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हरियाणा के देवीलाल यूनिवर्सिटी में छात्राओं के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी के मामले में जांच तेज

Haryana Sirsa CDLU University: सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी की सैंकड़ों छात्राओं ने एक प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के खिलाफ आए गुमनाम पत्र ने विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है. सिरसा पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.

Haryana Sirsa CDLU University
Haryana Sirsa CDLU University
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 5, 2024, 9:01 PM IST

Updated : Jan 8, 2024, 10:50 AM IST

छात्राओं की गुमनाम चिट्ठी के मामले में जांच तेज

चंडीगढ़: सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी की कुछ छात्राओं ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राज्य महिला आयोग को एक शिकायत पत्र भेजा है. इस पत्र में पीड़ित छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर पर उनके साथ एकांत में गंदी और अश्लील हरकतें करने के आरोप लगाए हैं. शिकायत में कहा है कि आरोपी प्रोफेसर अत्यधिक चरित्रवान होने का झूठा दिखावा करता है. इस गुमनाम पत्र में पीड़ित शिकायतकर्ता छात्राओं ने अपनी पहचान गोपनीय रखा है. साथ ही प्रोफेसर का नाम भी उजागर नहीं किया.

चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर और डीन के खिलाफ शिकायत आई है. इसके बारे में अभी जांच चल रही है. चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में गुमनाम चिट्ठी में एक प्रोफेसर पर छात्राओं से यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि लड़कियों को गलत तरीके से टच किया गया है. मामले की जांच की जा रही है. इस संबंध में छात्राओं के बयान भी लिए जा रहे हैं और यूनिवर्सिटी स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है. जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.अगर इस तरीके की कोई बात सामने आती है तो एक्शन लिया जाएगा. - दीप्ति गर्ग, एसपी, सिरसा

क्या बोले विवि के रजिस्ट्रार?: रजिस्ट्रार डॉ. राजेश बंसल ने कहा कि गुमनाम पत्र मिला है जिसमें यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर पर संगीन आरोप लगाए गए हैं. इस संबंध में पुलिस प्रशासन जांच कर रहा है. जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके बाद ही कोई जानकारी दी जा सकती है. अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा. जांच के आधार पर ही कुछ आगे कहा जा सकता है. शिकायत पत्र में कोई तारीख नहीं दी गई है. मुद्दा गंभीर है इसलिए इसपर बिना जांच के या पुख्ता सबूत के कुछ कहा नहीं जा सकता.

बड़े राजनीतिक परिवार से आरोपी का संबंध- पीड़ित छात्राओं ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है कि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजमेर सिंह आरोपी प्रोफेसर पर अंधा विश्वास करते हैं. जिसके कारण उसके खिलाफ कार्रवाई करने में विवश और असमर्थ हैं. विश्वविद्यालय की गुमनाम शिकायतकर्ता पीड़ित छात्राओं ने ये भी कहा है कि उन्हें विश्वविद्यालय से निकालने की धमकी दी जाती है. परीक्षा के समय अंक बढ़ाने और प्रैक्टिकल में अच्छे अंक लगवाने का लालच भी दिया जाता है. उन्होंने आरोपी प्रोफेसर को अत्यधिक राजनीतिक प्रभावशाली और रसूखदार बताया. उसके संबंध एक बड़ी राजनीतिक परिवार से बताये जाते हैं.

छात्राओं के साथ एकांत में की गई अश्लील हरकतें- शिकायतकर्ता छात्राओं ने अपने पत्र में आरोपी प्रोफेसर की पहचान यूपी निवासी के रूप में लिखी है. यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय में आरोपी के गाइड और सब्जेक्ट एक्सपर्ट ने लेनदेन करके उसकी नियुक्ति करवाई है. पीड़ित छात्राओं ने आरोप लगाए हैं कि प्रोफेसर ने पहले उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और फिर सभी अन्य स्टाफ सदस्यों को बाहर भेजा. जिसके बाद उसने छात्रा से अश्लील हरकत की. यहां तक कि उनके द्वारा किसी से शिकायत करने पर अंजाम बुरा होने की धमकी तक दी. यह भी आरोप है कि प्रोफेसर ने छात्राओं से कहा कि उसने सभी सबूत नष्ट कर दिए हैं और अब वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं.

विश्विद्यालय के प्रोफेसर पर लगे गंभीर आरोप

आरोपी को एक दूसरे प्रोफेसर का भी साथ- छात्राओं ने शिकायत पत्र में लिखा कि शिकायत पत्र में अपना नाम और मोबाइल नंबर नहीं लिखने का कारण परिवार के लिए इज्जत-बदनामी का डर और उनके भविष्य की चिंता है. पढ़ाई से अधिक उनकी लिए इज्जत-आबरू जरूरी है. छात्राओं ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश के जिला जींद के गांव उचाना कलां में सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं से अश्लील हरकत की गई थी. उसी तरह वे भी प्रोफेसर के उत्पीड़न से परेशान हैं. छात्राओं ने यह भी आरोप लगाए कि आरोपी प्रोफेसर द्वारा की जाने वाली अश्लील हरकतों में एक विभागीय प्रोफेसर छात्राओं का ब्रेनवाश करने में उसका पूरा सहयोग करता है.

