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हरियाणा में दिनदहाड़े सड़क पर घूमता है सरकारी भूत, मामला जान चकरा जायेगा दिमाग

फरीदाबाद के फरीदाबाद जिले में एक भूत दिनदहाड़े घूमता है. लोगों से बातचीत करता है. अपने घर में रहता है. आप भी सोच रहे होंगे कि भूत दिनदहाड़े कैसे घूम सकता है. लोगों से बातचीत कैसे कर सकता है. ज्यादा सोचिए मत हम आपको बता रहे हैं कि मामला आखिर है क्या. जिस भूत का जिक्र यहां हो रहा है वो दरअसल सरकारी भ्रष्टाचार का भूत है. सरकार की फाइलों में फरीदाबाद में जिंदा व्यक्ति मृत घोषित कर दिया गया है.

faridabaad man declared dead in government record
faridabaad man declared dead in government record
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Published : Aug 20, 2022, 10:19 PM IST

फरीदाबाद: बॉलीवुड की फिल्म कागज अगर आपने देखी हो तो उसमें एक्टर पंकज त्रिपाठी सरकार के रिकॉर्ड में मार दिये जाते हैं और जिंदा होने के लिए विभागों के चक्कर काटते हैं. हू-ब-हू कहानी है फरीदाबाद में फरीदपुर गांव के रहने वाले राजाराम की. उनकी उम्र 67 साल है. राजाराम बिल्कुल स्वस्थ हैं. लेकिन सरकार के समाज एवं कल्याण विभाग ने अपने कागजों में 67 साल के राजाराम को मृत घोषित (Alive person declared dead in Faridabad) कर दिया है. अब राजाराम अपने जिंदा होने के सबूतों के साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

15 अप्रैल 2022 को राजाराम को मृत घोषित कर दिया गया और उनकी पेंशन भी बंद कर दी गई. जब राजा राम को इस बात की जानकारी लगी तो वह समाज एवं कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंचे. फरीदाबाद समाज कल्याण विभाग (faridabad social welfare department) के अधिकारियों ने कहा कि ऊपर से आपको मृत घोषित कर दिया गया है इसलिए अब आप की पेंशन नहीं मिल पाएगी. अब आपको जिंदा होने के सबूत लेकर आना होगा. जिसके बाद राजा राम कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें कहीं से इंसाफ नहीं मिल पा रहा है.

राजाराम जिंदा होने के लिए सरकार से गुहार कर रहे हैं.

राजा राम ने सीएम विंडो पर भी इसकी शिकायत दी. डीसी फरीदाबाद को भी लिखित में शिकायत का पत्र सौंपा लेकिन अभी तक कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई. ईटीवी भारत ने जब राजा राम से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल 2022 को उनकी पेंशन काट दी गई और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. मैं उसी दिन से जिंदा होने के सबूतों को लेकर हर तरफ भाग रहा हूं. सरकारी दफ्तरों में जा रहा हूं लेकिन कहीं भी मेरी सुनवाई नहीं हो रही है. राजाराम चाहते हैं कि उनकी पेंशन दोबारा से बहाल कर दी जाए. राजाराम आगे कहते हैं कि सरकार मुझे जिंदा कर दे चाहे तो पेंशन भी ना दे.

faridabaad man declared dead in government record
सीएम विंडो पर दी गई शिकायत.

पीड़ित राजाराम कहते हैं- समाज के लोग अब मुझे भूत कहकर बुलाने लगे हैं. मेरा मजाक उड़ाने लगे हैं. मैं कहीं भी जाता हूं तो कहते हैं भाग भूत यहां से. लोगों से मैं कहता हूं कि सरकार ने मुझे मार दिया लेकिन मैं जिंदा तो हूं. इतना अत्याचार क्यों करते हो मेरे साथ. अगर मुझे इंसाफ नहीं मिला तो मैं फांसी लगाकर या जहर खा कर मर जाऊंगा. अब मैं सरकार को दिखा दूंगा कि आपने तो फाइलों में मारा मैं आपको सच में मरकर दिखा दूंगा.

faridabaad man declared dead in government record
राजाराम की पेंशन रोक दी गई है.

राजाराम के पड़ोसी यशपाल खटाना बताते हैं. राजा राम को सरकार के पेपरों में मृत घोषित कर दिया गया है लेकिन वह जीवित हैं. सकुशल अपने परिवार के साथ रहते हैं लेकिन गवर्नमेंट की तरफ से जो भी उनको पेंशन मिल रही थी उसको बंद करने के लिए राजा राम को मृत घोषित कर दिया है. उनके साथ बहुत अत्याचार हुआ है. उन्हें जीवित घोषित किया जाए. गांव के दूसरे व्यक्ति राजकुमार बताते हैं कि 15 अप्रैल 2022 को सरकार ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था जिसके बाद गांव वाले इन को परेशान करते हैं और कहते हैं देखो भूत आ रहा हैं. हम चाहते हैं कि इन्हें कागजों में जिंदा साबित किया जाए. राजाराम की घर की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर है और वो सरकार की बुढ़ापा पेंशन पर ही निर्भर हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मजाक का पात्र बने राजा राम को इंसाफ कब मिलता है. और कब उनकी बुढ़ापा पेंशन बहाल हो सके.

