दिव्यांग राजेश्वरी ने पैरों में थामी लेखनी, अब स्कूलों में पढ़ाई जाएंगी कविताएं - पैरों में कलम

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Published : Nov 1, 2020, 2:34 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 4:02 PM IST

तेलंगाना के सिरीसिल्ला जिले में रहने वाली राजेश्वरी दिव्यांग हैं, पर उनके हौसले बुलंद हैं. वह अपने हाथों से काम करने में असमर्थ है, जिसके चलते उन्हें कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने अपने पैरों में कलम थामी और एक सुंदर कविता लिख दी. वह मस्तिष्क पक्षाघात (सेरिब्रल पैल्सि) के चलते उनके दोनों हाथ काम नहीं करते हैं. राजेश्वरी अपनी कविताओं के लिए व्यापक और विविध विषयों का चयन करती हैं. कोरोना, भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध गायक एसपी बालासुब्रमण्यम, कवि दशरथ, हथकरघा बुनकर, दहेज, बलात्कार, आत्मविश्वास, दोस्ती, जीवन और वर्तमान मामलों पर उन्होंने कविताएं लिखी हैं.
Last Updated : Nov 1, 2020, 4:02 PM IST

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