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बाबा रामदेव ने सरकार की कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को बढ़ावा दिया : हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बाबा रामदेव ने सरकार की कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को बढ़ावा दिया है. जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने कहा कि रामदेव ने कोरोनिल का प्रचार जरूर किया, लेकिन किसी को कोरोना की वैक्सीन अभियान से रोकने की कोशिश नहीं की. मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.

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Published : Sep 28, 2021, 10:33 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय में मंगलवार को कोरोनिल और बाबा रामदेव मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील अखिल सिब्बल से कहा कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर जो बयान दिया ये उनका मत हो सकता है. आप उसका पालन करें या नहीं ये आप पर निर्भर करता है. रामदेव ने ये कहा है कि आप उनकी दवाई लीजिएगा तो आपका ऑक्सीजन लेवल ठीक होगा. कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव ने किसी के अधिकारों का हनन नहीं किया है.

पिछले 30 जुलाई को कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है. उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट:अब बाबा के इस बयान से IMA खफा, केंद्र सरकार से की गिरफ्तारी की मांग

बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था IMA के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था, जिसके बाद IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. IMA ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय में मंगलवार को कोरोनिल और बाबा रामदेव मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील अखिल सिब्बल से कहा कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर जो बयान दिया ये उनका मत हो सकता है. आप उसका पालन करें या नहीं ये आप पर निर्भर करता है. रामदेव ने ये कहा है कि आप उनकी दवाई लीजिएगा तो आपका ऑक्सीजन लेवल ठीक होगा. कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव ने किसी के अधिकारों का हनन नहीं किया है.

पिछले 30 जुलाई को कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है. उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट:अब बाबा के इस बयान से IMA खफा, केंद्र सरकार से की गिरफ्तारी की मांग

बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था IMA के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था, जिसके बाद IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. IMA ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.

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