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शरीर को रोगी बना सकती है ज्यादा डायटिंग

जिस तरह जरूरत से ज्यादा वजन सेहत को नुकसान पहुंचाता है, उसी तरह ज्यादा कम वजन भी सेहत पर कई तरह से प्रभाव डालता है. लेकिन वजन में कमी उस समय ज्यादा बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है जब वजन कम करने के लिए डायटिंग जैसे अनहेल्दी तरीकों को अपनाया गया हो. ऐसी अवस्था में सिर्फ कमजोरी ही नही बल्कि कई शारीरिक व मानसिक समस्याओं के होने की आशंका बढ़ सकती है.

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शरीर को रोगी बना सकती है ज्यादा डायटिंग
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Published : Feb 22, 2022, 3:36 PM IST

पतली छरहरी काया की इच्छा लगभग हर महिला को होती है. पतला होने तथा वजन कम करने के लिए बड़ी संख्या में महिलायें डाइटिंग का सहारा लेती हैं. लेकिन कई बार कुछ महिलायें जल्दी जल्दी पतला होने की इच्छा के चलते या तो भोजन की मात्रा बहुत कम कर देती हैं या फिर कुछ महिलायें सिर्फ फलों और तरल पदार्थों का सेवन करने लगती है. इन तरीकों से वे अपना वजन तो कम कर लेती हैं लेकिन शरीर पर इन तरीकों के प्रभाव काफी नकारात्मक रूप में नजर आने लगते हैं. दरअसल इन तरीकों से होंने वाला वेटलॉस अनहेल्दी वेटलॉस कहलाता है. जोकि कई बार शरीर में कई गंभीर रोगों तथा समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

शरीर को नुकसान पहुंचाता है अनहेल्दी वेटलॉस

लखनऊ में स्लिम एंड फिट सेंटर की पोषण विशेषज्ञ डॉ साबिहा खान बताती हैं कि जल्द से जल्द वजन घटाने की चाहत में भोजन की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम कर देने से शरीर में पोषण की कमी होने लगती है. यह वजन कम करने का अनहेल्दी यानी अस्वास्थ्यकारी तरीका कहलाता है क्योंकि इससे कई तरह के रोग तथा समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है.

डॉ सबीहा बताती हैं कि कई लोगों को लगता है कि सिर्फ डाइटिंग करने से वे अपना वजन कम कर सकते हैं. और चूंकि इस तरीके में ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ती है इसलियें काफी लोग विशेषकर महिलायें इस तरीके को अपना भी लेते हैं. वास्तव में डाइटिंग का मतलब है पौष्टिक आहार को संतुलित, तथा नियंत्रित मात्रा में ग्रहण करना. लेकिन ज्यादातर लोगों में यह भ्रम व्याप्त है कि डाइटिंग का मतलब है भोजन करना बंद या बहुत कम कर देना. इस तथ्य को मानकर जरूरत से ज्यादा डाइटिंग करने वाले लोग अधिकांशतः कई समस्याओं का शिकार बन जाते हैं.

वह बताती हैं कि सही और स्वस्थ तरीके से वजन कम करने के लिए आहार पर नियंत्रण के साथ व्यायाम तथा कुछ अन्य बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. लेकिन कई बार देखने में आता है कि डाइटिंग के नाम पर महिलायें भोजन में आहार की मात्रा बिल्कुल कम कर देती हैं. जिससे वजन तो कम हो जाता है लेकिन शरीर में कमजोरी काफी ज्यादा बढ़ जाती है. यहीं नही इसके चलते उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने की आशंका बढ़ जाती है.

ऐसी अवस्था में ज्यादातर उनमें चक्कर आने, उल्टी, पेट दर्द तथा सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. यही नही इस अनहेल्दी वेटलॉस के चलते शरीर में और भी कई तरह की समस्याएं नजर आ सकती हैं , जिनमें से कुछ मुख्य इस प्रकार हैं.

