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गूंजने लगी बेटियों की किलकारियां, हरियाणा में लिंगानुपात में महेंद्रगढ़ जिले को मिला तीसरा नंबर - haryana

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक महेंद्रगढ़ जिला में वर्ष-2011 में 1000 लड़कों पर मात्र 733 लड़कियों ने जन्म लिया था. इन आंकड़ों के सामने आने से लिंगानुपात के नीचले पायदान में महेंद्रगढ़ जिला देशभर में चर्चा का विषय बना.

हरियाणा में लिंगानुपात में महेंद्रगढ़ जिले को मिला तीसरा नंबर
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Published : Mar 12, 2019, 3:30 AM IST

महेंद्रगढ़ः जनगणना-2011 के जब आंकड़े सामने आए तो ­झज्जर के बाद महेंद्रगढ़ जिला देशभर में लिंगानुपात मामले में नीचले पायदान पर था. देशभर में बेटियों के जन्म कम लेने के आंकड़ों से सुर्खियों में प्रदेश का ­झज्जर व महेंद्रगढ़ जिला ने बदनामी का दंश ­झेला था. इस दाग को धोने के लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन तक ने निरंतर प्रयास किए.

कन्या जन्म पर कुआं पूजन की परम्परा चल पड़ी. साल-2015 के बाद निरंतर लिंगानुपात में सुधार देखने को मिला. अब साल-2018 में लिंगानुपात में वृद्धि मामले में प्रदेश के तीन जिला जींद, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ का चयन किया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक महेंद्रगढ़ जिला में वर्ष-2011 में 1000 लड़कों पर मात्र 733 लड़कियों ने जन्म लिया था. इन आंकड़ों के सामने आने से लिंगानुपात के नीचले पायदान में महेंद्रगढ़ जिला देशभर में चर्चा का विषय बना. देशभर में बदनामी ­झेलने के बाद सरकार व स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली. इसके बाद निरंतर प्रयास किये गए. चौंकाने वाले आंकड़े सामने आने पर बालिकाओं के अस्तित्व को बचाने, उनके संरक्षण और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए समन्वित और समिलित प्रयासों की आवश्यकता दिखाई दी.

इसी का नतीजा रहा कि साल 2015 में 22 जनवरी को प्रदेश के पानीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की. वहीं मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम पोर्टल की शुरूआत की गई. नेशनल हेल्थ मिशन के तहत शुरू किए गए इस पोर्टल में सूचना दर्ज की गई. सूचना दर्ज करने का तरीका रखा गया कि सबसे पहले जिले में कार्यरत एएनएम व आशा वर्करों को घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने का काम सौंपा गया.

येजानकारी पूरी तरह से एमसीटीएस पोर्टल पर अपलोड कर दी गई. प्रथम ट्राइमेस्टर गर्भ धारण से डिलीवरी के बाद इम्यूनाइजेशन तक महिलाओं को मॉनिटर करती है और उसकी जानकारी एमसीटीएस पोर्टल पर अपलोड होती है. अगर कोई महिला का गर्भपात होता है तो उस मामले की जांच पड़ताल की जाती है कि महिला का किस कारण गर्भपात किया गया.


किस वर्ष कितना रहा लिंगानुपात

  • वर्ष पुरूषमहिलाकुललिंगानुपात
  • 20099384738916753789
  • 201094467303 16749 773
  • 2011 9849722117070733
  • 20129536733816874770
  • 20139832732017152 745
  • 201499937378 17371738
  • 2015 89737266 16239810
  • 20169027734816375814
  • 20178128 699215120860
  • 20186966 625413220898
  • सेंटरपुरूषमहिला. लिंगानुपात
  • पीएचसी नांगल सिरोही53 51962
  • पीएचसी भोजावास1310769
  • सीएचसी कनीना1191191000
  • पीएचसी मुंडिया खेडा263000
  • पीएचसी माधोगढ़43750
  • पीएचसी पाली591800
  • पीएचसी सतनाली8993880
  • सीएचसी अटेली183161880
  • पीएचसी बाछौद5000
  • पीएचसी सिहमा2176000
  • पीएचसी बलाहा कलां21500
  • पीएचसी दौचाना122000
  • पीएचसी रामपुरा100
  • पीएचसी आंतरी144000
  • पीएचसी बायल111000
  • पीएचसी बुढवाल52400
  • पीएचसी नांगल चौधरी1522001316
  • पीएचसी सिरोही बहाली100
  • पीएचसी धनौंदा2 1500
  • पीएचसी सेहलंग194143737
  • पीएचसी छिलरो781143
  • पीएचसी मंढाणा100
  • पीएचसी बामणवास000
  • पीएचसी मालड़ा284000
  • एमसी महेंद्रगढ़346302873
  • एमसी नारनौल12461089 874
  • पीपीसी नारनौल36073210890
  • एसडीएच महेंद्रगढ़857772901
  • पीएचसी बिगोपुर6851750
  • कुल69696258898

