वीगन डाइट पिछले कुछ सालों में ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी सेलिब्रिटीज़ हो नहीं बल्कि आम लोगों विशेषकर युवाओं में काफी प्रचलित हो रही है. Vegan diet शाकाहार का ही एक प्रकार है इसलिए यह सेहत के लिए तो लाभकारी होती है साथ ही कई प्रकार की बीमारियों के खतरे को भी कम करती है. लेकिन कई बार सही तथा पूरी जानकारी के बिना इस विशेष प्रकार की डाइट को अपनाना सेहत को प्रभावित भी कर सकता है. Vegan diet के सेहत के लिए फायदों तथा उससे जुड़ी जरूरी बातों तथा तथ्यों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से नवंबर माह को विश्व भर में वीगन माह के रूप में मनाया जाता है. World Vegan Day 1 November . Vegan lifestyle . Vegan Food .Veganism lifestyle . World Vegan Month November .
वीगन डाइट क्या है, इसके शरीर को फायदे व नुकसान क्या है तथा कौन कौन से आहार इस आहार शैली के तहत आटे हैं इस बारें में ज्यादा जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने नई दिल्ली की पोषण तथा आहार विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्या शर्मा (Dr Divya Sharma Nutrition and Dietitian New Delhi) से बात की.
क्या है वीगन डाइट : Dr Divya Dietitian बताती है कि वीगनिज़्म की शुरुआत भले ही जानवरों के खिलाफ होने वाली क्रूरता को कम करने के लिए तथा प्रकृति से मिलने वाले संसाधनों के ज्यादा से ज्यादा उपयोग के विचार को लेकर की गई थी, लेकिन आज के दौर में यह एक फूड फैशन ट्रेंड (food fashion trend) के रूप में दुनिया भर में प्रचलित हो रहा है.
Dietitian Dr Divya बताती हैं की वीगन डाइट या वीगन आहार में पशु तथा उन के माध्यम से प्राप्त होने वाले किसी भी प्रकार के उत्पाद का सेवन नहीं किया जाता है, जैसे अंडा, दूध या उस से बनने वाले आहार जैसे घी, पनीर, मक्खन, दही, मट्ठा, छाछ, मावा या मावे से बने आहार व मिठाइयां तथा शहद आदि. वीगन आहार में फल, सब्जियो, सूखे मेवों, अनाज तथा पेड़-पौधों से प्राप्त होने वाले आहार को शामिल किया जाता है.
कौन से होते हैं वीगन आहार : Divya Sharma Nutritionist बताती है कि गेहूं, चावल, ब्राउन राइस, ज्वार, बाजरा व रागी सहित सभी प्रकार के अनाज, मैदा, कॉर्न, कुट्टू, सभी प्रकार की दालें, सभी प्रकार की सब्जियां तथा फल, सभी वनस्पति तेल, नारियल का घी व मक्खन, सोया व सोया से बना हुआ दूध, टोफू, मक्खन, बादाम व उसका आटा, उससे बनी ब्रेड, उससे बना दूध-मक्खन, मूंगफली, काजू अखरोट व अन्य सूखे मेवें, चीनी, गुड़, पीनट बटर तथा गुड़ आदि वीगन आहार कि श्रेणी में आते हैं. Dietitian Dr Divya बताती हैं कि आजकल बड़े ही नहीं कई छोटे शहरों के होटलों तथा रेस्टोरेंट आदि में भी वीगन बर्गर, पास्ता, नूडल्स तथा गार्लिक ब्रेड सहित कई प्रकार के फास्ट फूड व दुनिया भर की कई कूजीन के तहत आने वाले आहार के वीगन विकल्प मिलते हैं.
वीगन आहार को लेकर भ्रम : Nutritionist Doctor Divya बताती हैं कि हमारे देश में माना जाता है कि यदि हमारे आहार में दूध, दही तथा पनीर जैसे खाद्य पदार्थ शामिल नहीं है तो हमारे शरीर में कमजोरी या कई तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं. यह सही है कि डेयरी उत्पादों में कैल्शियम, प्रोटीन व विटामिन सहित कई प्रकार के पोषक तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पौधों से मिलने वाले प्रोटीन विटामिन, खनिज तथा ऑक्सीडेंट्स सहित अन्य पोषक तत्व शरीर की पोषण की जरूरत को पूरा नहीं कर सकते हैं.
हम मांसाहार खाएं (non veg food) या शाकाहार, या फिर वीगन जैसी कोई विशेष आहार शैली का पालन करें, इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है कि उसमें सभी जरूरी पोषक तत्व संतुलित तथा भरपूर मात्रा में हों. हर आहार शैली के कुछ फायदे तथा कुछ कमियां होती ही है. ऐसे में जरूरी यह है कि हम जिस प्रकार की आहार शैली को अपना रहे हैं उसे इस हिसाब से निर्धारित करें कि उसमें सभी जरूरी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में शामिल हो.
आहार में संतुलन जरूरी : डॉ दिव्या बताती हैं कि ज्यादा मात्रा में मांसाहार शरीर को कुछ नुकसान पहुंचा सकते हैं, इस बारें में सभी जानते हैं लेकिन ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं कि कुछ प्रकार की सब्जियों या फलों का ज्यादा मात्रा में सेवन भी शरीर पर विपरीत प्रभाव दिखा सकता है. जैसे बहुत ज्यादा मात्रा में फाइबर युक्त आहार का सेवन पेट फूलने या पाचन संबंधी कुछ अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है वहीं बहुत ज्यादा प्रोटीन भी सेहत को किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. हर प्रकार के खाद्य पदार्थ में अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व कम या समृद्ध मात्रा में पाए जाते हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आहार के प्रकार में संतुलन बनाकर रखा जाए. और उनमें पोषण की मात्रा के अनुसार ही इनका सेवन किया जाए. इसके लिए एक डाइट चार्ट बनाकर उसका पालन करना
फायदे और नुकसान : Doctor Divyaकहती है कि आमतौर पर माना जाता है कि वीगन आहार का पालन करने वाले लोगों में हड्डियों संबंधी बीमारियों या शरीर में कमजोरी का खतरा काफी ज्यादा रहता है. यदि आहार तथा उसकी मात्रा का चयन सही तरह से किया जाय तो इस तरह की समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है. वीगन फूड के फ़ायदों की बात करें तो निसंदेह पेड़ पौधों से मिलने वाला प्राकृतिक आहार सेहत के लिए सुरक्षित तथा लाभकारी होता है. इस तरह के आहार का सेवन करने से हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल, टाइप टू डायबिटीज, शरीर में इन्फ्लेमेशन की समस्या, गठिया की समस्या तथा उच्च रक्तचाप सहित कई प्रकार की समस्याओं से बचाव संभव है, साथ ही इससे वजन भी नियंत्रित रहता है.
वहीं इससे होने वाले नुकसान की बात करें तो यदि इस प्रकार के आहार को सही मात्रा में ग्रहण ना किया जाए तो शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. विशेष तौर पर ऐसे बच्चे जिन्हें लेक्टोज इनटोलरेंस की समस्या है यानी जिन्हें दूध या दूध से बने आहार के चलते किसी प्रकार की एलर्जी या समस्या का सामना करना पड़ता है, उन्हें छोड़कर ज्यादातर सभी बच्चों के आहार में जहां तक संभव हो सभी प्रकार के पोषण से युक्त आहार को शामिल करना चाहिए. क्योंकि इस आयु में शरीर के सही विकास के लिए उन्हीं सभी प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत तो होती है.
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