पलवल: पलवल में शहर थाना पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला को वेश्यावृत्ति कराने वाले मानव तस्करों से मुक्त कराया है. यह मानव तस्कर महिलाओं को नौकरी लगवाने के नाम पर बांग्लादेश से लाकर उनके फर्जी भारत के आधार कार्ड, पैन कार्ड और दूसरी आईडी बनाकर अलग-अलग जगहों पर इनको बेचते थे. इनसे होटलों में जबरन वेश्यावृत्ति कराई जाती थी. पुलिस ने दो मानव तस्करी करने वाले दंपति को पलवल से गिरफ्तार किया है. बंगाल की शक्ति वाहिनी की टीम और पलवल की महिला एवं बाल कल्याण समिति की टीम के सहयोग से पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया है. पुलिस अब इस मानव तस्करी करने वाले गिरोह का पता लगाने में लगी हुई है.
पलवल की महिला एवं बाल कल्याण समिति के चेयरमैन रणवीर उर्फ मनोज ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में बांग्लादेश से लड़कियों की तस्करी जमकर की जा रही है. उनको लालच दिया जाता है, कि 40 हजार रुपये की नौकरी लगाई जाएगी. लेकिन उनको क्या पता कि उनसे वेश्यावृत्ति कराई जाएगी. उन्होंने बताया पलवल की शहर थाना पुलिस ने एक ऐसी ही लड़की को छुड़ाया है. जिसको बांग्लादेश से नौकरी लगाने के नाम पर भारत लाया गया और देहली में उसके फर्जी पहचान पत्र बनाए बनाए गए.
इसके बाद उससे वेश्यावृत्ति कराई जा रही थी. उन्होंने बताया युवतियों के छोटे कपड़ों में अश्लील फोटो ले लिए, जिन्हें दिखाकर उसे होटल में वेश्यावृत्ति के लिए भेजा जाता. एक युवक की मदद से युवती आरोपियों के चंगुल से भाग निकली. युवती ने पलवल में आकर युवक से शादी कर ली और मामले की शिकायत पुलिस को दी गई. शहर थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर नामजद दंपति सहित अन्य के खिलाफ मानव तस्करी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है.
वहीं, बंगाल की शक्ति वाहिनी के अध्यक्ष ऋषिकांत ने जानकारी देते हुए बताया कि बांग्लादेश निवासी एक 20 वर्षीय युवती ने पलवल के शहर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में बताया गया है कि उसकी पड़ोसी नरगिस ने उसे दिल्ली में नौकरी दिलाने की बात कही. बीती 28 जनवरी वह बांग्लादेश से दिल्ली के लिए चली. नरगिस ने बस का किराया दिया. राजू उसे बॉर्डर पार करवाकर एक कमरे में ले गया. जहां उसके साथ 18 लड़कियां थीं. उसने मुझे एक छोटा फोन व नकली पहचान पत्र दिया.
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अगले दिन उसे कोलकाता से दिल्ली टिकट देकर ट्रेन में बैठाया गया. दिल्ली स्टेशन पर आरोपी महिला और उसका पति अजगर उसे आली गांव ले आए. जब उसने नौकरी के बारे में पूछा तो उन्होंने उसे गलत काम करने का दबाव बनाया. उन्होंने कहा कि तुम्हें यहां लाने में बहुत रुपये खर्च किया है. 1.21 लाख रुपये दे दो और चली जाओ. उसने रुपये लेने से मना किया. आरोपियों ने उसकी एक न मानी और उसे वेश्यावृत्ति में उतार दिया. आरोपियों ने उसके अश्लील फोटो ले लिए, जिन्हें ग्राहक के पास भेजा जाता था. फोटो पसंद आने पर उसे होटल में भेजा जाता था.
आरोपी काफी समय से उसके जरिये रुपये कमाते रहे हैं. आरोपी उससे कहते थे कि उसे नरगिस से रुपये देकर खरीदा है. आरोपियों के चंगुल से निकलने के लिए उसने एक युवक से मदद मांगी. युवक ने ग्राहक बनकर आरोपी महिला से फोन पर संपर्क किया और उसे बुला लिया. बदरपुर बॉर्डर पर युवक ने उसे आरोपी महिला के आदमियों से हाथापाई कर छुड़ा दिया और उसे पलवल के पंचवटी मंदिर पर लाकर शादी कर ली.
शिकायत में कहा गया कि उन्होंने आरोपियों के डर की वजह से पलवल अदालत में सुरक्षा की गुहार लगाई है. पकड़े गए पति-पत्नी मानव तस्करी का लंबे समय से व्यापार कर रहे थे. उन्होंने बताया कि मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के आली गांव निवासी आरोपी महिला और उसका पति अजगर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे लंबे समय से मानव तस्करी का कार्य करते हैं.
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पीड़िता ने बताया कि, बांग्लादेश से युवतियों को भारत लाया जाता है. बांग्लादेश के दस्तावेजों को नष्ट कर दूसरे नाम से भारत के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनाए जाते हैं. उक्त युवती के साथ बांग्लादेश से 18 लड़की मंगवाई गई थी. जिन्हें दिल्ली लाकर अलग-अलग स्थानों पर सप्लाई कर दिया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने युवती की शिकायत के आधार पर मानव तस्करी करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करके गहन पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है. रिमांड अवधि के दौरान इस मामले से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने का प्रयास किया जाएगा. पुलिस का कहना है कि इस मामले से जुड़े किसी भी आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा.