नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने जीत की हैट्रिक लगाई, उसके बाद से ही छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, राजस्थान तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर मंथन चल रहा है. जहां अंदरखाने भी केंद्रीय नेतृत्व अपने तमाम नेताओं से सलाह विचार कर मुख्यमंत्री चेहरे पर मुहर लगाने की कोशिश में है, वहीं दूसरी तरफ नेताओं के साथ बैठकों का दौर भी चल रहा है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की रेस में भी कई नाम चल रहे हैं. इस बार पार्टी ने कई सांसदों को भी चुनाव लड़वाया था और सूत्रों की माने तो इन सांसदों में से भी पार्टी आलाकमान कई लोगों के नाम पर चर्चा कर रही है. राजस्थान के इन्हीं नामों में से एक है महंत बालकनाथ का नाम, जिनका राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद की रेस में नाम चल रहा है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान के रिजल्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत का रिजल्ट है. देश की जनता को उन पर विश्वास है और उनके कुशल नेतृत्व और विश्वास का फल है. इस सवाल पर कि क्या बीजेपी के लिए सांसदों को चुनाव लड़ाना फलदायक रहा, महंत बालकनाथ ने कहा कि ये सारा निर्णय प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी नेतृत्व का होता है और पार्टी निर्णय लेती है.
उन्होंने कहा कि हम तो कार्यकर्ता हैं, चाहे हम पार्टी सांसद का चुनाव लड़ाए, पार्षद या विधायक का हम सब सिपहसालार हैं. इस सवाल पर कि लोग उनमें योगी आदित्यनाथ की छवि देख रहे है, साधु संत भी मिलने आ रहे है, जवाब देते हुए महंत बालकनाथ ने कहा कि वो एक संत हैं और उनके पास साधु महात्मा आते रहते हैं, मगर मीडिया का अब ध्यान जा रहा है क्योंकि अब चर्चा हो रही है.
इस सवाल पर कि राजस्थान में क्या विकास से ज्यादा भारी हिंदुत्व का एजेंडा रहा, महंत बालकनाथ ने कहा कि विकास हावी रहा और कांग्रेस का भ्रष्टाचार, केंद्र की विकास की योजनाएं और प्रधानमंत्री का नेतृत्व हावी रहा. साथ ही जिस तरह राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश में कांग्रेस का भ्रष्टाचार है, उसी के विरोध में जनता ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया.
इस सवाल पर कि राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, वसुंधरा जी भी अंदरखाने कुछ विधायकों से मिल रहीं हैं, इस पर उन्होंने कहा कि ये विषय हमारा नहीं है, पार्टी ने आदेश किया और पार्टी के आदेश पर हमने चुनाव लड़ा, बाकी पार्टी निर्णय लेगी.