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बंगाल के युवाओं पर Pak की नजर, सद्दाम और नाजिम के खाताें में लाखाें रुपये ट्रांसफर

एनआईए को खबर मिली है कि बंगाल में बेरोजगारी का फायदा उठाकर सीमा पार से कुछ आतंकी समूह वहां के एक विशेष समुदाय के युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए एनआईए ने वहां अपनी जांच अभियान तेज कर दी है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 7, 2021, 7:55 PM IST

काेलकाता : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) को पहले से ही खबर थी कि कुछ अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन पश्चिम बंगाल (West Bengal) में एक विशेष समुदाय के युवाओं को लुभाने के लिए पश्चिम बंगाल में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की समस्या का फायदा उठा रहे हैं.

अब एनआईए के पास कुछ निश्चित सुराग और दस्तावेज हैं जो बताते हैं कि न केवल पड़ोसी बांग्लादेश में आतंकी संगठन बल्कि इन युवाओं का पाकिस्तान से बाहर के आतंकी संगठनों से भी सीधा संबंध है.

एनआईए को कुछ निश्चित सुराग मिले हैं कि हावड़ा, हुगली, पूर्वी बर्दवान और उत्तर 24 परगना इन चार जिलों के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले एक विशेष समुदाय के युवाओं का पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से सीधा संपर्क है.

एनआईए ने उन पर नजर रखना शुरू कर दिया है. जांच एजेंसी ने उन दस्तावेजों को भी एक्सेस किया है जो दिखाते हैं कि इन युवाओं के बैंक खातों और पाकिस्तान में कुछ बैंक खातों के बीच लाखों रुपये का लेन-देन किया गया है. शुक्रवार की रात एनआईए ने हुगली जिले के ग्रामीण इलाके के एक गांव में कुछ युवकों की तलाश की, हालांकि वे किसी का पता नहीं लगा सके.

छापेमारी ग्रामीण हुगली के मेजोपारा इलाके (Mejopara area) में की गई थी और वे सद्दाम और नाजिम नाम के दो युवकों की तलाश कर रहे थे. हालांकि, उनके आवास पर पहुंचने के बाद दोनों में से किसी का भी पता नहीं चल सका. उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे करीब दो साल पहले इलाके से गायब हो गए थे.

अब सवाल यह उठता है कि आखिर एनआईए इन चारों जिलों के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले एक खास समुदाय के इन युवाओं पर अचानक से ध्यान क्यों दे रही है.

एनआईए के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए उनके विश्वसनीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि इन चार जिलों के कुछ ऐसे युवाओं की हालिया गतिविधियां बेहद संदिग्ध हैं. उन्होंने कहा कि हमें विशिष्ट दस्तावेज मिले हैं जो बताते हैं कि पाकिस्तान में एक विशेष बैंक खाते से सद्दाम (Saddam) और नाजिम ( Nazim) के खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए थे.

वह पैसा फिर से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया गया. इसलिए एनआईए के अधिकारियों के लिए इन बैंक खातों के धारकों से पूछताछ करना जरूरी हो गया है जहां पैसा ट्रांसफर किया गया था. पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी का परिदृश्य तेजी से बिगड़ रहा है. इसलिए हमें संदेह है कि आतंकी संगठन इस आर्थिक स्थिति का फायदा उठा रहे हैं ताकि युवाओं को व्यवस्थित रूप से ब्रेनवॉश करके संगठनों में शामिल होने के लिए आकर्षित किया जा सके.

हाल ही में बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन, जेएमबी के तीन संदिग्ध कार्यकर्ताओं को कोलकाता के दक्षिणी इलाके से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि गिरफ्तारी और प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारियों द्वारा की जा रही थी, एनआईए ने भी पिछले शुक्रवार से आधिकारिक तौर पर जांच अपने हाथ में ले ली.

