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HIRA के विषय पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार आमने-सामने, SC में हलफनामा दायर

केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार को HIRA पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. केन्द्र का कहना है कि इस क्षेत्र में केंद्रीय कानून है तो राज्य में अलग कानून कैसे लागू कैसे किया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : May 5, 2019, 12:23 AM IST

नई दिल्ली: केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. यह चुनौती हाउसिंग इंडस्ट्री रेगुलेशन एक्ट (HIRA), 2017 को लेकर है.

इस विषय पर केंद्र में आवास और शहरी मामलों की सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा भरा है, जिसमें पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट के आवास उद्योग विनियमन अधिनियम (एचआईआरए), 2017 को चुनौती दी गई है.

उन्होंने HIRA की आलोचना करते हुए कहा, 'जब इस क्षेत्र में केंद्रीय कानून है, तो आप राज्य में अलग कानून कैसे लागू कर सकते हैं और वह भी हमारी सहमति के बिना.'

मिश्रा ने कहा, 'इससे पहले आवास क्षेत्र में ट्रांसपेरेंसी रखने के लिए कोई नियम नहीं थे. हमने रियल एस्टेट मालिकों और बिल्डरों को नियंत्रण में रखने के लिए RERA की पहल की थी.'

दुर्गा शंकर मिश्रा का बयान, देखें

केंद्र ने रियल एस्टेट उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ घर खरीदारों की रक्षा करने के उद्देश्य से रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 को लागू किया था.

पढ़ेंः 'मेरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नहीं होगी आतंकी घटना, PM मोदी दें आश्वासन'

केन्द्र में यह अधिनियम होने के बावजूद पश्चिम बंगाल गवर्नमेण्ट ने रियल एस्टेट क्षेत्र में एक अलग कानून HIRA,2017 को लागू किया.

मिश्रा ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में घर खरीदारों और संघों के एक समूह ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भरी है, जिसमें HIRA की वैधता को चुनौती दी गई है और हमने हलफनामा भी दिया है.'

उन्होंने कहा कि जब एक ही विषय पर दो अलग-अलग कानून होंगे तो लोग भ्रमित हो जाएंगे.

मिश्रा ने कहा, RERA के लागू होने के बाद हमने बिल्डरों और रियल एस्टेट मालिकों को नियंत्रण में रखने की कोशिश की है. साथ ही दोनों के बीच संतुलन बनाने की भी कोशिश की.

नई दिल्ली: केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. यह चुनौती हाउसिंग इंडस्ट्री रेगुलेशन एक्ट (HIRA), 2017 को लेकर है.

इस विषय पर केंद्र में आवास और शहरी मामलों की सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा भरा है, जिसमें पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट के आवास उद्योग विनियमन अधिनियम (एचआईआरए), 2017 को चुनौती दी गई है.

उन्होंने HIRA की आलोचना करते हुए कहा, 'जब इस क्षेत्र में केंद्रीय कानून है, तो आप राज्य में अलग कानून कैसे लागू कर सकते हैं और वह भी हमारी सहमति के बिना.'

मिश्रा ने कहा, 'इससे पहले आवास क्षेत्र में ट्रांसपेरेंसी रखने के लिए कोई नियम नहीं थे. हमने रियल एस्टेट मालिकों और बिल्डरों को नियंत्रण में रखने के लिए RERA की पहल की थी.'

दुर्गा शंकर मिश्रा का बयान, देखें

केंद्र ने रियल एस्टेट उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ घर खरीदारों की रक्षा करने के उद्देश्य से रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 को लागू किया था.

पढ़ेंः 'मेरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नहीं होगी आतंकी घटना, PM मोदी दें आश्वासन'

केन्द्र में यह अधिनियम होने के बावजूद पश्चिम बंगाल गवर्नमेण्ट ने रियल एस्टेट क्षेत्र में एक अलग कानून HIRA,2017 को लागू किया.

मिश्रा ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में घर खरीदारों और संघों के एक समूह ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भरी है, जिसमें HIRA की वैधता को चुनौती दी गई है और हमने हलफनामा भी दिया है.'

उन्होंने कहा कि जब एक ही विषय पर दो अलग-अलग कानून होंगे तो लोग भ्रमित हो जाएंगे.

मिश्रा ने कहा, RERA के लागू होने के बाद हमने बिल्डरों और रियल एस्टेट मालिकों को नियंत्रण में रखने की कोशिश की है. साथ ही दोनों के बीच संतुलन बनाने की भी कोशिश की.

Intro:New Delhi: The Centre has challenged West Bengal Government in the Suprme Court over the laters Housing Industry Regulation Act (HIRA), 2017.


Body:Talking to ETV Bharat, Union Secretary for Housing and Urban Affairs, Durga Shankar Mishra said that his ministry has filled an affidavit in the Supreme Court (SC) challenging the Housing Industry Regulation Act (HIRA), 2017 of the West Bengal Governmnet.

"When you have a central law, how can you implement a state law and that is also without our consent," said Mishra criticising HIRA.

"Earlier there was no regulations to keep transperacy in the housing sector. We had initiated RERA to keep real estate owners and builders under control," said Mishra.

The Centre has brought the Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 aiming to protect home buyers as well as help boost investments in the real estate industry.

The West Bengal Governmnet, on the contrary, brought out a different law in the real estate sector called HIRA, 2017.

"A group of home buyers and associations in West Bengal have already filled a petition in the Supreme Court challenging the validity of HIRA. And we have also filled affidavit challenging HIRA," said Mishra.

He said that when there are two different laws over a same issue, "People will get confused."


Conclusion:The Union Secretary has said that almost 31 states have initiated RERA law and 28 states have already got the authority.

"With RERA in force, we have tried to keep the builders and real estate owners under control," said Mishra.

end.
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