आज की प्रेरणा : अपना नियत कर्म करो, कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है
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मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए, न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए. यदि मनुष्य कर्म फलों का त्याग तथा आत्म-स्थिर होने में असमर्थ हो तो उसे ज्ञान अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए. अपना नियत कर्म करो क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है. कर्म के बिना तो शरीर-निर्वाह भी नहीं हो सकता. जो अहंकार वश शास्त्र विरुद्ध कठोर जप-तप करते हैं, जो काम तथा आसक्ति से प्रेरित हैं वे मूर्ख है. जो शरीर और शरीर के भीतर स्थित परमात्मा को कष्ट पहुंचाते हैं, वे असुर हैं.