आरोपी स्टाफ सदस्यों को देता है नौकरी से हटाने की धमकी- छात्राओं ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई ना होने की भी बात लिखी है. उन्होंने लिखा है कि इससे पहले भी आरोपी प्रो. के खिलाफ विवि प्रशासन को कई बार शिकायतें मिली है. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई आरोपी के खिलाफ नहीं की गई. पत्र में कहा गया है कि आरोपी प्रोफेसर के कई छात्राओं के साथ अफेयर भी है. गुमनाम छात्राओं के मुताबिक, विवि का कोई भी स्टाफ सदस्य आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज करता है. क्योंकि उसने सभी स्टाफ सदस्यों को नौकरी से हटाने की चेतावनी दी है.

उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड जज से करवाई जाए मामले की जांच- छात्राओं ने कहा कि आरोपी प्रोफेसर ने अपने कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज डिलीट करवाई है. इस कारण मामले की जांच उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज से करवाई जाए. जांच होने तक आरोपी को उसके पद से हटाने की मांग की है, ताकि वह जांच को प्रभावित ना कर सके. छात्राओं ने लिखा है कि वो लोक लाज के डर के कारण आरोपी व्यक्ति के सामने आने या किसी प्रकार के बयान देने में असमर्थ हैं. लेकिन प्रोफेसर को उसके पद से मुक्त कर उन्हें सुरक्षा दी जाए. छात्राओं ने यह शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति, हरियाणा के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और राज्य महिला आयोग को भेजी है.

महिला आयोग की चेयरपर्सन को नहीं मिला शिकायत पत्र: इस संबंध में राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि फिलहाल उन्हें कोई शिकायत पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि इस संबंध में उन्हें जानकारी जरूर मिली है. लेकिन शिकायत पत्र में किसी आरोपी का नाम नहीं लिखा है. ऐसे में यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि पुलिस को शिकायत देने के लिए आरोपी व्यक्ति की पहचान पता करनी जरूरी है. वहीं, हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी ने कहा कि मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस संबंध में मीडिया कैमरे पर पुलिस का कोई भी बयान सामने नहीं आया है. लेकिन इस मामले की जांच सिरसा एसपी कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: सरकारी स्कूल में छात्राओं के यौन शोषण का आरोपी प्रिंसिपल फरार, महिला आयोग हुआ सख्त

ये भी पढ़ें: जींद के स्कूल में छात्राओं से यौन शोषण का मामला: सीएम ने प्रिंसिपल को किया बर्खास्त, महिला प्रिंसिपल के साथ नया स्टाफ नियुक्त

छात्राओं की गुमनाम चिट्ठी के मामले में जांच तेज

चंडीगढ़: सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी की कुछ छात्राओं ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राज्य महिला आयोग को एक शिकायत पत्र भेजा है. इस पत्र में पीड़ित छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर पर उनके साथ एकांत में गंदी और अश्लील हरकतें करने के आरोप लगाए हैं. शिकायत में कहा है कि आरोपी प्रोफेसर अत्यधिक चरित्रवान होने का झूठा दिखावा करता है. इस गुमनाम पत्र में पीड़ित शिकायतकर्ता छात्राओं ने अपनी पहचान गोपनीय रखा है. साथ ही प्रोफेसर का नाम भी उजागर नहीं किया.

चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर और डीन के खिलाफ शिकायत आई है. इसके बारे में अभी जांच चल रही है. चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में गुमनाम चिट्ठी में एक प्रोफेसर पर छात्राओं से यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि लड़कियों को गलत तरीके से टच किया गया है. मामले की जांच की जा रही है. इस संबंध में छात्राओं के बयान भी लिए जा रहे हैं और यूनिवर्सिटी स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है. जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.अगर इस तरीके की कोई बात सामने आती है तो एक्शन लिया जाएगा. - दीप्ति गर्ग, एसपी, सिरसा

क्या बोले विवि के रजिस्ट्रार?: रजिस्ट्रार डॉ. राजेश बंसल ने कहा कि गुमनाम पत्र मिला है जिसमें यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर पर संगीन आरोप लगाए गए हैं. इस संबंध में पुलिस प्रशासन जांच कर रहा है. जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके बाद ही कोई जानकारी दी जा सकती है. अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा. जांच के आधार पर ही कुछ आगे कहा जा सकता है. शिकायत पत्र में कोई तारीख नहीं दी गई है. मुद्दा गंभीर है इसलिए इसपर बिना जांच के या पुख्ता सबूत के कुछ कहा नहीं जा सकता.

