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पुल बनने में लगे 100 करोड़, 70 साल थी मियाद, महीनों में दरका; CM आतिशी ने पूछा सवाल

-सीएम आतिशी की अधिकारियों को फटकार -नंद नगरी रेलवे ब्रिज-अंडर ब्रिज के निर्माण से जुड़ा है मामला -एक दशक में ही पुल में आई दरारें

सीएम आतिशी का एक्शन
सीएम आतिशी का एक्शन (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 19 hours ago

Updated : 13 hours ago

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री आतिशी ने साल 2011 से 2015 के बीच बने नंद नगरी रेलवे ओवरब्रिज और रेलवे अंडरब्रिज के निर्माण में हुई घोर लापरवाही पर अधिकारियों को फटकार लगाई है. सीएम आतिशी ने नाराजगी जताई और कहा कि करीब 100 करोड़ की लागत से बना पुल जो 70 साल तक चलना था, वो बनने के कुछ महीनों में ही दरारों का शिकार हो गया. सीएम ने लापरवाह अधिकारियों पर सख्त एक्शन के आदेश दिए हैं. बता दें नंद नगरी रेलवे ओवर-ब्रिज (आरओबी) और अंडर-ब्रिज (आरयूबी) के निर्माण के एक दशक के भीतर ही इसमें बड़ी दरारें आ गईं हैं.

अधिकारियों की घोर लापरवाही-सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों को "घोर लापरवाह" बताया है. साथ ही इन लोगों पर पब्लिक की जान जोखिम में डालने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया है.

पुल बनने में लगे 100 करोड़, 70 साल थी मियाद
पुल बनने में लगे 100 करोड़, 70 साल थी मियाद (SOURCE: ETV BHARAT)

70 साल चलना था पुल, कुछ ही महीनों में हुआ ढेर !
पत्र में कहा गया है, "इस दोषपूर्ण परियोजना को अंजाम देने वाले डीटीटीडीसी और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की घोर लापरवाही ने न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया, बल्कि सैकड़ों लोगों की जान भी खतरे में डाल दी।" इस चिट्ठी में लिखा गया है कि एक फ्लाईओवर की औसत आयु 70 वर्ष से अधिक होती है, लेकिन इन पुलों को कम समय में ही तत्काल मरम्मत की आवश्यकता होती है.

सीएम आतिशी की अधिकारियों को फटकार
अंडरब्रिज में भरा पानी (SOURCE: ETV BHARAT)

वाहनों की आवाजाही से संबंधित नियमों का भी नहीं हुआ पालन !

पत्र में आगे कहा गया है कि 2019 की परामर्श रिपोर्ट में डेक स्लैब को तत्काल बदलने और भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश के बावजूद कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को टेंडर तैयार करने, ठेका देने और निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले सभी अधिकारियों के साथ-साथ परियोजना का मूल्यांकन करने वाली थर्ड पार्टी एजेंसी के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश दिया है.

नंद नगरी रेलवे ब्रिज-अंडर ब्रिज के निर्माण से जुड़ा है मामला
एक दशक में ही पुल में आई दरारें (SOURCE: ETV BHARAT)

दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो-सीएम आतिशी

उन्होंने कहा, "मैं इस मामले पर अपनी सख्त नाराजगी व्यक्त करती हूं और मुख्य सचिव को निर्देश देती हूं कि वे टेंडर तैयार करने, कार्य ठेका देने और 2011-15 में कार्य के निष्पादन की निगरानी करने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत जांच करें." उन्होंने लापरवाही या भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की.

ये भी पढ़ें- नारायणा मर्डर के पीड़ित परिवार से मिलकर बोले केजरीवाल, दिल्ली में है जंगलराज

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री आतिशी ने साल 2011 से 2015 के बीच बने नंद नगरी रेलवे ओवरब्रिज और रेलवे अंडरब्रिज के निर्माण में हुई घोर लापरवाही पर अधिकारियों को फटकार लगाई है. सीएम आतिशी ने नाराजगी जताई और कहा कि करीब 100 करोड़ की लागत से बना पुल जो 70 साल तक चलना था, वो बनने के कुछ महीनों में ही दरारों का शिकार हो गया. सीएम ने लापरवाह अधिकारियों पर सख्त एक्शन के आदेश दिए हैं. बता दें नंद नगरी रेलवे ओवर-ब्रिज (आरओबी) और अंडर-ब्रिज (आरयूबी) के निर्माण के एक दशक के भीतर ही इसमें बड़ी दरारें आ गईं हैं.

अधिकारियों की घोर लापरवाही-सीएम आतिशी
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों को "घोर लापरवाह" बताया है. साथ ही इन लोगों पर पब्लिक की जान जोखिम में डालने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया है.

पुल बनने में लगे 100 करोड़, 70 साल थी मियाद
पुल बनने में लगे 100 करोड़, 70 साल थी मियाद (SOURCE: ETV BHARAT)

70 साल चलना था पुल, कुछ ही महीनों में हुआ ढेर !
पत्र में कहा गया है, "इस दोषपूर्ण परियोजना को अंजाम देने वाले डीटीटीडीसी और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की घोर लापरवाही ने न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया, बल्कि सैकड़ों लोगों की जान भी खतरे में डाल दी।" इस चिट्ठी में लिखा गया है कि एक फ्लाईओवर की औसत आयु 70 वर्ष से अधिक होती है, लेकिन इन पुलों को कम समय में ही तत्काल मरम्मत की आवश्यकता होती है.

सीएम आतिशी की अधिकारियों को फटकार
अंडरब्रिज में भरा पानी (SOURCE: ETV BHARAT)

वाहनों की आवाजाही से संबंधित नियमों का भी नहीं हुआ पालन !

पत्र में आगे कहा गया है कि 2019 की परामर्श रिपोर्ट में डेक स्लैब को तत्काल बदलने और भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश के बावजूद कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को टेंडर तैयार करने, ठेका देने और निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले सभी अधिकारियों के साथ-साथ परियोजना का मूल्यांकन करने वाली थर्ड पार्टी एजेंसी के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश दिया है.

नंद नगरी रेलवे ब्रिज-अंडर ब्रिज के निर्माण से जुड़ा है मामला
एक दशक में ही पुल में आई दरारें (SOURCE: ETV BHARAT)

दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो-सीएम आतिशी

उन्होंने कहा, "मैं इस मामले पर अपनी सख्त नाराजगी व्यक्त करती हूं और मुख्य सचिव को निर्देश देती हूं कि वे टेंडर तैयार करने, कार्य ठेका देने और 2011-15 में कार्य के निष्पादन की निगरानी करने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत जांच करें." उन्होंने लापरवाही या भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की.

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Last Updated : 13 hours ago
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