वाह रे सरकारी व्यवस्था! गरीबी पर भारी पड़ी ममता, बेटी के लिए मां बनी एम्बुलेंस
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झारखंड के गढ़वा में एक बच्ची का पैर टूट गया. उसे इलाज के लिए वाहन नहीं मिला, जिसके बाद उसकी मां उसे अपने कंधे पर लादकर अस्पताल ले गई, जहां उसका इलाज अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण नहीं हो सका. महिला को अपनी बच्ची का इलाज कर्ज लेकर प्राइवेट अस्पताल में कराना पड़ा. पीड़िता की मां ने कहा कि सरकारी अस्पताल में केवल पुर्जा काटकर दे दिया गया, न तो इलाज हुआ और न ही दवा मिली. वहीं पीड़िता के पिता ने बताया कि मजबूरी में शुद पर कर्ज लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल में बेटी का इलाज कराना पड़ा, जिसमें 2300 सौ रुपये खर्च हुए.