अनहेल्दी वेटलॉस का स्वास्थ्य पर असर

  • पोषण की कमी
    बहुत जल्दी बहुत ज्यादा वजन घटाने की चाहत में आहार में कमी करने पर लोगों के शरीर में पोषण की कमी हो जाती है. डॉ सबीहा बताती हैं शरीर स्वस्थ व निरोगी रहे तथा शरीर के सभी तंत्र सुचारु रूप से काम करते रहें इसके लिए जरूरी मात्रा में पौष्टिक तत्वों का सेवन आवश्यक होता है. जिससे शरीर के संचालन के लिए जरूरी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटामिन , कैल्शियम, आयरन तथा मिनरल्स आदि की पूर्ति होती रहे. क्योंकि शरीर में इनकी कमी कई रोगों का कारण बन सकती है. यहीं नही पोषण की कमी होने से रोगों से ठीक होने की रफ्तार पर भी असर पड़ता है. यहां तक की कई बार इनकी कमी के चलते व्यक्ति की जान को खतरा भी हो सकता है.
  • शरीर में कमजोरी आना
    वजन कम होने असर शरीर पर बाहरी तथा आंतरिक दोनों स्तर पर साफ दिखाई देता है. अनहेल्दी तरीके से वजन कम होने पर आमतौर पर त्वचा का रंग पीला होने लगता है तथा आँखों के नीचे गहरे काले घेरे नजर आने लगते है. यहाँ तक की कई बार व्यक्ति के पॉशचर पर भी असर पड़ता है.
    डॉ सबीहा बताती हैं कि इस अवस्था में शरीर में कमजोरी कई तरह से असर दिखाने लगती है जैसे दिल की धड़कन में अनियमितता, शरीर में पानी की कमी , नजर कमजोर होना , हड्डियों और जोड़ों में दर्द, सर में दर्द ,पेट में सूजन व दर्द, सांसों में बदबू आना, कब्ज, भोजन निगलने में कठिनाई, भूख में कमी, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना तथा पैरों का सुन्न होना आदि. इसके अलावा पीड़ित की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आती है जिससे उनमें संक्रमणों की चपेट में आने तथा फैलने वाली बीमारियाँ होने का खतरा भी बढ़ जाता है. यदि ये समस्याएं जरूरत से ज्यादा असर दिखाने लगे तो कई गंभीर रोग होने के साथ ही पीड़ित में अवसाद, चिंता, घबराहट तथा बैचेनी जैसी मानसिक समस्याएं होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
  • हड्डियों व मांसपेशियों में कमजोरी
    डॉ सबीहा बताती हैं कि अचानक से ज्यादा वजन कम होने से ना सिर्फ चर्बी बल्कि मांसपेशियों में भी कमी आ जाती है. जिसके चलते मांसपेशियों तथा हड्डियों व उनके जोड़ों में दर्द, कमजोरी व समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है. इस प्रकार की कमजोरी का असर शरीर के मेटाबॉलिज्म तथा बॉडी मास इंडेक्स पर भी पड़ता है.

संतुलित मात्रा में लें पोषक तत्व

डॉ सबीहा बताती हैं कि बहुत जरूरी है कि वजन कम करने की प्रक्रिया के दौरान इस बात का पूरी तरह से ध्यान रखा जाय कि शरीर को जरूरी मात्रा में पोषण मिलता रहे, साथ ही शरीर में पानी की कमी ना हो. इसके लिए नियंत्रित मात्रा में पौष्टिक आहार, उसे ग्रहण करने का समय तथा व्यायाम के लिए एक टाइमटेबल बना लेना चाहिए. जिसमें ध्यान रखना चाहिए की सभी प्रकार का आहार संतुलित मात्रा में शामिल हो. क्योंकि कई बार ट्रेंड या किसी अन्य कारण से लोग अपने आहार में एक प्रकार के पोषण विशेष से जुड़े आहार की मात्रा बढ़ा देते हैं. ऐसी अवस्था में भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड सकता है. शरीर स्वस्थ तथा निरोगी रहे साथ ही वजन कम करने का सेहत व सौन्दर्य पर असर ना पड़े इसके लिए जरूरी है कि स्वस्थ व सही तरीकों से वजन कम करने के लिए प्रयास किए जाएं. इसके अलावा वजन कम करने की अवधि के दौरान या वजन कम होने के बाद व्यक्ति को किसी प्रकार की कमजोरी या समस्या महसूस हो तो उसे एक बार चिकित्सक से संपर्क अवश्य करना चाहिए.