भूर्ण लिंग जांच करवाने वालों पर कंसा शिकंजा

महेंद्रगढ़ जिले के 370 गांव में से 46 गांव व ढाणियां है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 30 अल्ट्रासाउंड केंद्र है. एक सीटी स्कैन सेंटर और 10 एमपीटी (मेडिकल ऑफ प्रेग्निेंसी ट्रेर्मिनेशन सेंटर) है. अधिकांश अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की पैनी नजर रहती है. यहीं नहीं, स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान, दिल्ली व गुरूग्राम जैसे एरिया में जाकर भी भूर्ण लिंग जांच करने के मामलों को पकड़ा है.

छापामार कार्रवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम अधिकांश जगह सफल भी रही. यह सख्ती भी एक कारण रही कि लिंगानुपात में सुधार हुआ. हालांकि अभी भी गुप्त रूप से कुछ जगह लिंग जांच का खेल चल रहा है. सरकार ने बकायदा इस तरह के घिनौने कार्य करने वालों की गुप्त सूचना देने वालों को इनामी राशि देने की घोषणा भी की हुई है.


महेंद्रगढ़ः जनगणना-2011 के जब आंकड़े सामने आए तो ­झज्जर के बाद महेंद्रगढ़ जिला देशभर में लिंगानुपात मामले में नीचले पायदान पर था. देशभर में बेटियों के जन्म कम लेने के आंकड़ों से सुर्खियों में प्रदेश का ­झज्जर व महेंद्रगढ़ जिला ने बदनामी का दंश ­झेला था. इस दाग को धोने के लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन तक ने निरंतर प्रयास किए.

कन्या जन्म पर कुआं पूजन की परम्परा चल पड़ी. साल-2015 के बाद निरंतर लिंगानुपात में सुधार देखने को मिला. अब साल-2018 में लिंगानुपात में वृद्धि मामले में प्रदेश के तीन जिला जींद, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ का चयन किया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक महेंद्रगढ़ जिला में वर्ष-2011 में 1000 लड़कों पर मात्र 733 लड़कियों ने जन्म लिया था. इन आंकड़ों के सामने आने से लिंगानुपात के नीचले पायदान में महेंद्रगढ़ जिला देशभर में चर्चा का विषय बना. देशभर में बदनामी ­झेलने के बाद सरकार व स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली. इसके बाद निरंतर प्रयास किये गए. चौंकाने वाले आंकड़े सामने आने पर बालिकाओं के अस्तित्व को बचाने, उनके संरक्षण और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए समन्वित और समिलित प्रयासों की आवश्यकता दिखाई दी.

इसी का नतीजा रहा कि साल 2015 में 22 जनवरी को प्रदेश के पानीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की. वहीं मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम पोर्टल की शुरूआत की गई. नेशनल हेल्थ मिशन के तहत शुरू किए गए इस पोर्टल में सूचना दर्ज की गई. सूचना दर्ज करने का तरीका रखा गया कि सबसे पहले जिले में कार्यरत एएनएम व आशा वर्करों को घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने का काम सौंपा गया.

येजानकारी पूरी तरह से एमसीटीएस पोर्टल पर अपलोड कर दी गई. प्रथम ट्राइमेस्टर गर्भ धारण से डिलीवरी के बाद इम्यूनाइजेशन तक महिलाओं को मॉनिटर करती है और उसकी जानकारी एमसीटीएस पोर्टल पर अपलोड होती है. अगर कोई महिला का गर्भपात होता है तो उस मामले की जांच पड़ताल की जाती है कि महिला का किस कारण गर्भपात किया गया.


