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23 दिसंबर है हरियाणा के इतिहास का काला दिन, इस दिन जिंदा जले थे 442 लोग

डबवाली अग्नीकांड की सोमवार को 26 साल पूरे हो गए. ये दिन शायद ही डबवाली (सिरसा) के लोग कभी भूल सकें. डबवाली में हुए अग्नीकांड में 442 लोगों की मौत से पूरा देश 1995 में सहम गया था.

23 दिसंबर है हरियाणा के इतिहास का काला दिन
23 दिसंबर है हरियाणा के इतिहास का काला दिन
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Published : Dec 23, 2019, 11:06 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 7:42 PM IST

सिरसा: 23 दिसंबर डबवाली के लिए किसी भयानक सपने की तरह है, लेकिन वो सपना नहीं है हकीकत है. जब डीएवी स्कूल के एक प्रोग्राम में मासूमों की चीखों ने न सिर्फ हरियाणा बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था. चौटाला रोड पर राजीव मैरिज पैलेस में चल रहे डीएवी स्कूल के वार्षिकोत्सव में हुई भीषण अग्निकांड में बच्चों, महिलाओं, पुरुषों समेत 442 लोगों की मौत हो गई थी. जिंदगी के घाव लेकर जी रहे लोगों के जेहन में आज भी 23 दिसंबर की वो दोपहर की याद ताजा है.

ये है आंखें नम कर देने वाली दुर्घटना-
26 साल पहले 23 दिसंबर 1995 को डीएवी पब्लिक स्कूल राजीव पैलेस में अपना वार्षिकोत्सव मना रहा था. पैलेस में सिंथैटिक कपड़े का एक पंडाल बना हुआ था. इस पंडाल में उत्सव को देखने के लिए बड़ी संख्या में छोटे बच्चे, महिलाएं, पुरुष और बुजुर्ग लोग शामिल थे. बताया जाता है कि उत्सव के दौरान ठीक 1 बजकर 40 मिनट पर मेन गेट के पास शॉर्ट-सर्किट हुआ था. शार्ट-सर्किट की चिंगारी सिंथैटिक कपड़े से बने पंडाल पर जा गिरी.

23 दिसंबर है हरियाणा के इतिहास का काला दिन, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- ना पुलिस ना पीसीआर, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर फेल हुई गुरुग्राम पुलिस

6 मिनट में 442 लोगों की दर्दनाक मौत
चंद सैकेंड में ही इस चिंगारी ने एक विकराल रूप धारण कर लिया और पूरे पंडाल को अपनी जद में ले लिया. पंडाल में बैठे लोगों में जबरदस्त भगदड़ मच गई. आग लगा हुआ सिंथैटिक कपड़ा पंडाल में मौजूद लोगों पर आकर गिरता रहा और सिर्फ 6 मिनट में इस अग्निकांड ने 442 लोगों की जाने ले ली. मरने वालों में 258 मासूम बच्चे और 140 महिलाएं शामिल थीं.

24th anniversary of dabwali fire in sirsa
राजीव मैरिज पैलेस में अग्निकांड के बाद की तस्वीर

वहीं, करीब 150 लोग बुरी तरह से झुलस गए. पंडाल में चारों तरफ लाशों के ढेर लग गए थे. अग्निकांड पीड़ित बताते हैं कि मरने वालों की संख्या इसलिए भी अधिक बढ़ी, क्योंकि मुख्य द्वार को कार्यक्रम शुरू होने के बाद बंद कर दिया गया था, जबकि स्टेज के पास एक छोटा गेट रखा गया था.

ये भी पढ़ें- GMDA बस में कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं और क्या है सुविधाएं? देखिए रिपोर्ट

सरकारों से नाराज हैं अग्निकांड पीड़ित-
अग्निकांड का शिकार हुए लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें आधा मुआवजा मिल गया था, लेकिन इस अग्निकांड वजह से उनको बहुत मुशिकलों का सामना करना पड़ रहा है. डीएवी स्कूल प्रशाशन इस हादसे का पूरी तरह से जिम्मेदार था, लेकिन अभी तक स्कूल प्रशाशन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही स्कूल प्रशाशन द्वारा उन्हें मुआवजा दिया गया है.

24th anniversary of dabwali fire in sirsa
राजीव मैरिज पैलेस में अग्निकांड के बाद की तस्वीर

अग्निकांड में पीड़ित हुए लोगों के सामने पूरी जिंदगी के लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया, लेकिन किसी भी सरकार ने इन पीड़ितों की मदद के लिए सुध नहीं ली. आज भी ये पीड़ित सरकारों से रोजगार की गुहार लगाते हैं. इसके अलावा अग्निकांड पीड़ितों को मुआवजे के लिए भी एक लम्बी लड़ाई अदालतों में डीएवी प्रशासन के खिलाफ लड़नी पड़ी.

