मुंबई: बड़ी और राहत भरी खबर, इंडिगो ने जेट ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मद्देनजर लेवी लागू करने के लगभग तीन महीने बाद टिकटों पर फ्यूल चार्ज वसूलना बंद कर दिया है. फ्यूल चार्ज, जिसे एयरलाइन द्वारा अक्टूबर 2023 की शुरुआत में पेश किया गया था, उसे गुरुवार यानी आज से हटा दिया गया है. एयरलाइन इंडिगो की तरफ से यह घोषणा की गई है. एयरलाइन ने कहा कि हाल ही में एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) की कीमतों में कमी के कारण ईंधन शुल्क वापस ले लिया गया है.
एटीएफ की कीमतें गतिशील है
इंडिगो ने एक बयान में कहा कि चूंकि एटीएफ की कीमतें गतिशील हैं, हम कीमतों या बाजार स्थितियों में किसी भी बदलाव का जवाब देने के लिए अपने किराए और उसके घटकों को समायोजित करना जारी रखेंगे. बता दें फ्यूल चार्ज एयरलाइन के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर लागू था. एयरलाइन ने 4 जनवरी से बुक किए गए सभी टिकटों पर ईंधन अधिभार माफ कर दिया है. नतीजतन, यदि उस तारीख के बाद यात्रा के लिए 4 जनवरी से पहले किसी भी तारीख को टिकट बुक किया गया था, तो अधिभार अभी भी लागू होगा, और ऐसे टिकट धारकों को कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा.
लगातार तीसरे महीने की गई कटौती
बता दें, नए साल के दिन जेट ईंधन या एटीएफ की कीमत में लगातार तीसरे महीने कटौती की गई है. राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने 1 जनवरी 2024 को दिल्ली में एटीएफ की कीमतें 4,162.5 रुपये प्रति किलोलीटर कर दी है. इससे पहले, नवंबर में एटीएफ की कीमत में लगभग 6,854.25 रुपये प्रति किलोलीटर और दिसंबर में 5,189.25 प्रति किलोलीटर की कटौती की गई थी.
इतने रुपये की मिलेगी छूट
बता दें, ईंधन शुल्क के रूप में, इंडिगो 500 किमी तक की दूरी के लिए 300 रुपये और 501 से 1,000 किमी के लिए 400 रुपये चार्ज करता था. वहीं, 1,001 से 1,500 किमी के लिए 550 रुपये, 1,501 से 2,500 किमी के लिए 650 रुपये और 2,501से 3,500 किमी के लिए 800 रुपये लेगा चार्ज करता था, साथ ही 3,500 किमी से अधिक के लिए 1,000 रुपये चार्ज करता था. इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है जिसकी घरेलू बाजार हिस्सेदारी (यात्रियों द्वारा) 60 प्रतिशत से ज्यादा है. अपने बेड़े में 320 से अधिक विमानों के साथ, एयरलाइन 1,900 से अधिक दैनिक उड़ानें संचालित करती है और इसका नेटवर्क 81 घरेलू और 32 अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों को कवर करता है.
वित्तीय रूप से तनावग्रस्त एयरलाइनों का बोझ होगा कम
कटौती के तीन दौरों ने 1 जुलाई से शुरू होने वाली चार मासिक किश्तों में दरों में 29,391.08 रुपये प्रति किलोलीटर की वृद्धि का लगभग 45 फीसदी ख़त्म कर दिया है. जेट ईंधन की कीमत में कमी, जो किसी एयरलाइन की परिचालन लागत का 40 फीसदी होता है, फ्यूल चार्ज के कीमतों में कमी से पहले से ही वित्तीय रूप से तनावग्रस्त एयरलाइनों पर पड़े बोझ को कम कर देगी.