किस वर्ष कितना रहा लिंगानुपात

  • वर्ष पुरूषमहिलाकुललिंगानुपात
  • 20099384738916753789
  • 201094467303 16749 773
  • 2011 9849722117070733
  • 20129536733816874770
  • 20139832732017152 745
  • 201499937378 17371738
  • 2015 89737266 16239810
  • 20169027734816375814
  • 20178128 699215120860
  • 20186966 625413220898
  • सेंटरपुरूषमहिला. लिंगानुपात
  • पीएचसी नांगल सिरोही53 51962
  • पीएचसी भोजावास1310769
  • सीएचसी कनीना1191191000
  • पीएचसी मुंडिया खेडा263000
  • पीएचसी माधोगढ़43750
  • पीएचसी पाली591800
  • पीएचसी सतनाली8993880
  • सीएचसी अटेली183161880
  • पीएचसी बाछौद5000
  • पीएचसी सिहमा2176000
  • पीएचसी बलाहा कलां21500
  • पीएचसी दौचाना122000
  • पीएचसी रामपुरा100
  • पीएचसी आंतरी144000
  • पीएचसी बायल111000
  • पीएचसी बुढवाल52400
  • पीएचसी नांगल चौधरी1522001316
  • पीएचसी सिरोही बहाली100
  • पीएचसी धनौंदा2 1500
  • पीएचसी सेहलंग194143737
  • पीएचसी छिलरो781143
  • पीएचसी मंढाणा100
  • पीएचसी बामणवास000
  • पीएचसी मालड़ा284000
  • एमसी महेंद्रगढ़346302873
  • एमसी नारनौल12461089 874
  • पीपीसी नारनौल36073210890
  • एसडीएच महेंद्रगढ़857772901
  • पीएचसी बिगोपुर6851750
  • कुल69696258898

भूर्ण लिंग जांच करवाने वालों पर कंसा शिकंजा

महेंद्रगढ़ जिले के 370 गांव में से 46 गांव व ढाणियां है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 30 अल्ट्रासाउंड केंद्र है. एक सीटी स्कैन सेंटर और 10 एमपीटी (मेडिकल ऑफ प्रेग्निेंसी ट्रेर्मिनेशन सेंटर) है. अधिकांश अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की पैनी नजर रहती है. यहीं नहीं, स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान, दिल्ली व गुरूग्राम जैसे एरिया में जाकर भी भूर्ण लिंग जांच करने के मामलों को पकड़ा है.

छापामार कार्रवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम अधिकांश जगह सफल भी रही. यह सख्ती भी एक कारण रही कि लिंगानुपात में सुधार हुआ. हालांकि अभी भी गुप्त रूप से कुछ जगह लिंग जांच का खेल चल रहा है. सरकार ने बकायदा इस तरह के घिनौने कार्य करने वालों की गुप्त सूचना देने वालों को इनामी राशि देने की घोषणा भी की हुई है.


Intro:लिंगानुपात वृद्धि के बाद 898, प्रदेश में जिले को मिला तीसरा नंबर

-साल 2011 में ­झज्जर के बाद देशभर में नीचले पायदान पर था महेंद्रगढ़, बेटियां होने पर होता है अब कुआं पूजन

