नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने जासूसी के मामले में एक कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी एक महीने के अंदर रिपोर्ट देगी. बता दें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी समेत भारत की 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी का मामला सामने आया है. दूसरी ओर चीनी राजदूत के सामने विदेश मंत्रालय ने यह मुद्दा उठाया था कि चीन द्वारा भारत की प्रमुख हस्तियों की जासूसी कराई जा रही है. हालांकि चीन ने जवाब दिया था कि जेनहुआ एक निजी कंपनी है और अपनी स्थिति को सार्वजनिक रूप से बता चुकी है.
सूत्रों के मुताबिक, नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर के तहत एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. कमेटी से 30 दिनों में रिपोर्ट मांगी गई है. इसके अंतर्गत जेनहुआ डेटा लीक मामले में सरकार ने इन रिपोर्टों का अध्ययन करने, उनका मूल्यांकन करने, कानून के किसी भी उल्लंघन का आकलन करने के लिए कमेटी बनाई है.
बता दें, सरकार ने उस रिपोर्ट पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि विदेशी सोर्स सहमति के बिना देश के नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच रही है.
इसके बाद कांग्रेस ने पूरा मुद्दा संसद में भी उठाया था. कांग्रेस सांसदों ने सदन में कहा था चीन की डिजिटल आक्रामकता से निबटने के लिए सरकार को मजबूत व्यवस्था बनानी चाहिए. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया था कि चीन की डेटा कंपनी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विपक्ष के प्रमुख नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य न्यायाधीश तथा कई अन्य हस्तियों की जासूसी की है और इस कंपनी का संबंध चीनी सरकार से है.