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वूहान नये कोरोनावायरस का उद्गम स्थल नहीं : डब्ल्यूएचओ

चीन के वूहान शहर में फैले नये कोरोना वायरस संक्रमण का पता चलने पर डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य आपातकालीन परियोजना के प्रधान माइकल रयान ने बयान दिया है. वहीं डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि ऐसी स्थिति में संगठन लोगों को मास्क पहनने और जरूरी सुरक्षा उपायों के लिए प्रोत्साहित करेगा.

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Published : Aug 5, 2020, 11:48 AM IST

Updated : Aug 6, 2020, 9:25 AM IST

डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य आपातकालीन परियोजना के प्रधान माइकल रयान ने कहा कि चीन के वूहान शहर में क्यों नये कोरोनावायरस संक्रमण का पता चला क्योंकि इसकी ऐसी निगरानी प्रणाली उपलब्ध है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वूहान शहर नये कोरोनावायरस का उद्गम स्थल है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस ने घोषित किया कि विश्व भर के लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर मास्क पहनने की बड़ी जरूरत है, जो कि वायरस को रोकने के लिए आवश्यक है और इससे एकता का प्रतीक का भी पता चलता है.

उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को जरूर मास्क पहनना चाहिए और साथ ही भीड़ों से बचना, खांसी होने पर मुंह ढकना तथा अकसर हाथ धोने का आदत बनाये रखना चाहिये. चीन, दक्षिण कोरिया, इटली आदि देशों के तथ्यों से यह साबित है कि महामारी को नियंत्रित करना और वायरस के प्रसार को रोकना संभव है.

ट्रेडोस ने कहा कि वर्तमान में कोविड -19 के लिए कोई रामबाण नहीं है, और शायद ऐसी दवा कभी होगी भी नहीं. वर्तमान में प्रकोप को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण के बुनियादी उपकरणों पर निर्भर है.

सौजन्य: आईएएनएस

डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य आपातकालीन परियोजना के प्रधान माइकल रयान ने कहा कि चीन के वूहान शहर में क्यों नये कोरोनावायरस संक्रमण का पता चला क्योंकि इसकी ऐसी निगरानी प्रणाली उपलब्ध है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वूहान शहर नये कोरोनावायरस का उद्गम स्थल है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस ने घोषित किया कि विश्व भर के लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर मास्क पहनने की बड़ी जरूरत है, जो कि वायरस को रोकने के लिए आवश्यक है और इससे एकता का प्रतीक का भी पता चलता है.

उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को जरूर मास्क पहनना चाहिए और साथ ही भीड़ों से बचना, खांसी होने पर मुंह ढकना तथा अकसर हाथ धोने का आदत बनाये रखना चाहिये. चीन, दक्षिण कोरिया, इटली आदि देशों के तथ्यों से यह साबित है कि महामारी को नियंत्रित करना और वायरस के प्रसार को रोकना संभव है.

ट्रेडोस ने कहा कि वर्तमान में कोविड -19 के लिए कोई रामबाण नहीं है, और शायद ऐसी दवा कभी होगी भी नहीं. वर्तमान में प्रकोप को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण के बुनियादी उपकरणों पर निर्भर है.

सौजन्य: आईएएनएस

Last Updated : Aug 6, 2020, 9:25 AM IST
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