केरल : पारंपरिक तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन, जानें क्यों मनाया जाता है ये त्योहार
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केरल में आज भी एक ऐसी पारंपारिक संस्कृति को सजोया जा रहा है. जिसमें जानवरों का शिकार किया जाता है. अक्टबूर महीने को केरल में तुलाम कहा जाता है. यहां इस महीने के 10 वें दिन को शिकार दिवस के रुप में मनाया जाता है. वायनाड जिले के मनंथावाड़ी कम्मना में शिकार दिवस पर एक पारपंरिक तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. यह प्रतियोगिता कुरचिया और कुरमा समुदायों के बीच उत्सव के रुप में मनाई जाती है. इस बार प्रतियोगिता का आयोजन आदिवासी दीप पुस्तकालय द्वारा किया गया है. प्रतियोगिता में लोग पारंपरिक हथियार जैसे तीर, धनुष का इस्तेमाल कर शिकार करते हैं. प्रतियोगिता के पहले और बाद में इन हथियारों की पूजा की जाती है. ये आयोजन जमींदारों की जमीनों के पास जंगलों में किया जाता है. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य फसल को बर्बाद करने वाले जानवरों को खत्म करना है. अहम बात है कि ये पूजा केवल इन ही दिनों में की जाती है. कुरमा और कुरचिया संप्रदायों द्वारा आयुध पूजा लंबे समय से चली आ रही प्रथा है. बता दें कि इस प्रतियोगिता में पुरुष और महिला समेत 60 लोगों ने भाग लिया है.