जम्मू : नए साल के पहले दिन जम्मू के माता वैष्णो देवी मंदिर भवन के पास भगदड़ मच गई (Stampede occurs at Mata Vaishno Devi Bhawan). इस घटना में अभी तक 12 लोगों की मारे जाने की पुष्टि हुई है. भगदड़ में मारे गए लोग यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से वैष्णो देवी आए थे, जबकि एक श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर का रहने वाला था.
वहीं, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ की घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है और एक सप्ताह के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. प्रधान सचिव (गृह) की अध्यक्षता में समिति का गठन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया. जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से शनिवार शाम जारी एक आदेश में, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा कि इस दुखद घटना के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. समिति के अन्य दो सदस्य जम्मू संभागीय आयुक्त राघव लंगर और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जम्मू मुकेश सिंह हैं.
आदेश में कहा गया है कि समिति घटना (भगदड़) के कारणों की विस्तार से जांच करेगी और खामियों को बताएगी और इसकी जिम्मेदारी तय करेगी. समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित मानक संचालन प्रक्रियाओं और उपायों का सुझाव देगी.
जम्मू से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित इस धाम पर इस तरह की यह पहली घटना है जहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं. भगदड़ बीती रात लगभग ढाई बजे मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई. यहां पर कटरा आधार शिविर से करीब 13 किलोमीटर की दूरी तय कर श्रद्धालु एकत्र होते हैं.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि भगदड़ की घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रधान सचिव (गृह) शालीन काबरा के नेतृत्व में जांच समिति का गठन किया गया है जिसमें एडीजीपी मुकेश सिंह और जम्मू के संभागीय आयुक्त राजीव लंगर हैं. समिति को एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है.
इस हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केन्द्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने शोक व्यक्त किया. प्रधानमंत्री मोदी ने उपराज्यपाल सिन्हा से बात की.
जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नव वर्ष के आगमन पर यहां अचानक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से भगदड़ मची. हादसे में बचे कुछ लोगों ने इस त्रासदीपूर्ण घटना के लिए कुप्रबंधन’ को दोषी ठहराया.
बहरहाल, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि संभावित भीड़ के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे.
पुलिस ने बताया कि अधिकतर मौतें दम घुटने से हुई है. उन्होंने बताया कि मृतकों में सात उत्तर प्रदेश के, तीन दिल्ली के और एक-एक हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का निवासी है.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह के साथ घटनास्थल पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि एक मामूली लड़ाई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है. सिंह ने बताया कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक कुछ लड़कों में मामूली लड़ाई हुई और कुछ सेकेंड में ही स्थिति भगदड़ में तब्दील हो गई.
उन्होंने बताया, पुलिस और आम प्रशासन के अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और कुछ समय में ही स्थिति को सामान्य कर लिया गया लेकिन तबतक नुकसान हो चुका था.
मध्य प्रदेश में ग्वालियर के रहने वाले प्रेम सिंह ने कहा कि भवन में पूरी तरह से अव्यवस्था की स्थिति थी, क्योंकि न तो तीर्थयात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध था और न ही कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा था. मास्क अनिवार्य होने के बावजूद कई लोगों ने मास्क नहीं पहना था. सिंह ने दावा किया कि एक्स-रे जांच बिंदु पर तैनात पुलिस कर्मी भारी भीड़ के आगे कुछ नहीं कर पा रहे थे और इस प्रकार का हादसा होने की आशंका को लेकर लोगों को सचेत कर रहे थे.
एक शव को पहचानने के लिए एक शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से आए एक तीर्थयात्री ने कहा कि इस त्रासदीपूर्ण हादसे का कारण केवल कुप्रबंधन है. उन्हें भीड़ बढ़ सकने की जानकारी थी, लेकिन लोगों को बेरोक-टोक आने की अनुमति दी. उन्होंने बताया कि कई लोग जाने के बजाय वहीं फर्श पर आराम कर रहे थे जिसकी वजह से भवन के पास और भीड़ हो गई.
इस भगदड़ में अपने मित्र अरुण प्रताप सिंह (30) को खो देने वाले एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आए थे और भवन में बहुत भीड़ थी.
मृतकों की हुई पहचान
मौके पर मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 12 लोगों की मौत हुई है और उनके शवों का आधार शिविर अस्पताल ले जाया गया है. अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में पहचान उत्तर प्रदेश के अरुण प्रताप सिंह (30), धर्मवीर सिंह (35), विनीत कुमार (38) और श्वेता सिंह (35), मोहिंदर गौर (26), नरेंद्र कश्यप (40), मोनू शर्मा (32),दिल्ली के विनय कुमार (24) और सोनू पांडे (24) और आकाश कुमार (29), हरियाणा की ममता (38) और जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के देशराज कुमार (26) रूप में हुई है.
उन्होंने बताया कि घायल 16 लोगों को माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनमें से दो लोगों की हालत गंभीर है तथा कुछ लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई. उन्होंने बताया कि घटना के करीब एक घंटे के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन की अनुमति दे दी गई और यात्रा बाधित नहीं हुई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के संपर्क में ताकि प्रभावित की मदद की जा सके. मोदी ने पीएम-किसान योजना के तहत निधि जारी करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ में लोगों की जान जाने से अत्यंत दुखी हूं. शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये और घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की है. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल सिन्हा ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में भगदड़ के कारण लोगों की मृत्यु से बेहद दुखी हूं. उन्होंने पूरे घटना की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दी.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की. पीएमओ ने प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से एक ट्वीट में कहा कि माता वैष्णो देवी भवन में भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि नए साल के मौके पर वैष्णो देवी धाम आने की युवाओं की परिपाटी से निपटने के लिए नवोन्मेषी उपायों की जरूरत है. सिंह ने काकरियाल स्थित श्री माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना.
उन्होंने कहा, पांरपरिक रूप से श्रद्धालु त्योहारों के दिनों में जैसे नवरात्र, दशहरा और दिवाली को आते थे. लेकिन यह नयी परिपाटी है और हमे इसके अनुसार कदम उठाना होगा. हम इसका कुछ समाधान निकालने के लिए नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी पर चर्चा करेंगे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख जताया
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वह भगदड़ मचने से श्रद्धालुओं की मौत की खबर से अत्यंत दुखी हैं. उन्होंने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना भी प्रकट की. राष्ट्रपति ने कहा, मैं घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
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Very distressed to know that an unfortunate stampede claimed lives of devotees at Mata Vaishno Devi Bhavan. My heartfelt condolences to the bereaved families. I wish speedy recovery to those injured.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है. शाह ने ट्वीट किया, माता वैष्णो देवी मंदिर में हुई दुखद घटना से हृदय अत्यंत व्यथित है. इस संबंध में मैंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से बात की है. प्रशासन घायलों के उपचार के लिए निरंतर कार्यरत है. इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) समेत जम्मू-कश्मीर की सभी प्रमुख पार्टियों ने भी इस घटना पर दुख जताया है.