यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर जिले के हाथी पुनर्वास केंद्र बन संतूर में रह रही मोती नामक हथिनी की मौत हो गई है. पुनर्वास केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक हथिनी की उम्र 60 साल हो चुकी थी. प्राथमिक दृष्टि में हथिनी की मौत का कारण अज्ञात बीमारी बताई जा रही है. पोस्टमार्टम के बाद आधिकारिक तौर पर पता चल पायेगा कि मौत का असली कारण क्या है.
यमुनानगर में काफी बड़ा वन क्षेत्र है. छछरौली खंड में वन्य प्राणी क्षेत्र भी काफी बड़े एरिया में फैला है. यहां जंगल में कई तरह के जानवर हैं. साथ ही विलुप्त होती प्रजातियों के भी जानवर इस जंगल में पाए जाते हैं. महीने भर पहले जंगल में सैकड़ों साल बाद बंगाल टाइगर भी देखा गया था. लेकिन इस बार यहां से बुरी खबर सामने आई है. यमुनानगर बन संतूर हाथी पुनर्वास केंद्र की हथिनी मोती की मौत हो गई है. इस पुनर्वास केंद्र में अलग-अलग समय में दिल्ली और गुरुग्राम के आसपास से पकड़कर हाथियों को लाया गया था. जिसकी देखरेख वन्य प्राणी विभाग द्वारा की जाती है.
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बन संतूर पुनर्वास केंद्र में मौजूद 5 हथिनियों को अलग-अलग नाम भी दिए गए हैं. जिनमें लीली, चंचल, लक्ष्मी-1, लक्ष्मी-2 और मोती शामिल थी. लेकिन शनिवार को अचानक मोती की मौत हो गई. इस बारे में वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी सुनील तंवर ने बताया कि अज्ञात बीमारी के चलते हथिनी की मौत हुई है. रविवार को डॉक्टर की टीम की तरफ से पोस्टमार्टम के बाद मृत्यु के सही कारणों का खुलासा हो पाएगा.
फिलहाल वन्य प्राणी विभाग की तरफ से चिकित्सकों की टीम को सूचना भेज दी गई है. चिकित्सकों की टीम रविवार को यहां पहुंचकर हथिनी का पोस्टमार्टम करेगी. बता दें कि हाथियों के पुनर्वास के लिए यहां पर सरकार की तरफ से हर महीने लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. उनके खान-पान से लेकर रहन-सहन पर मोटी रकम खर्च की जाती है. अचानक हथिनी मोती की मौत से वन्य जीव संरक्षण को गहरा झटका लगा है.
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