जब रोपवे में फंसे पिता ने बेटों से कहा, बोतल में यूरिन संभाल कर रखो

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झारखंड रोपवे हादसे (jharkhand ropeway accident) में फंसे 63 लोगों में 60 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि तीन लोगों की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी. इस बीच हवा में लटके लोगों की जान हलक में अटकी रही और कई बार उन्हें आसपास 'मौत' और अपने लोगों को खो देने का डर लगा. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अब इस तरह के लोगों की दर्दनाक कहानियां सामने आ रहीं हैं. ऐसी ही रोंगटे खड़े करने वाली कहानी है विनय कुमार दास की, जिनका पूरा परिवार ही रोपवे में फंसा था. पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हरिशचंद्रपुर के विनय कुमार दास अपने पूरे परिवार के साथ घर से पिंडदान के लिए गया के लिए निकले थे. रास्ते में उन्होंने सोचा देवघर में त्रिकूट पर्वत रोपवे पर घूम लेते हैं और फिर देवघर में बाबा भोले पर जलार्पण कर अगले दिन गया के लिए निकल जाएंगे. लेकिन ये बात किसी को पता नहीं थी कि इस तरह का हादसा हो जाएगा. विनय का पूरा परिवार कई घंटों तक रोपवे पर फंसा रहा. इस दौरान जब बोतल से पानी खत्म हो गया तो उन्होंने अपने बच्चों से कहा कि अपने अपने बोतल में यूरिन संभाल कर रखो, जरूरत के समय जिंदगी बचाने के काम आ सकता है. हालांकि, यूरिन पीने की नौबत नहीं आई उससे पहले ही सोमवार को पूरे परिवार को रेस्क्यू कर लिया गया. देवघर सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद पूरा परिवार मालदा के लिए निकल गया. किस तरह वे कई घंटों तक जिंदगी के लिए मौत से जूझे, यह आपबीती लोगों को खौफजदा करने के लिए काफी है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST

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