सिरसा: हरियाणा के किसानों का रुझान मत्स्य पालन (fish farming in haryana) की ओर ज्यादा बढ़ रहा है. कहते हैं अगर इंसान मेहनत और लगन से कोई भी काम करें तो वो जरूर सफल होता है. और इस कहावत तको सच कर दिखाया है सिरसा के चौटाला गांव के युवा किसान करण सहारण ने. दरअसल खारे पानी में झींगा मछली पालन (fish farming in sirsa) करण के लिए वरदान सिद्ध हो रही है. करण महज 2 सालों में झींगा मछली पालन कर लाखों रुपये का मुनाफा कमा चुके हैं.
एक ओर जहां परम्परागत खेती किसानों के लिए आए दिन नई चुनौतियां पैदा कर रही है. वहीं, पर जमीनी पानी का गिरता स्तर और खारे पानी की परेशानी किसानों को कर्ज के बोझ तले दबा रही है, जिससे किसान खेती में कमाई से ज्यादा आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. लेकिन इन सब चुनौतियों के बीच सिरसा जिले के गांव चौटाला के युवा किसान करण सहारण ने नोएडा से बीएससी फॉरेंसिक की पढ़ाई कर जॉब छोड़ी और फिर पिता के कहने पर झींगा मछली पालन की शुरुआत (prawn fish farming in sirsa ) की.
करण ने महज 1 एकड़ से सरकारी अनुदान पर इसकी शुरुआत की और पहले ही साल 1 ही कल्चर में करीब 4 लाख की कमाई की. इसके बाद 3 एकड़ में झींगा मछली पालन कर 13 लाख रुपये की कमाई की. इस तरह से कुल 5 एकड़ में झींगा मछली का उत्पादन कर लाखों रुपये कमा रहे हैं. किसान करण ने बताया कि उसके सामने खारे पानी की चुनौती और फसलों में आर्थिक रूप से बोझ व कम उत्पादन के चलते कोई और रास्ता नहीं था. उसने सोचा क्यों न परम्परागत खेती को छोड़कर कुछ नया किया जाये, जिससे ज्यादा मुनाफा मिले.
इस दौरान करण को जानकारी मिली की हरियाणा सरकार मत्स्य पालन पर सब्सिडी (Haryana Government Fisheries Department) और सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर वित्तीय सहायता देकर किसानों को परम्परागत खेती छोड़ आधुनिक तकनीक के साथ उत्साहित कर रही है. ऐसे में उसने झींगा मछली पालन करने की शुरुआत की. किसान करण ने बताया कि शुरुआती दौर में ही उसे अच्छा मुनाफा आने लगा, जिसके बाद वो आगे बढ़ता गया.
अब झींगा मछली बेचने के लिए करण को मंडी जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती. बल्कि खेत में बने तलाब से ही झींगा मछली बेच कर पूरी रकम का ऑनलाइन भुगतान हो जाता है. जिससे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है. इसके साथ ही करण ने इस काम में कई लोगों को भी रोजगार दिया है.
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