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Haryana Nuh Violence: नूंह में हिंसा, साजिश सरकार और सियासत, किस से हुई ब्रज मंडल यात्रा की सुरक्षा में चूक? - Nuh Violence Security Lapse

नूंह में हिंसा के बाद अब कई चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं. इसके साथ ही हिंसा को लेकर राजनीति भी तेज होने लगी है. नूंह हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इस हिंसा में सैकड़ों गाड़ियां जलकर राख हो चुकी हैं. इस बीच नूंह हिंसा को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं कि आखिर हिंसा यात्रा में कहां चूक हुई, जिसके चलते उपद्रवियों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया. (Haryana Nuh Violence)

Haryana Nuh Violence
नूंह हिंसा, साजिश और सियासत
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Published : Aug 3, 2023, 7:55 AM IST

चंडीगढ़: नूंह में हुई आगजनी और हिंसा की वारदात के लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी जांच तो सरकार कर रही है. लेकिन, जिस तरह से इतना बड़ा घटनाक्रम हुआ उसने सरकार की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है. सवाल यही है कि ब्रज मंडल यात्रा की सुरक्षा की तैयारियों में क्या पुलिस और प्रशासन से चूक हुई या फिर सरकार को इस तरह कि कोई इनपुट नहीं मिल पाई?

ये भी पढ़ें: Haryana Nuh Violence: हिंसा के बाद नूंह में कानून व्यवस्था संभालेंगे तेजतर्रार IAS ऑफिसर अजीत बालाजी जोशी, आदेश जारी

नूंह हिंसा, साजिश और सियासत: नूंह में हुई हिंसक वारदात में सैकड़ों गाड़ियां जल गई, छह घरों में मातम पसर गया, आगजनी हुई, गोलीबारी हुई, लेकिन उपद्रवियों के आगे पुलिस प्रशासन ने घुटने टेक दिए. यह सब इतनी आसानी से कैसे हुआ? पूरा घटनाक्रम देखा जाए तो इससे साफ पता चलता है कि इस पूरी हिंसक वारदात के लिए पहले से ही तैयारी की गई थी. लेकिन, फिर पुलिस और प्रशासन ने यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए? क्या इस बात की भनक पुलिस और प्रशासन को नहीं हुई?

हिंसा के दिन छुट्टी पर थे नूंह के एसपी: इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि जिले के एसपी छुट्टी पर थे. वहीं, उनकी गैर हाजरी में जो जिम्मेदारी पलवल के एसपी को दी गई थी, जानकारी के मुताबिक वह भी हिंसक वारदात जब हुई उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे. वहीं, एसपी के छुट्टी होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि नूंह के एसपी 10, 12 दिन पहले ही अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत छुट्टी पर गए थे. इस वक्त ऐसी कोई संभावना नहीं थी. हालांकि वे कहते हैं कि जब यह संभावना बनी थी तो इस मामले में जिले के डिप्टी कमिश्नर ने एक दिन पहले ही दोनों पक्षों के साथ बैठक की थी. जिसमें, उन्हें आश्वस्त किया गया था कि शांतिपूर्ण यात्रा निकलेगी और किसी प्रकार का कोई तनाव नहीं होगा. उनकी लगातार इस पर नजर थी, लेकिन अचानक से यह सारी चीजें हुई हैं. अब जांच में जिस तरह की भी जानकारी सामने आएगी, साजिश का कोई सूत्र मिलेगा तो कार्रवाई की जाएगी.

  • मैं किसी भी कीमत पर प्रदेश की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने नहीं दूंगा...
    नूंह की घटना के हर एक अपराधी को कानून के माध्यम से उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

    और वहां हुए हर एक नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही होगी और उन्हीं से उसकी वसूली भी करवाई जाएगी।

    — Manohar Lal (@mlkhattar) August 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: नूंह हिंसा पर बोले हरियाणा के सीएम- दंगाइयों से होगी नुकसान की भरपाई, मोनू मानेसर पर कही ये बड़ी बात

900 पुलिसकर्मियों पर यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा: बताया जा रहा है कि, इस यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा 900 पुलिसकर्मियों के हवाले किया गया था. लेकिन, जिस तरह का तांडव उपद्रवियों ने मचाया उसे देखकर लगता है कि पुलिस की मौजूदगी का भी उपद्रवियों में कोई खौफ नहीं था. वही यात्रा में गए लोगों का भी कहना है कि वहां पर पुलिस के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. तीन तरफ से घेरकर लोगों को वहां पर हमला किया गया.

