ETV Bharat / bharat

600 भ्रष्ट अधिकारियों पर अभियोग चलाने के लिए 171 मामले मंजूरी के वास्ते लंबित

केंद्रीय सतर्कता आयोग की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2021 तक, 15 अधिकारियों पर अभियोग चलाने की मंजूरी के वास्ते उत्तर प्रदेश सरकार के पास आठ मामले लंबित थे. इसी तरह दिल्ली सरकार के पास 36 अधिकारियों के विरुद्ध चार मामले लंबित हैं. Central Vigilance Commission latest report.

171-graft-cases-against-public-servants
600 भ्रष्ट अधिकारियों पर अभियोग
author img

By

Published : Aug 26, 2022, 4:05 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ताजा रिपोर्ट (Central Vigilance Commission latest report) में खुलासा किया गया है कि भ्रष्टाचार के आरोपी 600 से ज्यादा अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन के वास्ते 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी के लिए लंबित (graft cases against public servants) हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से सबसे ज्यादा 65 मामले ऐसे हैं, जिनमें वित्तीय सेवा विभाग के 325 अधिकारी आरोपी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के 67 अधिकारियों के विरुद्ध 12 मामले, रेलवे मंत्रालय के 30 अधिकारियों के विरुद्ध 11 मामले और रक्षा मंत्रालय के 19 अधिकारियों के विरुद्ध आठ मामले दर्ज हैं. इन मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2021 तक, 15 अधिकारियों पर अभियोग चलाने की मंजूरी के वास्ते उत्तर प्रदेश सरकार के पास आठ मामले लंबित थे. रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में आठ अधिकारियों के विरुद्ध छह मामले थे. रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर सरकार के पास आठ अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने के वास्ते ऐसे पांच मामले और दिल्ली सरकार के पास 36 अधिकारियों के विरुद्ध चार मामले लंबित हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय को भ्रष्टाचार के आरोपी 11 अधिकारियों के विरुद्ध चार मामलों में मंजूरी देना बाकी है, जबकि शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में तीन-तीन ऐसे मामले लंबित हैं. सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट-2021 में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग, आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में भी तीन-तीन मामले मंजूरी के लिए लंबित हैं.

यह भी पढ़ें- सीवीसी के सामने 12 हजार लंबित मामले, संसदीय समिति ने उठाए सवाल

रिपोर्ट में कहा गया है, 'आयोग द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत विभिन्न संगठनों के लिए अभियोजन के वास्ते लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा की जाती है.' कुल लंबित मामलों में से 82 ऐसे हैं, जिनमें कथित रूप से भ्रष्ट 350 अधिकारियों के मामले तीन महीने से ज्यादा समय से अनिर्णीत हैं, जबकि ऐसे मामलों पर निर्णय की समय सीमा तीन माह ही होती है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ताजा रिपोर्ट (Central Vigilance Commission latest report) में खुलासा किया गया है कि भ्रष्टाचार के आरोपी 600 से ज्यादा अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन के वास्ते 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी के लिए लंबित (graft cases against public servants) हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से सबसे ज्यादा 65 मामले ऐसे हैं, जिनमें वित्तीय सेवा विभाग के 325 अधिकारी आरोपी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के 67 अधिकारियों के विरुद्ध 12 मामले, रेलवे मंत्रालय के 30 अधिकारियों के विरुद्ध 11 मामले और रक्षा मंत्रालय के 19 अधिकारियों के विरुद्ध आठ मामले दर्ज हैं. इन मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2021 तक, 15 अधिकारियों पर अभियोग चलाने की मंजूरी के वास्ते उत्तर प्रदेश सरकार के पास आठ मामले लंबित थे. रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में आठ अधिकारियों के विरुद्ध छह मामले थे. रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर सरकार के पास आठ अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने के वास्ते ऐसे पांच मामले और दिल्ली सरकार के पास 36 अधिकारियों के विरुद्ध चार मामले लंबित हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय को भ्रष्टाचार के आरोपी 11 अधिकारियों के विरुद्ध चार मामलों में मंजूरी देना बाकी है, जबकि शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में तीन-तीन ऐसे मामले लंबित हैं. सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट-2021 में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग, आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में भी तीन-तीन मामले मंजूरी के लिए लंबित हैं.

यह भी पढ़ें- सीवीसी के सामने 12 हजार लंबित मामले, संसदीय समिति ने उठाए सवाल

रिपोर्ट में कहा गया है, 'आयोग द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत विभिन्न संगठनों के लिए अभियोजन के वास्ते लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा की जाती है.' कुल लंबित मामलों में से 82 ऐसे हैं, जिनमें कथित रूप से भ्रष्ट 350 अधिकारियों के मामले तीन महीने से ज्यादा समय से अनिर्णीत हैं, जबकि ऐसे मामलों पर निर्णय की समय सीमा तीन माह ही होती है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.