भरतपुर. मेवात क्षेत्र के नासिर-जुनैद हत्याकांड मामले में गिरफ्तार मोनू राणा और गोगी ने भरतपुर पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में बड़े खुलासे किए हैं. आरोपियों ने पहले तो नासिर व जुनैद का अपहरण किया. उनके साथ लाठी, सरिया से गंभीर रूप से मारपीट की. गंभीर हालत में दोनों को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे, लेकिन हरियाणा पुलिस ने दोनों को गंभीर हालत को देखते हुए कार्रवाई करने से इनकार कर दिया.
इनमें से जुनैद की पहले ही मारपीट के दौरान मौत हो गई और गौरक्षकों ने नासिर को बाद में भिवानी ले जाकर गला दबाकर मार डाला. हैवानियत इतने पर ही नहीं रुकी, बल्कि दोनों को मौत के बाद गाड़ी में डालकर पेट्रोल छिड़ककर जला डाला. ये पूरा खुलासा आरोपियों ने पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में किया है. इसकी जानकारी शुक्रवार को भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता के दौरान दी.
13 फरवरी को गौरक्षकों ने नाकाबंदी की : आईजी श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नासिर और जुनैद को पकड़ने के लिए 13 फरवरी की रात को आरोपियों ने अलवर जिले में नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की. लेकिन उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ और गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए.
14 फरवरी की रात तीन टीम एकजुट : 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अलसुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. ऐसे में तीन टीमें एकजुट हो गईं. इन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में मारपीट भी की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में भी पूछताछ की.
हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई से किया इनकार : इस दौरान ये लोग नासिर और जुनैद के साथ लाठी, सरिया से गंभीर रूप से मारपीट कर चुके थे. इसके बाद ये लोग नासिर, जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे, लेकिन नासिर-जुनैद की गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. आईजी श्रीवास्तव ने बताया कि इस बात को रिंकू सैनी, मोनू राणा और गोगी तीनों स्वीकार कर रहे हैं.
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गला दबाकर मारा, फिर जला दिया : आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया तो ये लोग नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे, जहां पहले नासिर की गला दबाकर हत्या की. जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जला दिया.
हरियाणा ले जाकर इसलिए की हत्या : आईजी श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों का एक उद्देश्य ये भी था कि यदि घटना का खुलासा हो भी जाएगा तो प्रकरण हरियाणा पुलिस में दर्ज होगा और राजस्थान पुलिस इनका पीछा नहीं कर पाएगी. लेकिन पीड़ित पक्ष ने गोपालगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया तो राजस्थान पुलिस इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर पाई. पूरे घटनाक्रम में हरियाणा पुलिस की भूमिका को लेकर आईजी श्रीवास्तव ने कहा कि मामले का खुलासा करने, आरोपियों की पहचान करने, दबिश देने के दौरान हरियाणा पुलिस का राजस्थान पुलिस की टीम को पूरा सहयोग मिला है, लेकिन हरियाणा पुलिस की यदि प्रशासनिक कमी या लापरवाही रही है तो उसमें उनके अधिकारी कार्रवाई करेंगे.