क्या कहते हैं हरियाणा के शिक्षा मंत्री?: जब हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से इस पर बात की गई और पूछा गया कि क्या आप नहीं मानते कि इसमें सीधी-सीधी सरकार की नाकामी है. इस पर हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर कहते हैं कि, जिस तरह हर बात इस यात्रा के लिए पुलिस की व्यवस्था होती थी, उस तरह की व्यवस्था की गई थी. वे कहते हैं कि जैसा कि मैंने यात्रा में शामिल कुछ लोगों की वीडियो में बातचीत सुनी है कि वहां पर 500 पुलिसकर्मी तैनात थे. वे मानते हैं कि इतने बड़े षड्यंत्र की जानकारी पुलिस को नहीं हो पाई. अगर कोई अधिकारी भी इसके लिए दोषी होगा तो निश्चित तौर पर सरकार उसके खिलाफ भी कार्रवाई सरकार करेगी.

  • #WATCH नूंह में स्थिति नियंत्रण में है...करीब 41 FIR दर्ज की गई हैं। अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिस तरह से पत्थर, हथियार और गोलियां मिली हैं, उससे लगता है कि इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड है। हम विस्तृत जांच करेंगे और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे:… pic.twitter.com/9DhmApvs8W

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) August 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आखिर कौन है नूंह हिंसा का जिम्मेदार?: वहीं, इस वारदात के लिए मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. माना जा रहा है कि मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर यात्रा में शामिल होने को लेकर जो वीडियो डाला था उसकी वजह से ही वहां हिंसक घटना घटी. वहीं, मोनू मानेसर ने यात्रा में शामिल होने का भी एक सोशल मीडिया पर वीडियो डाला जिसकी वजह से हालात खराब हुए. यानी मोनू मानेसर को भी इस सारे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.

Haryana Nuh Violence
नूंह हिंसा के बाद प्रदेश के कई जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम.

ये भी पढ़ें: NUH : 79% मुस्लिम आबादी वाले देश के सबसे पिछड़े जिले में पहले भी हुई है हिंसा, लेकिन इतने कभी नहीं बिगड़े हालात

'मोनू मानेसर के बारे में हरियाणा सरकार के पास इनपुट नहीं': मोनू मानेसर को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि जहां तक बात मोनू मानेसर की है तो उसके खिलाफ के राजस्थान सरकार ने दर्ज किया है. हमने राजस्थान सरकार को कहा है कि जिस तरह की भी मदद हमारी उसको ढूंढने में उनको चाहिए हम मदद करने के लिए तैयार हैं. वे कहते हैं कि मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस ढूंढ रही है, वह कहां है अभी हमारे पास उसके बारे में कोई इनपुट नहीं है. राजस्थान पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, जितनी मदद हमारी चाहिए होगी हम करेंगे.

नूंह हिंसा पर हरियाणा के गृह मंत्री की प्रतिक्रिया: वहीं, मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो के बाद इस आगजनी की वारदात होने की बात पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज कहते हैं कि, 'पूरे घटनाक्रम के लिए यह दलील देना कि किसी क्रिमिनल ने सोशल मीडिया पर वीडियो डाली थी सही नहीं है. इसका यह मतलब है कि तुम किसी का भी घर जला दो, इसका मतलब है गाड़ियों फूंक दो, इसका मतलब है, गोलियां चलाओ. कौन सी किताब में लिखा है. मान लो किसी क्रिमिनल ने वीडियो डाल भी दिया तो क्या फिर यह सब किया जाएगा. ऐसे तो सब कुछ क्रिमिनल के हाथ में चला जाएगा और यह ठीक नहीं है. अगर मोनू मानेसर की इस केस में कोई भूमिका होगी तो उसके खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'

