बस्ती (उत्तर प्रदेश) : केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ बताने के किसानों के आरोपों पर शनिवार को कहा कि इसमें इस्तेमाल होने वाली स्याही को छोड़कर इसमें और क्या काला है?
सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैंने एक किसान नेता से पूछा कि कृषि कानूनों में काला क्या है? आप लोग कहते हैं कि यह एक काला कानून है. मैंने उनसे पूछा कि स्याही के अलावा और क्या काला है? उन्होंने कहा कि हम आपके विचार का समर्थन करते हैं, लेकिन फिर भी ये (कानून) काले हैं.
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग राज्य मंत्री सिंह ने कहा, इसका इलाज क्या है? इसका कोई इलाज नहीं है. किसान संगठनों में आपस में वर्चस्व की लड़ाई है. ये लोग छोटे किसानों के फायदे के बारे में नहीं सोच सकते. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून वापस लेने की घोषणा की है.
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा जिस तरह से जीत हासिल करेगी, आप खुद देखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने ही स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू किया.
(पीटीआई-भाषा)