-बेटों का मोह छोड़ रहे लोग, गूंजने लगीं बेटियों की किलकारियां

- साल-2011 के महेंद्रगढ़ जिला का लिंगानुपात था 733, अब आठ साल में पहुंचा 898

-साल-2015 के बाद निरंतर जिला में आई जागरूकता, स्वास्थ्य विभाग के प्रयास सार्थक

नारनौल। जनगणना-2011 के जब आंकड़े सामने आए तो ­झज्जर के बाद महेंद्रगढ़ जिला देशभर में लिंगानुपात मामले में नीचले पायदान पर था। देशभर में बेटियों के जन्म कम लेने के आंकड़ों से सुर्खियों में प्रदेश का ­झज्जर व महेंद्रगढ़ जिला ने बदनामी का दंश ­झेला था। इस दाग को धोने के लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन तक ने निरंतर प्रयास किए। कन्या जन्म पर कुआं पूजन की परम्परा चल पड़ी। साल-2015 के बाद निरंतर लिंगानुपात में सुधार देखने को मिला। अब साल-2018 में लिंगानुपात में वृद्धि मामले में प्रदेश के तीन जिला जींद, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ का चयन किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक महेंद्रगढ़ जिला में वर्ष-2011 में 1000 लड़कों पर मात्र 733 लड़कियों ने जन्म लिया था। इन आंकड़ों के सामने आने से लिंगानुपात के नीचले पायदान में महेंद्रगढ़ जिला देशभर में चर्चा का विषय बना। देशभर में बदनामी ­झेलने के बाद सरकार व स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली। इसके बाद निरंतर प्रयास किये गए। चौंकाने वाले आंकड़े सामने आने पर बालिकाओं के अस्तित्व को बचाने, उनके संरक्षण और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए समन्वित और समिलित प्रयासों की आवश्यकता दिखाई दी। इसी का नतीजा रहा कि साल 2015 में 22 जनवरी को प्रदेश के पानीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की। वहीं मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम पोर्टल की शुरूआत की गई। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत शुरू किए गए इस पोर्टल में सूचना दर्ज की गई। सूचना दर्ज करने का तरीका रखा गया कि सबसे पहले जिले में कार्यरत एएनएम व आशा वर्करों को घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने का काम सौंपा गया। यह जानकारी पूरी तरह से एमसीटीएस पोर्टल पर अपलोड कर दी गई। प्रथम ट्राइमेस्टर गर्भ धारण से डिलीवरी के बाद इम्यूनाइजेशन तक महिलाओं को मॉनिटर करती है और उसकी जानकारी एमसीटीएस पोर्टल पर अपलोड होती है। अगर कोई महिला का गर्भपात होता है तो उस मामले की जांच पड़ताल की जाती है कि महिला का किस कारण गर्भपात किया गया। 




Body:किस वर्ष कितना रहा लिंगानुपात

वर्ष           पुरूष          महिला          कुल          लिंगानुपात

2009          9384          7389          16753          789

2010          9446          7303          16749          773

2011                9849          7221          17070          733

2012          9536          7338          16874          770

2013          9832          7320          17152          745

2014          9993          7378          17371          738

2015          8973          7266          16239          810

2016          9027          7348          16375          814

2017          8128          6992          15120          860

2018          6966          6254          13220          898



सेंटर                            पुरूष          महिला।          लिंगानुपात

पीएचसी नांगल सिरोही                   53          51          962

पीएचसी भोजावास                   13          10          769

सीएचसी कनीना                   119          119          1000

पीएचसी मुंडिया खेडा                   2          6          3000

पीएचसी माधोगढ़                   4          3          750

पीएचसी पाली                   5          9          1800

पीएचसी  सतनाली                   89          93          880

सीएचसी  अटेली                   183          161          880

पीएचसी बाछौद                   5          0          00

पीएचसी सिहमा                   2          17          6000

पीएचसी बलाहा कलां                   2          1          500

पीएचसी दौचाना                   1          2          2000

पीएचसी रामपुरा                   1          0          0

पीएचसी आंतरी                   1          4          4000

पीएचसी बायल                   1          1          1000

पीएचसी बुढवाल                   5          2          400

पीएचसी नांगल चौधरी                   152          200          1316

पीएचसी सिरोही बहाली          1          0          0

पीएचसी धनौंदा                   2          1          500

पीएचसी सेहलंग                   194          143          737

पीएचसी छिलरो                   7          8          1143

पीएचसी मंढाणा                   1          0          0

पीएचसी बामणवास                   0          0          0

पीएचसी मालड़ा                   2          8          4000

एमसी महेंद्रगढ़                   346          302          873

एमसी नारनौल                   1246          1089          874

पीपीसी नारनौल                   3607          3210          890

एसडीएच महेंद्रगढ़                   857          772          901

पीएचसी बिगोपुर                   68          51          750

कुल                            6969          6258          898




Conclusion:भूर्ण लिंग जांच करवाने वालों पर कंसा शिकंजा

महेंद्रगढ़ जिले के 370 गांव में से 46 गांव व ढाणियां है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 30 अल्ट्रासाउंड केंद्र है। एक सीटी स्कैन सेंटर और 10 एमपीटी (मेडिकल आॅफ प्रेग्निेंसी ट्रेर्मिनेशन सेंटर) है। अधिकांश अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की पैनी नजर रहती है। यहीं नहीं, स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान, दिल्ली व गुरूग्राम जैसे एरिया में जाकर भी भूर्ण लिंग जांच करने के मामलों को पकड़ा है। जान हथेली पर रखकर छापामार कार्रवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम अधिकांश जगह सफल भी रही। यह सख्ती भी एक कारण रही कि लिंगानुपात में सुधार हुआ। हालांकि अभी भी गुप्त रूप से कुछ जगह लिंग जांच का खेल चल रहा है। सरकार ने बकायदा इस तरह के घिनौने कार्य करने वालों की गुप्त सूचना देने वालों को इनामी राशि देने की घोषणा भी की हुई है। 


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