हैदराबाद : एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संशोधित नागरिकता काननू (सीएए) केवल मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि सभी भारतीयों के लिए चिंता का विषय है और कानून के खिलाफ लगातार संघर्ष करना होगा.
हैदराबाद से सांसद ने शनिवार देर रात कहा, 'मैं क्यों कतार में खड़ा रहूं और साबित करूं की मैं भारतीय हूं. मैंने इस धरती पर जन्म लिया है. मैं (भारत का) नागरिक हूं. सभी 100 करोड़ भारतीयों को कतारों में खड़ा होना पड़ेगा (नागरिकता का प्रमाण दिखाने के लिए). यह केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है बल्कि यह सभी भारतीयों के लिए चिंता का विषय है. मैं 'मोदी भक्तों' से भी यह कह रहा हूं. तुम्हें भी कतारों में खड़ा होना होगा और दस्तावेज लाने होंगे.'
दारुस्सलाम में विभिन्न मुस्लिम समूहों की संस्था 'यूनाईटेड मुस्लिम एक्शन कमेटी' द्वारा आयोजित एक बैठक में ओवैसी ने कहा कि भारतीय मुसलमानों ने बंटवारे के समय 'जिन्ना के दो राष्ट्र के सिद्धांत' को नकारते हुए भारत में रहने का निर्णय लिया था.
भाजपा के कई मुस्लिम राष्ट्र होने के दावे पर उन्होंने कहा कि हमारा उनसे क्या लेना-देना है. उन्होंने कहा, 'मुझे केवल भारत की चिंता है...केवल भारत और केवल भारत से प्यार है. (आप कहते हैं) बहुत सारे मुस्लिम राष्ट्र हैं. आप वहां चले जाएं. मुझे क्यों कह रहे हैं.'
ओवैसी ने कहा, 'मैं अपनी इच्छा और जन्म से भारतीय हूं... अगर आप गोली चलाना चाहते हैं, चलाइए. आपकी गोलियां खत्म हो जाएंगी लेकिन भारत के लिए मेरा प्यार खत्म नहीं होगा. हमारी कोशिश देश को मारने की नहीं बल्कि बचाने की है.'
उन्होंने कहा कि (आजादी के) 70 वर्ष बाद भी सम्मान के लिए मुसलमानों की लड़ाई अपमान की बात है.
ओवैसी ने कहा कि हमारा अभियान संविधान को 'बचाने' के लिए है. हम सभी भारतीयों से अपील करते हैं, जो सीएए और एनआरसी के खिलाफ हैं, रविवार को अपने-अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं जो 'फासीवादी ताकतों' के खिलाफ संदेश दे और कहे कि यह एक ऐसे व्यक्ति का घर है जिसे देश से प्यार है.
संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए उन्होंने साथियों से उसे दोहराने को कहा और साथ ही किसी तरह की हिंसा में शामिल ना होने की अपील की.
इस बैठक में हजारों लोग शामिल हुए, जिसकी शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और समापन आधी रात को ओवैसी के भाषण के साथ हुआ.
आयशा रैना और लबेदा फरजाना और असम के मानवाधिकार कार्यकर्ता अमन वदूद जैसी हस्तियों ने भी इस बैठक में अपनी बात रखी.
असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के दारुस्सलाम में रैली की. इस दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी नेता वाईएस जगन मोहन रेड्डी को केंद्र का समर्थन देने पर पुनर्विचार करने को कहा.
ओवैसी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं अपने दोस्त जगनमोहन रेड्डी से अनुरोध कर रहा हूं. केंद्र को अपना समर्थन ना दें. हमें देश को बचाना है.'
वहीं ओवैसी ने नागरिकता कानून को काला कानून बताते हुए कहा, 'जो भी एनआरसी और सीएए के खिलाफ हैं, वे अपने घर के बाहर तिरंगा लहराएं. इससे बीजेपी को एक संदेश जाएगा कि उन्होंने एक गलत और काला कानून बना दिया है.' उन्होंने कहा, 'हिंसा हरगिज नहीं होनी चाहिए. कोई आपको छेड़े तब भी नहीं होना चाहिए. हिंसा हुई तो किस्सा खत्म हो जाएगा.'
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साथ ही उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता काननू (सीएए) केवल मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि सभी भारतीयों के लिए चिंता का विषय है और कानून के खिलाफ लगातार संघर्ष करना होगा.
ओवैसी ने कहा कि हमारा अभियान संविधान को बचाने के लिए है. हम सभी भारतीयों से अपील करते हैं, जो सीएए और एनआरसी के खिलाफ हैं, रविवार को अपने-अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं जो 'फासीवादी ताकतों के खिलाफ संदेश दे और कहे कि यह एक ऐसे व्यक्ति का घर है जिसे देश से प्यार है.'
संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए उन्होंने साथियों से उसे दोहराने को कहा और साथ ही किसी तरह की हिंसा में शामिल ना होने की अपील की.
इस बैठक में हजारों लोग शामिल हुए, जिसकी शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और समापन आधी रात को ओवैसी के भाषण के साथ हुआ.