24th anniversary of dabwali fire in sirsa
डबवाली अग्नीकांड में मृतकों की तस्वीर

रक्तदान शिविर लगाकर दिवंगत आत्माओं के लिए की प्रार्थना
अब जो लोग इस आग से किसी तरह बच निकलने में कामयाब हुए वो आज भी उस दिन और मंजर को याद करके कांप उठते हैं, क्योंकि बचने वालों में से कोई दिव्यांग हो गया तो किसी का चेहरा जल गया. उन्हीं दिवंगत आत्माओं की याद में डबवाली के लोग इकट्ठा हुए रक्तदान कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

ये भी पढ़ें- महिलाओं को लेकर हरियाणा कितना गंभीर? मुसीबत के वक्त महिलाओं की सुरक्षा राम भरोसे!

सिरसा: 23 दिसंबर डबवाली के लिए किसी भयानक सपने की तरह है, लेकिन वो सपना नहीं है हकीकत है. जब डीएवी स्कूल के एक प्रोग्राम में मासूमों की चीखों ने न सिर्फ हरियाणा बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था. चौटाला रोड पर राजीव मैरिज पैलेस में चल रहे डीएवी स्कूल के वार्षिकोत्सव में हुई भीषण अग्निकांड में बच्चों, महिलाओं, पुरुषों समेत 442 लोगों की मौत हो गई थी. जिंदगी के घाव लेकर जी रहे लोगों के जेहन में आज भी 23 दिसंबर की वो दोपहर की याद ताजा है.

ये है आंखें नम कर देने वाली दुर्घटना-
26 साल पहले 23 दिसंबर 1995 को डीएवी पब्लिक स्कूल राजीव पैलेस में अपना वार्षिकोत्सव मना रहा था. पैलेस में सिंथैटिक कपड़े का एक पंडाल बना हुआ था. इस पंडाल में उत्सव को देखने के लिए बड़ी संख्या में छोटे बच्चे, महिलाएं, पुरुष और बुजुर्ग लोग शामिल थे. बताया जाता है कि उत्सव के दौरान ठीक 1 बजकर 40 मिनट पर मेन गेट के पास शॉर्ट-सर्किट हुआ था. शार्ट-सर्किट की चिंगारी सिंथैटिक कपड़े से बने पंडाल पर जा गिरी.

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24th anniversary of dabwali fire in sirsa
राजीव मैरिज पैलेस में अग्निकांड के बाद की तस्वीर

वहीं, करीब 150 लोग बुरी तरह से झुलस गए. पंडाल में चारों तरफ लाशों के ढेर लग गए थे. अग्निकांड पीड़ित बताते हैं कि मरने वालों की संख्या इसलिए भी अधिक बढ़ी, क्योंकि मुख्य द्वार को कार्यक्रम शुरू होने के बाद बंद कर दिया गया था, जबकि स्टेज के पास एक छोटा गेट रखा गया था.

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सरकारों से नाराज हैं अग्निकांड पीड़ित-
अग्निकांड का शिकार हुए लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें आधा मुआवजा मिल गया था, लेकिन इस अग्निकांड वजह से उनको बहुत मुशिकलों का सामना करना पड़ रहा है. डीएवी स्कूल प्रशाशन इस हादसे का पूरी तरह से जिम्मेदार था, लेकिन अभी तक स्कूल प्रशाशन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही स्कूल प्रशाशन द्वारा उन्हें मुआवजा दिया गया है.

24th anniversary of dabwali fire in sirsa
राजीव मैरिज पैलेस में अग्निकांड के बाद की तस्वीर

अग्निकांड में पीड़ित हुए लोगों के सामने पूरी जिंदगी के लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया, लेकिन किसी भी सरकार ने इन पीड़ितों की मदद के लिए सुध नहीं ली. आज भी ये पीड़ित सरकारों से रोजगार की गुहार लगाते हैं. इसके अलावा अग्निकांड पीड़ितों को मुआवजे के लिए भी एक लम्बी लड़ाई अदालतों में डीएवी प्रशासन के खिलाफ लड़नी पड़ी.

24th anniversary of dabwali fire in sirsa
डबवाली अग्नीकांड में मृतकों की तस्वीर

रक्तदान शिविर लगाकर दिवंगत आत्माओं के लिए की प्रार्थना
अब जो लोग इस आग से किसी तरह बच निकलने में कामयाब हुए वो आज भी उस दिन और मंजर को याद करके कांप उठते हैं, क्योंकि बचने वालों में से कोई दिव्यांग हो गया तो किसी का चेहरा जल गया. उन्हीं दिवंगत आत्माओं की याद में डबवाली के लोग इकट्ठा हुए रक्तदान कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

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Last Updated : Dec 23, 2021, 7:42 PM IST
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