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World Lymphoma Awareness Day : जानिए विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस का इतिहास-उद्देश्य व थीम

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 13, 2023, 5:57 PM IST

Updated : Sep 15, 2023, 8:46 AM IST

World Lymphoma Awareness Day : लिम्फोमा या लसिका प्रणाली के कैंसर के बारें में जागरूकता फैलाने तथा इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर ना सिर्फ सूचना उपलब्ध कराने बल्कि अलग-अलग मद में जानकारी व मदद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दुनिया भर में 15 सितंबर को विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस मनाया जाता है.

World Lymphoma Awareness Day History Purpose and Theme
विश्व लिम्फोमा जागरूकता 15 सितंबर दिवस 2023

World Lymphoma Awareness Day : कैंसर एक जटिल रोग है इस बारे में सभी जानते हैं. ज्यादातर लोग यह भी जानते हैं कि कैंसर कई प्रकार का हो सकता है तथा शरीर के ज्यादातर अंगों में कैंसर कोशिकाएं विकसित हो सकती हैं. लेकिन आमतौर पर ज्यादातर लोग कैंसर के प्रकारों या उनके लक्षणों के बारे में नहीं जानते हैं, जिसका नतीजा रोग की पहचान में और फिर उसके इलाज में देरी के रूप में नजर आता हैं. लिम्फोमा कैंसर भी कैंसर का एक ऐसा ही प्रकार है जिसके आम लक्षणों या अन्य संबंधित जानकारी के बारे में ज्यादा लोगों में ज्यादा जागरूकता नहीं है.

क्या है लिम्फोमा : लिम्फोमा या लसीका प्रणाली के इस कैंसर को कई बार रक्त कैंसर का एक प्रकार भी माना जाता है क्योंकि यह लिम्फोसाइट्स यानी सफेद रक्त कोशिकाओं से जुड़ा होता है. लेकिन यह ल्यूकेमिया से बिल्कुल अलग होता है क्योंकि ये दोनों प्रकार के कैंसर अलग अलग प्रकार की कोशिकाओं में शुरू होते हैं. इसे लिम्फ नोड्स का कैंसर भी कहा जाता है. लिम्फोमा दरअसल इम्यून सिस्टम में संक्रमण से लड़ने वाली लिम्फोसाइट्स कोशिकाओं (सफेद रक्त कोशिकाओं )में होता है. लिम्फोसाइट्स कोशिकाएं लिम्फ नोड्स , प्लीहा, थाइमस और बोन मैरो सहित शरीर के कई हिस्सों में पाई जाती हैं. लिम्फोमा में ये लिम्फोसाइट्स तेजी से तथा अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं.

विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस थीम 2023
लिम्फोमा एक पुरी तरह से ठीक हो सकने वाला कैंसर है. बशर्ते सही समय पर इसकी जांच व इलाज हो . जरूरी इलाज व थेरेपी के बाद यह कैंसर ठीक हो सकता है. सामान्य तौर पर लिंफोमा के 2 प्रकार के माने जाते हैं. हॉजकिन लिम्फोमा तथा गैर-हॉजकिन लिंफोमा. लिंफोमा के कई उप प्रकार भी माने जाते हैं. विभिन्न स्वास्थ्य सूचना तंत्रों पर उपलब्ध जानकारी की माने तो वर्तमान समय में दुनिया भर में लगभग 10 लाख लोग लिंफोमा से पीड़ित हैं और हर दिन लगभग 1000 लोगों में लिंफोमा का निदान किया जाता है. लिम्फोमा या लसीका प्रणाली के कैंसर को लेकर आमजन में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 15 सितंबर को वैश्विक स्तर पर “विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस” मनाया जाता है. इस वर्ष यह विशेष आयोजन "हम अपनी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते हैं " थीम पर मनाया जा रहा है.

वहीं, भारत से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2020 में, लगभग 11,300 रोगियों में हॉजकिन लिंफोमा और 41,000 रोगियों में गैर-हॉजकिन लिंफोमा का निदान किया गया था. जानकारों की मानें तो भारत में गैर-हॉजकिन लिंफोमा के मामले ज्यादा देखने में आते हैं. वहीं इनकी दर की बात करें तो पुरुषों यह दर अनुमानित तौर पर 2.9/100,000 और महिलाओं में 1.5/100,000 मानी जाती हैं.

उद्देश्य तथा इतिहास
चिकित्सक मानते हैं कि पिछले कुछ सालों के अलग-अलग कारणों से सभी प्रकार के कैंसर के साथ लिम्फोमा के पीड़ितों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है. ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि इन रोगों के लिए जिम्मेदार कारणों , लक्षणों तथा उनके इलाज के बारे में आम जन में जानकारी हो. लिम्फोमा जागरूकता दिवस के आयोजन का उद्देश्य भी आम जन में इसके शुरुआत लक्षणों व इसके निदान के साथ इसके प्रकारों व उप प्रकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास करना है.

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सिर्फ लिम्फोमा के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ही नहीं बल्कि इससे पीड़ित लोगों के समक्ष आने वाली चुनौतियों में उन्हे मदद प्रदान करने के उद्देश्य से 2004 में 15 सितंबर को विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस के मनाए जाने का निश्चय किया गया था . लिम्फोमा के बारे में सार्वजनिक जागरूकता फैलाने के साथ लिम्फोमा से पीड़ित रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों व अन्य भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 52 देशों के 83 लिंफोमा रोगी समूहों के एक गैर-लाभकारी गठबंधन द्वारा इस आयोजन की शुरुआत की गई थी.

