नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस ने कहा कि सरकार आर्थिक भगोड़ों से निपटने में नाकाम साबित हुई है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, 'भोलीभाली जनता और बैंकों का पैसा लेकर विदेश भागों और आराम करो और वहां से सामान और सेवाओं को भारत सरकार को बेचो. भाजपा शासन में यही नीति अपनाई जा रही है. यहां से भगोड़ो का निर्यात मोदी सरकार के संरक्षण में होता है और वही भगोड़े वहां से सेवाएं-वस्तुएं भेजते हैं और सरकार खरीदती है.'
उन्होंने कहा कि 'भारत के नागरिक डीजल, पेट्रोल और एलपीजी जैसी सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से परेशान हैं जबकि भाजपा शासन में सच्चा विकास केवल बकाएदारों और भगोड़ों का हुआ है.'
संदेसरा ग्रुप का किया जिक्र
घटनाओं की एक श्रृंखला का उल्लेख करते हुए गौरव वल्लभ ने कहा कि अक्टूबर 2017 में ईडी ने स्टर्लिंग बायोटेक और उसके प्रमोटरों संदेसरा भाइयों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया. कथित रूप से सरकारी बैंकों से 15,000 करोड़ रुपये का ऋण लेने के मामले में सीबीआई और ईडी ने उनके खिलाफ मामले दर्ज किए, लेकिन उसके ठीक पहले वह भारत से भाग गए. सितंबर 2020 में एक विशेष अदालत ने ईडी के अनुरोध पर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, उनकी पत्नी दीप्ति और एक अन्य हितेशकुमार नरेंद्रभाई पटेल को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'उनके व्यापार और संपत्ति पर अंकुश लगाने या जब्त करने के बजाय, पेट्रोलियम मंत्रालय 'बेशर्मी' से संदेसराओं के साथ व्यापार कर रहा है. उनके लिए रेड कार्पेट बिछा रहा है.'
केंद्र सरकार ने जनवरी 2018 से 2020 तक इनकी कंपनी से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन लिमिटेड ने इनसे 5 हजार करोड़ का क्रूड ऑयल खरीदा है.
उन्होंने दावा किया कि नाइजीरिया से संदेसरा बंधू कंपनी स्टर्लिंग ऑयल एक्सप्लोरेशन एंड एनर्जी प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड (सीपको) के जरिए कच्चा तेल भेज रहे हैं, भारत सरकार उसे खरीद रही है. कच्चे तेल की अगली खेप 1 नवंबर को पारादीप पोर्ट पहुंच रही है. संदेसरा बंधू सीपको कंपनी नाइजीरिया से चला रहे हैं.
गौरव ने आरोप लगाया, कच्चे तेल की कीमत रु. 5,701.83 करोड़ तेल सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा संदेसरा समूह की कंपनी से खरीदे गए. जहां भारत के नागरिक डीजल, पेट्रोल और एलपीजी जैसी सभी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों से जूझ रहे हैं, वहीं मोदी सरकार देश से दूर इनका विकास कर रही है.
उन्होंने कहा कि हाल के पेंडोरा के कागजात से पता चला है कि संदेसरा बंधुओं ने भारत में तेल व्यापार बढ़ाने के लिए 6 अपतटीय फर्मों का गठन किया. दिलचस्प बात यह है कि इन सभी कंपनियों का गठन नवंबर 2017 और अप्रैल 2018 के बीच हुआ था. जिस समय ईडी ने अक्टूबर 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था और इनमें से किसी की भी जांच ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने नहीं की है.
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार से सवाल उठाते हुए कहा कि, 'संदेसरा बंधुओं के प्रत्यर्पण का कोई प्रयास क्यों नहीं किया गया? क्या मोदी सरकार संदेसरा भाइयों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी मानती है. अगर ऐसा है तो तेल सार्वजनिक उपक्रम आर्थिक रूप से बार-बार व्यापार क्यों करते हैं. क्या मोदी सरकार ईडी और सीबीआई को नवंबर 2021 में पारादीप पहुंचने वाले वाहन को जब्त करने का निर्देश देगी?.'