श्री जगन्ननाथ यात्रा: जानिए क्या है जगन्नाथ यात्रा में छेरा पहरा की रस्म - Lord Jagannath
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भगवान जगन्नाथ का रथ गुंडिचा मंदिर पहुंची. बताते चलें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश जारी किए थे कि रथ खींचने में अधिकतम 500 लोग ही शामिल होने चाहिए. श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा से पहले एक ऐसा अनुष्ठान भी किया जाता है, जिसमें सेवादार गीत गाते हैं. सदियों पुराने इस अनुष्ठान के पूर्ण होने के बाद ही भगवान की रथ यात्रा शुरू होती है. सेवादार यह गीत श्रद्धालुओं में जोश भरने के लिए गाते हैं. गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब तीनों रथों पर स्वर्ण जड़ित झाड़ू से छेरा पहरा की रस्म पूरी करते है.वह एक-एक कर रथों पर चढ़ते है और विराजमान देवता के सामने प्रार्थना करते है. वह रथ पर फूलों और सुगंधित पानी के छिड़काव के साथ एक सुनहरे झाड़ू से साफ करते है. वह खुद को भगवान जगन्नाथ का नौकर घोषित किए है.