नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कि देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को मध्याह्न भोजन प्रदान करने के लिए पीएम पोषण योजना शुरू करने की मंजूरी दी है. उन्होंने दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को मध्याह्न भोजन प्रदान करने के लिए पीएम पोषण योजना शुरू करने की मंजूरी दी. यह योजना 5 साल तक चलेगी और इसमें 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगें.
उन्होंने बताया कि आज कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय लिए गए. बैठक में मध्य प्रदेश में नीमच-रतलाम लाइन को डब्लिंग करने की मंजूरी दे दी गई है.
उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश में नीमच-रतलाम लाइन अभी भी सिंगल लाइन है. इस लाइन के डब्लिंग की मंजूरी दे दी गई है. 133 किलोमीटर की इस लाइन पर लगभग 196 करोड़ रुपए खर्च होंगे.'
उन्होंने कहा कि गुजरात में राजकोट-कनालुस लाइन को भी डब्लिंग की मंजूरी दी गई. 111 किलोमीटर की इस लाइन पर 1080 करोड़ रुपए का निवेश होगा. इन दोनों लाइन के निर्माण होने से उद्योगों को बल मिलेगा.सुनिश्चित किया गया है कि 3 सालों में इन दोनों रेलवे लाइनों को पूरा किया जाए.
वहीं शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि यह योजना पांच वर्षों 2021-22 से 2025-26 तक के लिये है जिस पर 1.31 लाख करोड़ रूपया खर्च आयेगा .उन्होंने बताया कि इसके तहत 54,061.73 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से 31,733.17 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल की अवधि के लिए 'स्कूलों में राष्ट्रीय पीएम पोषण योजना' को जारी रखने की मंजूरी दी गयी है.
मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार खाद्यान्न पर करीब 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत भी वहन करेगी. इस प्रकार योजना पर कुल खर्च 1,30,794.90 करोड़ रुपये आयेगा. उन्होंने बताया कि अभी तक देश में मध्याह्न भोजन योजना चल रही थी और मंत्रिमंडल ने इसे नया स्वरूप दिया है . सीसीईए ने इसे पीएम पोषण योजना के रूप में मंजूरी दी है.
प्रधान ने कहा कि पीएम पोषण योजना के दायरे में बाल वाटिका (प्री स्कूल) के बच्चे भी आयेंगे . इस केंद्र प्रायोजित योजना के दायरे में सरकारी, सरकारी सहायता-प्राप्त स्कूलों की पहली कक्षा से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी स्कूली बच्चे आयेंगे .
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि रसोईयों, खाना पकाने वाले सहायकों का मानदेय प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दिया जाए . इसके अलावा स्कूलों को भी डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाए .
मंत्री ने कहा कि इससे 11.20 लाख स्कूलों के 11.80 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा . सरकारी बयान के अनुसार, इसके तहत तिथि भोजन की अवधारणा को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाएगा. तिथि भोजन एक सामुदायिक भागीदारी कार्यक्रम है जिसमें लोग विशेष अवसरों/त्योहारों पर बच्चों को विशेष भोजन प्रदान करते हैं.
इसमें कहा गया है कि सरकार बच्चों को प्रकृति और बागवानी के साथ प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए स्कूलों में पोषण उद्यानों के विकास को बढ़ावा दे रही है. इन बगीचों की फसल का उपयोग मध्याह्न भोजन में अतिरिक्त सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करने के लिए किया जाता है.
इस योजना के कार्यान्वयन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और महिला स्वयं-सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पारंपरिक खाद्य पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा.
बयान के अनुसार, 'योजना का सोशल ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही आकांक्षी जिलों और उच्च रक्ताल्पता वाले जिलों में बच्चों को पूरक पोषाहार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रावधान किया गया है.
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वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया को बताया कि देश के निर्यात को बढ़ाने में कैबिनेट के फैसले और आत्मनिर्भर भारत पैकेज ने काफी मदद की है. देश में तीन साल पहले सबसे ज़्यादा $330 बिलियन का निर्यात हुआ था. निर्यातकों में भी एक उत्साह है. निर्यात के दृष्टीकोण से यह साल देश के लिए ऐतिहासिक रहेगा.
उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें चल रही हैं कि चीन से सेब के आयात पर शुल्क कम कर दिया गया है. ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यह पूरी तरह से निराधार है. ऐसा लगता है कि कुछ लोगों के पास सिर्फ अफवाह फैलाने का धंधा है.