पढ़ें: नियमित व्यायाम तथा संतुलित आहार से रखें वॉटर वेट को नियंत्रित

पतली छरहरी काया की इच्छा लगभग हर महिला को होती है. पतला होने तथा वजन कम करने के लिए बड़ी संख्या में महिलायें डाइटिंग का सहारा लेती हैं. लेकिन कई बार कुछ महिलायें जल्दी जल्दी पतला होने की इच्छा के चलते या तो भोजन की मात्रा बहुत कम कर देती हैं या फिर कुछ महिलायें सिर्फ फलों और तरल पदार्थों का सेवन करने लगती है. इन तरीकों से वे अपना वजन तो कम कर लेती हैं लेकिन शरीर पर इन तरीकों के प्रभाव काफी नकारात्मक रूप में नजर आने लगते हैं. दरअसल इन तरीकों से होंने वाला वेटलॉस अनहेल्दी वेटलॉस कहलाता है. जोकि कई बार शरीर में कई गंभीर रोगों तथा समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

शरीर को नुकसान पहुंचाता है अनहेल्दी वेटलॉस

लखनऊ में स्लिम एंड फिट सेंटर की पोषण विशेषज्ञ डॉ साबिहा खान बताती हैं कि जल्द से जल्द वजन घटाने की चाहत में भोजन की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम कर देने से शरीर में पोषण की कमी होने लगती है. यह वजन कम करने का अनहेल्दी यानी अस्वास्थ्यकारी तरीका कहलाता है क्योंकि इससे कई तरह के रोग तथा समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है.

डॉ सबीहा बताती हैं कि कई लोगों को लगता है कि सिर्फ डाइटिंग करने से वे अपना वजन कम कर सकते हैं. और चूंकि इस तरीके में ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ती है इसलियें काफी लोग विशेषकर महिलायें इस तरीके को अपना भी लेते हैं. वास्तव में डाइटिंग का मतलब है पौष्टिक आहार को संतुलित, तथा नियंत्रित मात्रा में ग्रहण करना. लेकिन ज्यादातर लोगों में यह भ्रम व्याप्त है कि डाइटिंग का मतलब है भोजन करना बंद या बहुत कम कर देना. इस तथ्य को मानकर जरूरत से ज्यादा डाइटिंग करने वाले लोग अधिकांशतः कई समस्याओं का शिकार बन जाते हैं.

वह बताती हैं कि सही और स्वस्थ तरीके से वजन कम करने के लिए आहार पर नियंत्रण के साथ व्यायाम तथा कुछ अन्य बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. लेकिन कई बार देखने में आता है कि डाइटिंग के नाम पर महिलायें भोजन में आहार की मात्रा बिल्कुल कम कर देती हैं. जिससे वजन तो कम हो जाता है लेकिन शरीर में कमजोरी काफी ज्यादा बढ़ जाती है. यहीं नही इसके चलते उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने की आशंका बढ़ जाती है.

ऐसी अवस्था में ज्यादातर उनमें चक्कर आने, उल्टी, पेट दर्द तथा सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. यही नही इस अनहेल्दी वेटलॉस के चलते शरीर में और भी कई तरह की समस्याएं नजर आ सकती हैं , जिनमें से कुछ मुख्य इस प्रकार हैं.

