Watch Video : केरल में छात्र-छात्राओं के एक ग्रुप ने दोस्त के लिए बना दिया नया घर, जानिए वजह
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Published : Nov 16, 2023, 9:22 PM IST
|Updated : Nov 16, 2023, 9:45 PM IST
केरल में अपने दोस्त के घर की दयनीय स्थिति देखकर छात्र-छात्राओं के एक समूह ने फैसला किया कि उन्हें अपने दोस्त के लिए एक घर बनाना चाहिए. फिर क्या था, पूरा स्कूल उनके साथ खड़ा हुआ और 100 दिनों के अंदर उनकी सोच ने हकीकत का रूप ले लिया. तिरुवनंतपुरम के पास विथुरा के सरकारी व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने सपने को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम यानी एनएसएस के तहत पैसा जमा करने के लिए कई कार्यक्रमों और फूड फेस्टिवल का आयोजन किया. यहां तक कि कंज्यूमर ड्यूरेबल चीजें भी बेची. बच्चों ने अपने वीकेंड में काफी मेहनत की और चार लाख रुपये से अधिक धन एकत्र किया. स्कूल के पीटीए और शिक्षकों ने भी दिल खोलकर उनके प्रयास का समर्थन किया और अपनी तरफ से भी चार लाख रुपये जुटाए. इस संबंध में एनएसएस प्रोग्राम अधिकारी अरुण का कहना था कि घर की हालत बहुत ख़राब थी और घर में पांच महिलाएं थीं. घर के मुखिया, जो छात्रा के पिता थे, उनकी मृत्यु हो गई थी. हालत देखने के बाद राष्ट्रीय सेवा योजना ने उनके लिए घर बनाने का फैसला किया. विद्यार्थियों को तय समय में निर्माण पूरा करने के लिए प्रेरित किया गया. उन्होंने 100 दिन का काउंटडाउन चार्ट तैयार किया और 100 दिन में घर बनाने का निर्णय लिया. बुधवार को सपनों के इस घर का गृह प्रवेश समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सभी छात्र-छात्राएं और शिक्षक एकत्र हुए. शिक्षिका मज्जुषा ने कहा कि घर के मुखिया की मौत अचानक हुई थी. उस समय, हमारे स्टूडेंट्स ने चर्चा की कि हमें अनास्या के लिए एक घर बनाना चाहिए. हमने जो निर्णय लिया वो ये था कि स्टूडेंट्स की तरफ से खुद पैसे जुटाने की जगह, इसके लिए बच्चों के साथ योजना बनाकर पैसा इकट्ठा करना ज्यादा बेहतर होगा. इस तरह हमने घर बनाया. इस फंड रेजर की सबसे अच्छी बात ये थी कि छात्र-छात्राओं ने किसी से कोई दान नहीं मांगा, बल्कि धन जुटाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए. वहीं छात्रा फसीला एस ने कहा कि हमारा लक्ष्य 100 दिन में घर बनाने का था. हमने इसे केवल 99 दिन में बनाया और हम बहुत खुश हैं. इसके अलावा हमें किसी से पैसे भी नहीं मांगने पड़े. हमने अपनी पुरानी यूनिफॉर्म बेच दी और गिफ्ट कूपन से सारी नकदी एकत्र कर ली. हम सचमुच खुश हैं. ये बहुत बड़ी उपलब्धि है. इसी तरह एक अन्य छात्रा ने कहा कि मुझे एनएसएस में शामिल होने पर बहुत गर्व है. अरुण सर और पूरी एनएसएस टीम ने घर बनाने में बहुत मेहनत की. ये हमारा सपना था और इसके लिए हमने बहुत मेहनत की. सर ने बहुत मेहनत की और हमें बहुत गर्व है. जिस छात्रा के लिए सपनो का ये घर बनाया गया है, उसका नाम है अनास्या अजयन और वो अपने दोस्तों की मदद से घर पाकर बहुत खुश है. इस बारे में अनास्या अजयन ने कहा कि मेरी एक बड़ी बहन है, मेरी दो दादी हैं. मैं बहुत खुश हूं कि उन्होंने हमारे लिए घर बनाया है. एनएसएस स्वयंसेवकों को स्कूल और उसके आसपास गतिविधियां चलाने के लिए स्थानीय समुदाय की तरफ से पहले ही बधाई दी जा चुकी है. इस 100 दिन के कार्यक्रम में, उन्होंने 100 पेड़ पौधे लगाए हैं और उन्हें 'अच्छाई के पेड़' नाम दिया गया है. कार्य दिवसों के दौरान सभी को मुफ्त भोजन पैकेट बांटे. 50 डोनर्स के साथ रक्तदान शिविर का आयोजन किया और पंचायत में 25 जगहों की सफाई और मरम्मत की.