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Jammu kashmir News : यासीन मलिक को लेकर महबूबा मुफ्ती और अल्ताफ बुखारी आमने-सामने - Altaf Bukhari

अलगाववादी नेता यासीन मलिक मामले में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी के पूर्व नेता अल्ताफ बुखारी आमने-सामने हैं. पहले जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने ट्वीट किया, जिसके बाद महबूबा ने निशाना साधा. जानिए क्या है पूरा मामला.

Altaf Bukhari Former Chief Minister Mehbooba Mufti
अल्ताफ बुखारी पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
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Published : May 27, 2023, 7:47 PM IST

श्रीनगर: अलगाववादी नेता यासीन मलिक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष में बहस छिड़ गई है. जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (Altaf Bukhari) ने शनिवार को दावा किया कि यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग करने वाली एनआईए की याचिका में कहा गया है कि क्षेत्र में आतंकवाद के लिए फंडिंग पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.

बुखारी ने अपने ट्विटर पोस्ट में कहा, 'यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग वाली एनआईए की याचिका जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी निष्कर्षों को संबोधित करने की तात्कालिकता को उजागर करती है.'

उन्होंने कहा कि 'हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय कायम रहे और उन लोगों के खिलाफ निवारक उपाय किए जाएं जो हमारे देश की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं.'

दिलचस्प बात यह है कि बुखारी ने पोस्ट करने के कुछ ही मिनटों बाद इस ट्वीट को हटा दिया, हालांकि, इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को उन पर कटाक्ष करने का मौका मिल गया.

महबूबा बोलीं, पुनर्विचार किया जाना चाहिए: महबूबा ने अपने पार्टी के पूर्व नेता अल्ताफ बुखारी की भी आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग मलिक को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं, वे हमारे सामूहिक अधिकारों के लिए एक गंभीर खतरा हैं.

बुखारी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए महबूबा ने कहा, 'भारत जैसे लोकतंत्र में जहां एक प्रधानमंत्री के हत्यारों को भी माफ कर दिया जाता है, यासीन मलिक जैसे राजनीतिक कैदी के मामले की समीक्षा की जानी चाहिए और उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.'

बुखारी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, 'नए राजनीतिक इखवान ने खुशी-खुशी उनकी (यासीन मलिक) फांसी का समर्थन किया जो हमारे सामूहिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है.'

कल एनआईए ने अलगाववादी नेता और प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष मुहम्मद यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की थी. इस संबंध में एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर 29 मई को सुनवाई होने की उम्मीद है.

पढ़ें- यासीन मलिक को मृत्युदंड दिलाने के लिए NIA उच्च न्यायालय पहुंची

श्रीनगर: अलगाववादी नेता यासीन मलिक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष में बहस छिड़ गई है. जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (Altaf Bukhari) ने शनिवार को दावा किया कि यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग करने वाली एनआईए की याचिका में कहा गया है कि क्षेत्र में आतंकवाद के लिए फंडिंग पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.

बुखारी ने अपने ट्विटर पोस्ट में कहा, 'यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग वाली एनआईए की याचिका जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी निष्कर्षों को संबोधित करने की तात्कालिकता को उजागर करती है.'

उन्होंने कहा कि 'हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय कायम रहे और उन लोगों के खिलाफ निवारक उपाय किए जाएं जो हमारे देश की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं.'

दिलचस्प बात यह है कि बुखारी ने पोस्ट करने के कुछ ही मिनटों बाद इस ट्वीट को हटा दिया, हालांकि, इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को उन पर कटाक्ष करने का मौका मिल गया.

महबूबा बोलीं, पुनर्विचार किया जाना चाहिए: महबूबा ने अपने पार्टी के पूर्व नेता अल्ताफ बुखारी की भी आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग मलिक को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं, वे हमारे सामूहिक अधिकारों के लिए एक गंभीर खतरा हैं.

बुखारी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए महबूबा ने कहा, 'भारत जैसे लोकतंत्र में जहां एक प्रधानमंत्री के हत्यारों को भी माफ कर दिया जाता है, यासीन मलिक जैसे राजनीतिक कैदी के मामले की समीक्षा की जानी चाहिए और उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.'

बुखारी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, 'नए राजनीतिक इखवान ने खुशी-खुशी उनकी (यासीन मलिक) फांसी का समर्थन किया जो हमारे सामूहिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है.'

कल एनआईए ने अलगाववादी नेता और प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष मुहम्मद यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की थी. इस संबंध में एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर 29 मई को सुनवाई होने की उम्मीद है.

पढ़ें- यासीन मलिक को मृत्युदंड दिलाने के लिए NIA उच्च न्यायालय पहुंची

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