नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर महापंचायत और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये किसान महापंचायत संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ग्रुप द्वारा बुलाई गई है. ये संयुक्त किसान मोर्चा का वो गुट है जो किसान नेताओं के पंजाब चुनाव में जाने के विरोध में मूल इकाई से अलग हो गया था. इसका नेतृत्व मुख्य रूप से जगजीत सिंह डल्लेवाल, शिव कुमार शर्मा किसान नेताओं के द्वारा किया जा रहा है. संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे.
इनकी मांग एमएसपी पर अनिवार्य खरीद के लिए कानून बनाना, लखीमपुर खीरी में मारे गए लोगों को न्याय, किसान आंदोलन के दौरान मृतक सभी किसान के परिवारों को मुआवजा और किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमों की वापसी शामिल है. इसके अलावा किसान आने वाले बिजली संशोधन बिल का भी विरोध कर रहे हैं. नका कहना है कि पिछले साल के नवंबर में जब किसान मोर्चा ने आन्दोलन स्थगित करने का निर्णय लिया तब उन्हें कई आश्वासन दिए गए थे लेकिन बाद में केंद्र सरकार अपनी बात से मुकर गई. एमएसपी पर गठित कमेटी में असली किसान प्रतिनिधि कम और सरकार के पक्षकार लोग ज्यादा शामिल किए गए इसी वजह से संयुक्त किसान मोर्चा इसमें शामिल नहीं हुआ.
दिलचस्प है कि आज ही के दिन दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित कमेटी की बैठक भी चल रही है, जिसका संयुक्त किसान मोर्चा के दोनों ही गुट बहिष्कार कर चुके हैं. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के कई प्रमुख नेता भी आज दिल्ली में ही मौजूद हैं और एक साल तक दिल्ली के बॉर्डरों पर चले किसान आन्दोलन को लेकर लिखी गई एक किताब का विमोचन और आयोजित परिचर्चा में भाग ले रहे हैं. इस तरह से संयुक्त किसान मोर्चा के दोनों गुट और केन्द्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित कमेटी देश की राजधानी में आज तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं.
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