बड़े राजनीतिक परिवार से आरोपी का संबंध- पीड़ित छात्राओं ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है कि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजमेर सिंह आरोपी प्रोफेसर पर अंधा विश्वास करते हैं. जिसके कारण उसके खिलाफ कार्रवाई करने में विवश और असमर्थ हैं. विश्वविद्यालय की गुमनाम शिकायतकर्ता पीड़ित छात्राओं ने ये भी कहा है कि उन्हें विश्वविद्यालय से निकालने की धमकी दी जाती है. परीक्षा के समय अंक बढ़ाने और प्रैक्टिकल में अच्छे अंक लगवाने का लालच भी दिया जाता है. उन्होंने आरोपी प्रोफेसर को अत्यधिक राजनीतिक प्रभावशाली और रसूखदार बताया. उसके संबंध एक बड़ी राजनीतिक परिवार से बताये जाते हैं.

छात्राओं के साथ एकांत में की गई अश्लील हरकतें- शिकायतकर्ता छात्राओं ने अपने पत्र में आरोपी प्रोफेसर की पहचान यूपी निवासी के रूप में लिखी है. यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय में आरोपी के गाइड और सब्जेक्ट एक्सपर्ट ने लेनदेन करके उसकी नियुक्ति करवाई है. पीड़ित छात्राओं ने आरोप लगाए हैं कि प्रोफेसर ने पहले उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और फिर सभी अन्य स्टाफ सदस्यों को बाहर भेजा. जिसके बाद उसने छात्रा से अश्लील हरकत की. यहां तक कि उनके द्वारा किसी से शिकायत करने पर अंजाम बुरा होने की धमकी तक दी. यह भी आरोप है कि प्रोफेसर ने छात्राओं से कहा कि उसने सभी सबूत नष्ट कर दिए हैं और अब वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं.

विश्विद्यालय के प्रोफेसर पर लगे गंभीर आरोप

आरोपी को एक दूसरे प्रोफेसर का भी साथ- छात्राओं ने शिकायत पत्र में लिखा कि शिकायत पत्र में अपना नाम और मोबाइल नंबर नहीं लिखने का कारण परिवार के लिए इज्जत-बदनामी का डर और उनके भविष्य की चिंता है. पढ़ाई से अधिक उनकी लिए इज्जत-आबरू जरूरी है. छात्राओं ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश के जिला जींद के गांव उचाना कलां में सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं से अश्लील हरकत की गई थी. उसी तरह वे भी प्रोफेसर के उत्पीड़न से परेशान हैं. छात्राओं ने यह भी आरोप लगाए कि आरोपी प्रोफेसर द्वारा की जाने वाली अश्लील हरकतों में एक विभागीय प्रोफेसर छात्राओं का ब्रेनवाश करने में उसका पूरा सहयोग करता है.

आरोपी स्टाफ सदस्यों को देता है नौकरी से हटाने की धमकी- छात्राओं ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई ना होने की भी बात लिखी है. उन्होंने लिखा है कि इससे पहले भी आरोपी प्रो. के खिलाफ विवि प्रशासन को कई बार शिकायतें मिली है. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई आरोपी के खिलाफ नहीं की गई. पत्र में कहा गया है कि आरोपी प्रोफेसर के कई छात्राओं के साथ अफेयर भी है. गुमनाम छात्राओं के मुताबिक, विवि का कोई भी स्टाफ सदस्य आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज करता है. क्योंकि उसने सभी स्टाफ सदस्यों को नौकरी से हटाने की चेतावनी दी है.

उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड जज से करवाई जाए मामले की जांच- छात्राओं ने कहा कि आरोपी प्रोफेसर ने अपने कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज डिलीट करवाई है. इस कारण मामले की जांच उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज से करवाई जाए. जांच होने तक आरोपी को उसके पद से हटाने की मांग की है, ताकि वह जांच को प्रभावित ना कर सके. छात्राओं ने लिखा है कि वो लोक लाज के डर के कारण आरोपी व्यक्ति के सामने आने या किसी प्रकार के बयान देने में असमर्थ हैं. लेकिन प्रोफेसर को उसके पद से मुक्त कर उन्हें सुरक्षा दी जाए. छात्राओं ने यह शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति, हरियाणा के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और राज्य महिला आयोग को भेजी है.

महिला आयोग की चेयरपर्सन को नहीं मिला शिकायत पत्र: इस संबंध में राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि फिलहाल उन्हें कोई शिकायत पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि इस संबंध में उन्हें जानकारी जरूर मिली है. लेकिन शिकायत पत्र में किसी आरोपी का नाम नहीं लिखा है. ऐसे में यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि पुलिस को शिकायत देने के लिए आरोपी व्यक्ति की पहचान पता करनी जरूरी है. वहीं, हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी ने कहा कि मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस संबंध में मीडिया कैमरे पर पुलिस का कोई भी बयान सामने नहीं आया है. लेकिन इस मामले की जांच सिरसा एसपी कर रही हैं.

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Last Updated : Jan 8, 2024, 10:50 AM IST
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