रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर : डॉ. एएस नैन
रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 10वां दिन है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर कृषि क्षेत्र पर भी पड़ सकता है. साथ ही रूस और यूक्रेन से आने वाले सूरजमुखी तेल पर भी पड़ेगा. जिसको लेकर कृषि वैज्ञानिक चिंतित दिखाई दे रहे हैं. युद्ध लंबा खिंचने पर खाद्य और तेल के दामों में भी उछाल देखने को मिल सकता है. उत्तराखंड के पंतनगर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ. एएस नैन रूस और यूक्रेन के इस युद्ध को लेकर चिंतित हैं. युद्ध का असर भारत की कृषि में भी पड़ सकता है. निदेशक शोध के मुताबिक देश में लगभग 2.5 मिलियन टन एडिबल ऑयल (सूरजमुखी का तेल) का आयात होता है. जिसका 70 फीसद यूक्रेन व 20 फीसद रूस से आता है. इसी प्रकार यूक्रेन से हमारा देश खाद का लगभग 235 मिलियन डॉलर का आयात करता है. इनमें मुख्यतः पोटैशिक, एनपीके का मिश्रण व जैविक खादें शामिल हैं. क्योंकि यूक्रेन पर रूस के हमले में इकाइयां, उत्पादन व आपूर्ति ठप हो चुके हैं. इसलिए वहां से आयात प्रभावित होगा और देश में इनकी उपलब्धता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अगर उपलब्धता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो किसानों की खाद की मांग पूरी करने में कठिनाई होगी. जिससे इसके मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि भी हो सकती है. इसके देश की कृषि उत्पादकता पर भी इसका प्रभाव पड़ने की आशंका है. इसी प्रकार हमारे देश से रूस व यूक्रेन में चाय, दवाइयों व मेडिकल उपकरण का बड़ी मात्रा में निर्यात होता है. उन्होंने कहा कि दोनों देश युद्ध में हैं और उन्हें आने वाले समय में दवाइयों व मेडिकल उपकरण की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होगी, जिससे निर्यात बढ़ने की पूरी संभावना है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:18 PM IST