योग तथा व्यायाम का अभ्यास यूं तो हर मौसम में सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन सर्दियों में विशेष तौर पर योग का नियमित अभ्यास ना सिर्फ मौसम के साथ सामंजस्य बैठाने बल्कि ठंड के दिनों में होने वाली कई समस्याओं को दूर रखने में भी मददगार हो सकता है.
सर्दियों के दिनों में आमतौर पर लोगों में श्वास संबंधी व फेफड़ों संबंधी समस्याएं जैसे सर्दी-जुखाम, कफ, अस्थमा व ब्रॉनकाइटीस आदि , पाचन संबंधी समस्याएं, जोड़ों में दर्द या सूजन, माइग्रेन, गठिया तथा मांसपेशियों में तनाव सहित कई प्रकार की समस्याएं नजर आती है. इसके साथ ही इस मौसम में शरीर में आलस भी ज्यादा बढ़ जाता है. जिसके चलते ऐसे कार्य लोग बचते हैं जिनमें हाथों पैरों का इस्तेमाल ज्यादा हो या ज्यादा शारीरिक परिश्रम करना पड़े.
योग विशेषज्ञ मीनू वर्मा बताती हैं कि सर्दियों के मौसम में सूर्य नमस्कार, प्राणायाम के विभिन्न प्रकार तथा कुछ अन्य सामान्य योग आसनों का अभ्यास आलस को दूर रखने के साथ ही शरीर को भी गर्म रखता है . यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने का साथ ही हड्डियों, पाचन, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों आदि पर मौसम के प्रभाव को कम करने में मदद करता है. साथ ही मौसम के चलते परेशान करने वाली मानसिक अवस्थाओं को भी दूर रखने में मदद कर सकता है.
सर्दियों में योग के फायदे
मीनू वर्मा बताती हैं कि सर्दियों नियमित योग के कुछ फायदे इस प्रकार हैं.
- सर्दी के मौसम में दिन छोटे होते हैं तथा रातें लंबी. ऐसे में हमारे शरीर की जैविक घड़ी पर असर पड़ता है और जिसका एक प्रभाव आलस के रूप में भी शरीर पर नजर आता है . ऐसे में प्रतिदिन योगासनों के नियमित अभ्यास से हाथों और पैरों सहित शरीर के अन्य अंगों की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग होती है यानी उन में खिंचाव उत्पन्न होता है, जिससे आलस में कमी आती है. इसके साथ ही शरीर में प्राकृतिक रूप से गर्माहट भी उत्पन्न होती है. इसके साथ ही ज्यादा सर्दी होने पर शारीरिक परिश्रम के दौरान आने वाली समस्याओं जैसे मांसपेशियों के खींच जाने या अकड़ जाने जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है.
- सर्दियों के मौसम में विशेषकर बुजुर्गों में श्वास संबंधी समस्याओं जैसे दमा, अस्थमा ब्रोंकाइटिस आदि का प्रभाव ज्यादा नजर आता है. इसके अलावा सर्दियों में वैसे भी संक्रमण के चलते लोगों में खासी-सर्दी-जुखाम की समस्याएं आमतौर पर देखने में आती है. ऐसे में साइकोसोमेटिक तथा न्यूरो सोमेटिक योगिक क्रियाओं के अलावा प्राणायाम के विभिन्न प्रकार, भुजंगासन, मकरासन, पवनमुक्तासन तथा शशांक आसन का अभ्यास काफी फायदेमंद होता है.
- सर्दी के मौसम में छोटे दिन, लंबी रातों और कई बार लंबे-लंबे समय तक धूप ना नजर आने और कोहरे जैसी स्तिथि के चलते लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने लगता है. ऐसे में प्राणायाम के साथ ही शवासन, योग निद्रा तथा विभिन्न प्रकार के ध्यान सहित सामान्य योग अभ्यास भी काफी फायदेमंद होता है.
- सर्दियों के मौसम में पाचन, रक्तचाप तथा हृदय रोग सहित कई प्रकार की समस्याएं ज्यादा परेशान करने लगती हैं. ऐसी में यौगिक श्वास प्रक्रिया, सूर्य नमस्कार, सुखासन, भ्रामरी, ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, शिशु आसन, पवनमुक्तासन, वज्रासन तथा मर्कटासन का अभ्यास काफी फायदेमंद हो सकता हैं.
पहली बार योग करने वाले ध्यान दें
मीनू वर्मा बताती हैं कि न सिर्फ सर्दियों में बल्कि किसी भी मौसम में यदि व्यक्ति पहली बार योग के अभ्यास की शुरुआत करने के बारे में सोच रहा हो और वो पहले से किसी गंभीर रोग या समस्या का सामना कर रहा है, तो योग या किसी भी व्यायाम की शुरुआत से पहले उसे चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, कि क्या वह व्यायाम करने की अवस्था में हैं , तथा उसकी सीमाएं क्या है? यानी वह किस प्रकार का व्यायाम कितनी तीव्रता तथा कितने समय तक कर सकता है. इसके बाद यदि चिकित्सक सहमति दे तो किसी प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक के निर्देशन में ही योग आसनों का अभ्यास करना चाहिए.