'जांच में जुटे हैं साइबर डिपार्टमेंट के अधिकारी': वहीं, अंदेशा यह जताया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने में बाहरी लोगों का भी हाथ हो सकता है. यानी बाहर के भी कुछ लोग इस उपद्रव में शामिल हो सकते हैं. इसको लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल कहते हैं कि, 'हमारे साइबर डिपार्टमेंट के लोग इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं. सोशल मीडिया और टेलीफोनिक बातचीत का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किसने किसको कितनी बार फोन किया उसकी सारी जानकारी सरकार को मिल जाएगी. सीसीटीवी फुटेज का भी एनालिसिस किया जा रहा है. इन्हीं में से ही जांच के बाद 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.'

  • सुनियोजित और षडयंत्र पूर्ण तरीके से नूंह में सामाजिक यात्रा को भंग करने के लिए आक्रमण किया गया और पुलिस को भी निशाना बनाया गया, जो बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है।

    केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए सुरक्षा बल फिलहाल वहाँ तैनात हैं और स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है।… pic.twitter.com/BhHI7czrVd

    — Manohar Lal (@mlkhattar) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: नूंह हिंसा के लिए क्या कांग्रेस विधायक मामन खान जिम्मेदार? सुनिए मोनू मानेसर पर दिया वो पुराना बयान, जिस पर मचा है बवाल

खुफिया तंत्र पर सवाल: वहीं, प्रदेश सरकार लगातार इस बात को कह रही है कि इस सारी वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है. किसी ना किसी ने तो इस पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए षड्यंत्र रचा है. लेकिन, ऐसे में सवाल यह है कि क्या सरकार का खुफिया तंत्र इस मामले में पूरी तरह से फेल हो गया? खुफिया तंत्र के इस मामले में विफल होने से ही यह पूरा घटनाक्रम हुआ यह भी स्पष्ट दिखाई देता है. क्योंकि जिस तरीके से वहां पर उपद्रवियों ने पत्थरों का इंतजाम कर रखा था और अन्य हथियार इकट्ठा कर रखे थे. उससे साफ लगता है कि कहीं ना कहीं खुफिया विभाग यह सारे इनपुट देने में नाकाम रहा है. इस संबंध में सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि, 'एक बार मामले की सारी जांच हो जाए, उस प्रॉसेस पूरा हो जाने के बाद ही सारी बातें बताना ठीक है. आज उस बारे में कुछ भी बोलना उन चीजों को बढ़ावा देना होगा, हमें तहकीकात में जाने दीजिए उसके बाद ही आपको सारी जानकारी मिलेगी.'

चंडीगढ़: नूंह में हुई आगजनी और हिंसा की वारदात के लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी जांच तो सरकार कर रही है. लेकिन, जिस तरह से इतना बड़ा घटनाक्रम हुआ उसने सरकार की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है. सवाल यही है कि ब्रज मंडल यात्रा की सुरक्षा की तैयारियों में क्या पुलिस और प्रशासन से चूक हुई या फिर सरकार को इस तरह कि कोई इनपुट नहीं मिल पाई?

ये भी पढ़ें: Haryana Nuh Violence: हिंसा के बाद नूंह में कानून व्यवस्था संभालेंगे तेजतर्रार IAS ऑफिसर अजीत बालाजी जोशी, आदेश जारी

नूंह हिंसा, साजिश और सियासत: नूंह में हुई हिंसक वारदात में सैकड़ों गाड़ियां जल गई, छह घरों में मातम पसर गया, आगजनी हुई, गोलीबारी हुई, लेकिन उपद्रवियों के आगे पुलिस प्रशासन ने घुटने टेक दिए. यह सब इतनी आसानी से कैसे हुआ? पूरा घटनाक्रम देखा जाए तो इससे साफ पता चलता है कि इस पूरी हिंसक वारदात के लिए पहले से ही तैयारी की गई थी. लेकिन, फिर पुलिस और प्रशासन ने यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए? क्या इस बात की भनक पुलिस और प्रशासन को नहीं हुई?

