नोटबंदी के तीन साल: क्या खोया क्या पाया?
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हैदराबाद : 8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक ऐलान किया. 500 और 1000 रुपये के नोट के विमुद्रीकरण यानि नोटबंदी का. जिसने पूरे देश को एक झटके में बैंकों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया. आज तीन साल बाद भी इसके लागू करने के तरीके और प्रभाव की व्यापकता पर बहस जारी है. आइए जानते हैं नोटबंदी अपने घोषित उद्देश्यों में कितना सफल साबित हुआ.