अनहेल्दी वेटलॉस का स्वास्थ्य पर असर

  • पोषण की कमी
    बहुत जल्दी बहुत ज्यादा वजन घटाने की चाहत में आहार में कमी करने पर लोगों के शरीर में पोषण की कमी हो जाती है. डॉ सबीहा बताती हैं शरीर स्वस्थ व निरोगी रहे तथा शरीर के सभी तंत्र सुचारु रूप से काम करते रहें इसके लिए जरूरी मात्रा में पौष्टिक तत्वों का सेवन आवश्यक होता है. जिससे शरीर के संचालन के लिए जरूरी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटामिन , कैल्शियम, आयरन तथा मिनरल्स आदि की पूर्ति होती रहे. क्योंकि शरीर में इनकी कमी कई रोगों का कारण बन सकती है. यहीं नही पोषण की कमी होने से रोगों से ठीक होने की रफ्तार पर भी असर पड़ता है. यहां तक की कई बार इनकी कमी के चलते व्यक्ति की जान को खतरा भी हो सकता है.
  • शरीर में कमजोरी आना
    वजन कम होने असर शरीर पर बाहरी तथा आंतरिक दोनों स्तर पर साफ दिखाई देता है. अनहेल्दी तरीके से वजन कम होने पर आमतौर पर त्वचा का रंग पीला होने लगता है तथा आँखों के नीचे गहरे काले घेरे नजर आने लगते है. यहाँ तक की कई बार व्यक्ति के पॉशचर पर भी असर पड़ता है.
    डॉ सबीहा बताती हैं कि इस अवस्था में शरीर में कमजोरी कई तरह से असर दिखाने लगती है जैसे दिल की धड़कन में अनियमितता, शरीर में पानी की कमी , नजर कमजोर होना , हड्डियों और जोड़ों में दर्द, सर में दर्द ,पेट में सूजन व दर्द, सांसों में बदबू आना, कब्ज, भोजन निगलने में कठिनाई, भूख में कमी, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना तथा पैरों का सुन्न होना आदि. इसके अलावा पीड़ित की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आती है जिससे उनमें संक्रमणों की चपेट में आने तथा फैलने वाली बीमारियाँ होने का खतरा भी बढ़ जाता है. यदि ये समस्याएं जरूरत से ज्यादा असर दिखाने लगे तो कई गंभीर रोग होने के साथ ही पीड़ित में अवसाद, चिंता, घबराहट तथा बैचेनी जैसी मानसिक समस्याएं होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
  • हड्डियों व मांसपेशियों में कमजोरी
    डॉ सबीहा बताती हैं कि अचानक से ज्यादा वजन कम होने से ना सिर्फ चर्बी बल्कि मांसपेशियों में भी कमी आ जाती है. जिसके चलते मांसपेशियों तथा हड्डियों व उनके जोड़ों में दर्द, कमजोरी व समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है. इस प्रकार की कमजोरी का असर शरीर के मेटाबॉलिज्म तथा बॉडी मास इंडेक्स पर भी पड़ता है.

संतुलित मात्रा में लें पोषक तत्व

डॉ सबीहा बताती हैं कि बहुत जरूरी है कि वजन कम करने की प्रक्रिया के दौरान इस बात का पूरी तरह से ध्यान रखा जाय कि शरीर को जरूरी मात्रा में पोषण मिलता रहे, साथ ही शरीर में पानी की कमी ना हो. इसके लिए नियंत्रित मात्रा में पौष्टिक आहार, उसे ग्रहण करने का समय तथा व्यायाम के लिए एक टाइमटेबल बना लेना चाहिए. जिसमें ध्यान रखना चाहिए की सभी प्रकार का आहार संतुलित मात्रा में शामिल हो. क्योंकि कई बार ट्रेंड या किसी अन्य कारण से लोग अपने आहार में एक प्रकार के पोषण विशेष से जुड़े आहार की मात्रा बढ़ा देते हैं. ऐसी अवस्था में भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड सकता है. शरीर स्वस्थ तथा निरोगी रहे साथ ही वजन कम करने का सेहत व सौन्दर्य पर असर ना पड़े इसके लिए जरूरी है कि स्वस्थ व सही तरीकों से वजन कम करने के लिए प्रयास किए जाएं. इसके अलावा वजन कम करने की अवधि के दौरान या वजन कम होने के बाद व्यक्ति को किसी प्रकार की कमजोरी या समस्या महसूस हो तो उसे एक बार चिकित्सक से संपर्क अवश्य करना चाहिए.

पढ़ें: नियमित व्यायाम तथा संतुलित आहार से रखें वॉटर वेट को नियंत्रित

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