हिंसा के दिन छुट्टी पर थे नूंह के एसपी: इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि जिले के एसपी छुट्टी पर थे. वहीं, उनकी गैर हाजरी में जो जिम्मेदारी पलवल के एसपी को दी गई थी, जानकारी के मुताबिक वह भी हिंसक वारदात जब हुई उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे. वहीं, एसपी के छुट्टी होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि नूंह के एसपी 10, 12 दिन पहले ही अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत छुट्टी पर गए थे. इस वक्त ऐसी कोई संभावना नहीं थी. हालांकि वे कहते हैं कि जब यह संभावना बनी थी तो इस मामले में जिले के डिप्टी कमिश्नर ने एक दिन पहले ही दोनों पक्षों के साथ बैठक की थी. जिसमें, उन्हें आश्वस्त किया गया था कि शांतिपूर्ण यात्रा निकलेगी और किसी प्रकार का कोई तनाव नहीं होगा. उनकी लगातार इस पर नजर थी, लेकिन अचानक से यह सारी चीजें हुई हैं. अब जांच में जिस तरह की भी जानकारी सामने आएगी, साजिश का कोई सूत्र मिलेगा तो कार्रवाई की जाएगी.

  • मैं किसी भी कीमत पर प्रदेश की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने नहीं दूंगा...
    नूंह की घटना के हर एक अपराधी को कानून के माध्यम से उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

    और वहां हुए हर एक नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही होगी और उन्हीं से उसकी वसूली भी करवाई जाएगी।

    — Manohar Lal (@mlkhattar) August 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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900 पुलिसकर्मियों पर यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा: बताया जा रहा है कि, इस यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा 900 पुलिसकर्मियों के हवाले किया गया था. लेकिन, जिस तरह का तांडव उपद्रवियों ने मचाया उसे देखकर लगता है कि पुलिस की मौजूदगी का भी उपद्रवियों में कोई खौफ नहीं था. वही यात्रा में गए लोगों का भी कहना है कि वहां पर पुलिस के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. तीन तरफ से घेरकर लोगों को वहां पर हमला किया गया.

क्या कहते हैं हरियाणा के शिक्षा मंत्री?: जब हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से इस पर बात की गई और पूछा गया कि क्या आप नहीं मानते कि इसमें सीधी-सीधी सरकार की नाकामी है. इस पर हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर कहते हैं कि, जिस तरह हर बात इस यात्रा के लिए पुलिस की व्यवस्था होती थी, उस तरह की व्यवस्था की गई थी. वे कहते हैं कि जैसा कि मैंने यात्रा में शामिल कुछ लोगों की वीडियो में बातचीत सुनी है कि वहां पर 500 पुलिसकर्मी तैनात थे. वे मानते हैं कि इतने बड़े षड्यंत्र की जानकारी पुलिस को नहीं हो पाई. अगर कोई अधिकारी भी इसके लिए दोषी होगा तो निश्चित तौर पर सरकार उसके खिलाफ भी कार्रवाई सरकार करेगी.

  • #WATCH नूंह में स्थिति नियंत्रण में है...करीब 41 FIR दर्ज की गई हैं। अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिस तरह से पत्थर, हथियार और गोलियां मिली हैं, उससे लगता है कि इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड है। हम विस्तृत जांच करेंगे और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे:… pic.twitter.com/9DhmApvs8W

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आखिर कौन है नूंह हिंसा का जिम्मेदार?: वहीं, इस वारदात के लिए मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. माना जा रहा है कि मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर यात्रा में शामिल होने को लेकर जो वीडियो डाला था उसकी वजह से ही वहां हिंसक घटना घटी. वहीं, मोनू मानेसर ने यात्रा में शामिल होने का भी एक सोशल मीडिया पर वीडियो डाला जिसकी वजह से हालात खराब हुए. यानी मोनू मानेसर को भी इस सारे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.