इसे भी पढ़ें : प. बंगाल : शिक्षक बन बच्चों को पढ़ाता था आतंकी, गिरफ्तार

एनआईए के अधिकारियों का मानना ​​है कि गिरफ्तार तीनों से गहन पूछताछ से पश्चिम बंगाल या उसके आस-पास के राज्यों में छिपे आतंकी संगठन स्लीपर सेल के सदस्यों के बारे में जानकारी सामने आ सकती है.

काेलकाता : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) को पहले से ही खबर थी कि कुछ अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन पश्चिम बंगाल (West Bengal) में एक विशेष समुदाय के युवाओं को लुभाने के लिए पश्चिम बंगाल में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की समस्या का फायदा उठा रहे हैं.

अब एनआईए के पास कुछ निश्चित सुराग और दस्तावेज हैं जो बताते हैं कि न केवल पड़ोसी बांग्लादेश में आतंकी संगठन बल्कि इन युवाओं का पाकिस्तान से बाहर के आतंकी संगठनों से भी सीधा संबंध है.

एनआईए को कुछ निश्चित सुराग मिले हैं कि हावड़ा, हुगली, पूर्वी बर्दवान और उत्तर 24 परगना इन चार जिलों के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले एक विशेष समुदाय के युवाओं का पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से सीधा संपर्क है.

एनआईए ने उन पर नजर रखना शुरू कर दिया है. जांच एजेंसी ने उन दस्तावेजों को भी एक्सेस किया है जो दिखाते हैं कि इन युवाओं के बैंक खातों और पाकिस्तान में कुछ बैंक खातों के बीच लाखों रुपये का लेन-देन किया गया है. शुक्रवार की रात एनआईए ने हुगली जिले के ग्रामीण इलाके के एक गांव में कुछ युवकों की तलाश की, हालांकि वे किसी का पता नहीं लगा सके.

छापेमारी ग्रामीण हुगली के मेजोपारा इलाके (Mejopara area) में की गई थी और वे सद्दाम और नाजिम नाम के दो युवकों की तलाश कर रहे थे. हालांकि, उनके आवास पर पहुंचने के बाद दोनों में से किसी का भी पता नहीं चल सका. उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे करीब दो साल पहले इलाके से गायब हो गए थे.

अब सवाल यह उठता है कि आखिर एनआईए इन चारों जिलों के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले एक खास समुदाय के इन युवाओं पर अचानक से ध्यान क्यों दे रही है.

एनआईए के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए उनके विश्वसनीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि इन चार जिलों के कुछ ऐसे युवाओं की हालिया गतिविधियां बेहद संदिग्ध हैं. उन्होंने कहा कि हमें विशिष्ट दस्तावेज मिले हैं जो बताते हैं कि पाकिस्तान में एक विशेष बैंक खाते से सद्दाम (Saddam) और नाजिम ( Nazim) के खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए थे.

वह पैसा फिर से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया गया. इसलिए एनआईए के अधिकारियों के लिए इन बैंक खातों के धारकों से पूछताछ करना जरूरी हो गया है जहां पैसा ट्रांसफर किया गया था. पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी का परिदृश्य तेजी से बिगड़ रहा है. इसलिए हमें संदेह है कि आतंकी संगठन इस आर्थिक स्थिति का फायदा उठा रहे हैं ताकि युवाओं को व्यवस्थित रूप से ब्रेनवॉश करके संगठनों में शामिल होने के लिए आकर्षित किया जा सके.

हाल ही में बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन, जेएमबी के तीन संदिग्ध कार्यकर्ताओं को कोलकाता के दक्षिणी इलाके से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि गिरफ्तारी और प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारियों द्वारा की जा रही थी, एनआईए ने भी पिछले शुक्रवार से आधिकारिक तौर पर जांच अपने हाथ में ले ली.

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एनआईए के अधिकारियों का मानना ​​है कि गिरफ्तार तीनों से गहन पूछताछ से पश्चिम बंगाल या उसके आस-पास के राज्यों में छिपे आतंकी संगठन स्लीपर सेल के सदस्यों के बारे में जानकारी सामने आ सकती है.

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