फरीदाबाद: बॉलीवुड की फिल्म कागज अगर आपने देखी हो तो उसमें एक्टर पंकज त्रिपाठी सरकार के रिकॉर्ड में मार दिये जाते हैं और जिंदा होने के लिए विभागों के चक्कर काटते हैं. हू-ब-हू कहानी है फरीदाबाद में फरीदपुर गांव के रहने वाले राजाराम की. उनकी उम्र 67 साल है. राजाराम बिल्कुल स्वस्थ हैं. लेकिन सरकार के समाज एवं कल्याण विभाग ने अपने कागजों में 67 साल के राजाराम को मृत घोषित (Alive person declared dead in Faridabad) कर दिया है. अब राजाराम अपने जिंदा होने के सबूतों के साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

15 अप्रैल 2022 को राजाराम को मृत घोषित कर दिया गया और उनकी पेंशन भी बंद कर दी गई. जब राजा राम को इस बात की जानकारी लगी तो वह समाज एवं कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंचे. फरीदाबाद समाज कल्याण विभाग (faridabad social welfare department) के अधिकारियों ने कहा कि ऊपर से आपको मृत घोषित कर दिया गया है इसलिए अब आप की पेंशन नहीं मिल पाएगी. अब आपको जिंदा होने के सबूत लेकर आना होगा. जिसके बाद राजा राम कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें कहीं से इंसाफ नहीं मिल पा रहा है.

राजाराम जिंदा होने के लिए सरकार से गुहार कर रहे हैं.

राजा राम ने सीएम विंडो पर भी इसकी शिकायत दी. डीसी फरीदाबाद को भी लिखित में शिकायत का पत्र सौंपा लेकिन अभी तक कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई. ईटीवी भारत ने जब राजा राम से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल 2022 को उनकी पेंशन काट दी गई और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. मैं उसी दिन से जिंदा होने के सबूतों को लेकर हर तरफ भाग रहा हूं. सरकारी दफ्तरों में जा रहा हूं लेकिन कहीं भी मेरी सुनवाई नहीं हो रही है. राजाराम चाहते हैं कि उनकी पेंशन दोबारा से बहाल कर दी जाए. राजाराम आगे कहते हैं कि सरकार मुझे जिंदा कर दे चाहे तो पेंशन भी ना दे.

faridabaad man declared dead in government record
सीएम विंडो पर दी गई शिकायत.

पीड़ित राजाराम कहते हैं- समाज के लोग अब मुझे भूत कहकर बुलाने लगे हैं. मेरा मजाक उड़ाने लगे हैं. मैं कहीं भी जाता हूं तो कहते हैं भाग भूत यहां से. लोगों से मैं कहता हूं कि सरकार ने मुझे मार दिया लेकिन मैं जिंदा तो हूं. इतना अत्याचार क्यों करते हो मेरे साथ. अगर मुझे इंसाफ नहीं मिला तो मैं फांसी लगाकर या जहर खा कर मर जाऊंगा. अब मैं सरकार को दिखा दूंगा कि आपने तो फाइलों में मारा मैं आपको सच में मरकर दिखा दूंगा.

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राजाराम की पेंशन रोक दी गई है.

राजाराम के पड़ोसी यशपाल खटाना बताते हैं. राजा राम को सरकार के पेपरों में मृत घोषित कर दिया गया है लेकिन वह जीवित हैं. सकुशल अपने परिवार के साथ रहते हैं लेकिन गवर्नमेंट की तरफ से जो भी उनको पेंशन मिल रही थी उसको बंद करने के लिए राजा राम को मृत घोषित कर दिया है. उनके साथ बहुत अत्याचार हुआ है. उन्हें जीवित घोषित किया जाए. गांव के दूसरे व्यक्ति राजकुमार बताते हैं कि 15 अप्रैल 2022 को सरकार ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था जिसके बाद गांव वाले इन को परेशान करते हैं और कहते हैं देखो भूत आ रहा हैं. हम चाहते हैं कि इन्हें कागजों में जिंदा साबित किया जाए. राजाराम की घर की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर है और वो सरकार की बुढ़ापा पेंशन पर ही निर्भर हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मजाक का पात्र बने राजा राम को इंसाफ कब मिलता है. और कब उनकी बुढ़ापा पेंशन बहाल हो सके.

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