World Lymphoma Awareness Day : कैंसर एक जटिल रोग है इस बारे में सभी जानते हैं. ज्यादातर लोग यह भी जानते हैं कि कैंसर कई प्रकार का हो सकता है तथा शरीर के ज्यादातर अंगों में कैंसर कोशिकाएं विकसित हो सकती हैं. लेकिन आमतौर पर ज्यादातर लोग कैंसर के प्रकारों या उनके लक्षणों के बारे में नहीं जानते हैं, जिसका नतीजा रोग की पहचान में और फिर उसके इलाज में देरी के रूप में नजर आता हैं. लिम्फोमा कैंसर भी कैंसर का एक ऐसा ही प्रकार है जिसके आम लक्षणों या अन्य संबंधित जानकारी के बारे में ज्यादा लोगों में ज्यादा जागरूकता नहीं है.

क्या है लिम्फोमा : लिम्फोमा या लसीका प्रणाली के इस कैंसर को कई बार रक्त कैंसर का एक प्रकार भी माना जाता है क्योंकि यह लिम्फोसाइट्स यानी सफेद रक्त कोशिकाओं से जुड़ा होता है. लेकिन यह ल्यूकेमिया से बिल्कुल अलग होता है क्योंकि ये दोनों प्रकार के कैंसर अलग अलग प्रकार की कोशिकाओं में शुरू होते हैं. इसे लिम्फ नोड्स का कैंसर भी कहा जाता है. लिम्फोमा दरअसल इम्यून सिस्टम में संक्रमण से लड़ने वाली लिम्फोसाइट्स कोशिकाओं (सफेद रक्त कोशिकाओं )में होता है. लिम्फोसाइट्स कोशिकाएं लिम्फ नोड्स , प्लीहा, थाइमस और बोन मैरो सहित शरीर के कई हिस्सों में पाई जाती हैं. लिम्फोमा में ये लिम्फोसाइट्स तेजी से तथा अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं.

विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस थीम 2023
लिम्फोमा एक पुरी तरह से ठीक हो सकने वाला कैंसर है. बशर्ते सही समय पर इसकी जांच व इलाज हो . जरूरी इलाज व थेरेपी के बाद यह कैंसर ठीक हो सकता है. सामान्य तौर पर लिंफोमा के 2 प्रकार के माने जाते हैं. हॉजकिन लिम्फोमा तथा गैर-हॉजकिन लिंफोमा. लिंफोमा के कई उप प्रकार भी माने जाते हैं. विभिन्न स्वास्थ्य सूचना तंत्रों पर उपलब्ध जानकारी की माने तो वर्तमान समय में दुनिया भर में लगभग 10 लाख लोग लिंफोमा से पीड़ित हैं और हर दिन लगभग 1000 लोगों में लिंफोमा का निदान किया जाता है. लिम्फोमा या लसीका प्रणाली के कैंसर को लेकर आमजन में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 15 सितंबर को वैश्विक स्तर पर “विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस” मनाया जाता है. इस वर्ष यह विशेष आयोजन "हम अपनी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते हैं " थीम पर मनाया जा रहा है.

वहीं, भारत से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2020 में, लगभग 11,300 रोगियों में हॉजकिन लिंफोमा और 41,000 रोगियों में गैर-हॉजकिन लिंफोमा का निदान किया गया था. जानकारों की मानें तो भारत में गैर-हॉजकिन लिंफोमा के मामले ज्यादा देखने में आते हैं. वहीं इनकी दर की बात करें तो पुरुषों यह दर अनुमानित तौर पर 2.9/100,000 और महिलाओं में 1.5/100,000 मानी जाती हैं.

उद्देश्य तथा इतिहास
चिकित्सक मानते हैं कि पिछले कुछ सालों के अलग-अलग कारणों से सभी प्रकार के कैंसर के साथ लिम्फोमा के पीड़ितों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है. ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि इन रोगों के लिए जिम्मेदार कारणों , लक्षणों तथा उनके इलाज के बारे में आम जन में जानकारी हो. लिम्फोमा जागरूकता दिवस के आयोजन का उद्देश्य भी आम जन में इसके शुरुआत लक्षणों व इसके निदान के साथ इसके प्रकारों व उप प्रकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास करना है.

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सिर्फ लिम्फोमा के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ही नहीं बल्कि इससे पीड़ित लोगों के समक्ष आने वाली चुनौतियों में उन्हे मदद प्रदान करने के उद्देश्य से 2004 में 15 सितंबर को विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस के मनाए जाने का निश्चय किया गया था . लिम्फोमा के बारे में सार्वजनिक जागरूकता फैलाने के साथ लिम्फोमा से पीड़ित रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों व अन्य भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 52 देशों के 83 लिंफोमा रोगी समूहों के एक गैर-लाभकारी गठबंधन द्वारा इस आयोजन की शुरुआत की गई थी.

Last Updated : Sep 15, 2023, 8:46 AM IST
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