Kerala News: साक्षरता अभियान की सबसे बुजुर्ग विद्यार्थी हैं कमला कन्नी, 108 साल की उम्र में पहली बार लिखा अपना नाम
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इडुक्की: कहा जाता है कि पढ़ाई-लिखाई सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. यह साबित किया है केरल के इडुक्की जिले की रहने वाली कमला कन्नी ने यह साबित कर दिया है. कमला कन्नी इस वक्त 109 साल की हो चुकी हैं. जब वह 108 साल की उम्र में थीं तो घर आए साक्षरता कर्मियों ने कमला कन्नी को अक्षर सीखने के बारे में बताया. कमला ने जैसे ही यह सुना, वह पढ़ने के लिए तैयार हो गई. कमला, जो केंद्र सरकार की पढ़ना-लिखना अभियान योजना में शामिल हुईं, उन्होंने 108 साल की उम्र में अपना नाम लिखना सीखा.
इडुक्की जिले के कट्टप्पना वंदनमेडु की मूल निवासी कमला कन्नी केरल राज्य की सबसे बुजुर्ग साक्षरता अभियान की शिक्षार्थी हैं. कमला कन्नी अपना नाम पहली बार किताब में लिखने की खुशी अभी भी नहीं भूली हैं. कमला कन्नी का परिवार तमिलनाडु के कुंबुम का मूल निवासी है, जो केरल के एक सीमावर्ती जिले इडुक्की में करीब एक सदी से भी ज्यादा समय पहले प्रवासित हुआ था. ये लोग इलायची के बागान में रोजगार की तलाश में आए थे, लेकिन बाद में यहां स्थायी रूप से बस गए.
पढ़ाई शुरू करने के बाद से कमला के हाथ में एक किताब और एक कलम रहती है. वह कभी भी लिखने-पढ़ने को तैयार रहती हैं. कमला कन्नी को मलयालम और तमिल में बारी-बारी से उनका नाम लिखना सिखाया गया है. देखा जाए तो वह 109 साल की हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कोई बीमारी नहीं है. कमला ने अपनी सेहत का राज भी बताया. उन्होंने कहा कि जब मैं छोटी थी, तो मैं जंगली कंद और हरी पालक खाती थी. वह इडुक्की जिले के वंदनमेडु में अपने पोते-पोतियों की चौथी पीढ़ी के साथ रहती हैं.