नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें गेहूं के आयात करने की खबर आई थी. फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन डिपार्टमेंट ने कहा कि भारत के पास गेंहू का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, इसलिए आयात करने की ऐसी कोई योजना नहीं है. उनकी ओर से बताया गया कि एफसीआई के पास भी पीडीएस सिस्टम के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है. (No plan to import wheat).
दरअसल, यह खबर इसलिए आई थी क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. और ये दोनों देश गेहूं के बड़े उत्पादक देश हैं. कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि भारत दुनिया को गेहूं का निर्यात कर सकता है, क्योंकि उसके पास पर्याप्त स्टॉक है. इसी बीच एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लगातार गर्मी और बढ़ती कीमतों की वजह से सरकार गेहूं आयात कर सकती है, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए गेहूं के साथ-साथ दूसरे अनाज का भी आयात कर सकती है. govt denies news of wheat import.
हालांकि, इस रिपोर्ट में सरकार का बयान नहीं दिया गया है. इसमें बताया गया है कि वित्त मंत्रालय से इसके बारे में पूछा गया, लेकिन मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया. खाद्य और वाणिज्य मंत्रालय ने भी कोई जवाब नहीं दिया है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी अपने नए एस्टिमेट में कहा गया है कि 2022 में हमने 106.84 मिलियन टन गेहूं की कटाई की, जो पिछले एस्टिमेट 106.41 मिलियन टन से थोड़ा अधिक है. हालांकि फसल वर्ष 2021-22 में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.572 करोड़ टन होने का अनुमान है.
दरअसल देश के उत्तरी राज्यों- पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल पकने के समय भीषण गर्मी पड़ने से गेहूं का उत्पादन कम होने का अनुमान है. कृषि मंत्रालय की तरफ से हाल ही में जारी फसल वर्ष 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार चावल, मक्का, चना, दलहन, तिलहन और गन्ने का उत्पादन नया रिकॉर्ड बना है.
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