Haryana Nuh Violence
नूंह हिंसा के बाद प्रदेश के कई जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम.

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'मोनू मानेसर के बारे में हरियाणा सरकार के पास इनपुट नहीं': मोनू मानेसर को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि जहां तक बात मोनू मानेसर की है तो उसके खिलाफ के राजस्थान सरकार ने दर्ज किया है. हमने राजस्थान सरकार को कहा है कि जिस तरह की भी मदद हमारी उसको ढूंढने में उनको चाहिए हम मदद करने के लिए तैयार हैं. वे कहते हैं कि मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस ढूंढ रही है, वह कहां है अभी हमारे पास उसके बारे में कोई इनपुट नहीं है. राजस्थान पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, जितनी मदद हमारी चाहिए होगी हम करेंगे.

नूंह हिंसा पर हरियाणा के गृह मंत्री की प्रतिक्रिया: वहीं, मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो के बाद इस आगजनी की वारदात होने की बात पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज कहते हैं कि, 'पूरे घटनाक्रम के लिए यह दलील देना कि किसी क्रिमिनल ने सोशल मीडिया पर वीडियो डाली थी सही नहीं है. इसका यह मतलब है कि तुम किसी का भी घर जला दो, इसका मतलब है गाड़ियों फूंक दो, इसका मतलब है, गोलियां चलाओ. कौन सी किताब में लिखा है. मान लो किसी क्रिमिनल ने वीडियो डाल भी दिया तो क्या फिर यह सब किया जाएगा. ऐसे तो सब कुछ क्रिमिनल के हाथ में चला जाएगा और यह ठीक नहीं है. अगर मोनू मानेसर की इस केस में कोई भूमिका होगी तो उसके खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'

'जांच में जुटे हैं साइबर डिपार्टमेंट के अधिकारी': वहीं, अंदेशा यह जताया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने में बाहरी लोगों का भी हाथ हो सकता है. यानी बाहर के भी कुछ लोग इस उपद्रव में शामिल हो सकते हैं. इसको लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल कहते हैं कि, 'हमारे साइबर डिपार्टमेंट के लोग इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं. सोशल मीडिया और टेलीफोनिक बातचीत का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किसने किसको कितनी बार फोन किया उसकी सारी जानकारी सरकार को मिल जाएगी. सीसीटीवी फुटेज का भी एनालिसिस किया जा रहा है. इन्हीं में से ही जांच के बाद 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.'

  • सुनियोजित और षडयंत्र पूर्ण तरीके से नूंह में सामाजिक यात्रा को भंग करने के लिए आक्रमण किया गया और पुलिस को भी निशाना बनाया गया, जो बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है।

    केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए सुरक्षा बल फिलहाल वहाँ तैनात हैं और स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है।… pic.twitter.com/BhHI7czrVd

    — Manohar Lal (@mlkhattar) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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खुफिया तंत्र पर सवाल: वहीं, प्रदेश सरकार लगातार इस बात को कह रही है कि इस सारी वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है. किसी ना किसी ने तो इस पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए षड्यंत्र रचा है. लेकिन, ऐसे में सवाल यह है कि क्या सरकार का खुफिया तंत्र इस मामले में पूरी तरह से फेल हो गया? खुफिया तंत्र के इस मामले में विफल होने से ही यह पूरा घटनाक्रम हुआ यह भी स्पष्ट दिखाई देता है. क्योंकि जिस तरीके से वहां पर उपद्रवियों ने पत्थरों का इंतजाम कर रखा था और अन्य हथियार इकट्ठा कर रखे थे. उससे साफ लगता है कि कहीं ना कहीं खुफिया विभाग यह सारे इनपुट देने में नाकाम रहा है. इस संबंध में सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि, 'एक बार मामले की सारी जांच हो जाए, उस प्रॉसेस पूरा हो जाने के बाद ही सारी बातें बताना ठीक है. आज उस बारे में कुछ भी बोलना उन चीजों को बढ़ावा देना होगा, हमें तहकीकात में जाने दीजिए उसके बाद ही आपको सारी जानकारी मिलेगी.'

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