 120(बी) के तहत एफआईआर दर्ज की थी.
55 करोड़ रुपये का भुगतान का आरोप
एफआईआर में दावा किया गया है कि हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए केटीआर के निर्देश पर एक विदेशी कंपनी को 55 करोड़ रुपये का भुगतान किया. कथित तौर पर ये भुगतान कैबिनेट या वित्त विभाग की मंजूरी के बिना किए गए थे.
केटीआर ने आरोपों का किया खंडन
केटीआर ने इन आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया है. उन्होंने कहा कि सभी लेन-देन पारदर्शी तरीके से किए गए थे और कांग्रेस सरकार ही भ्रष्ट थी. इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय केटीआर के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज करने की तैयारी कर रहा है.