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भूत और भविष्य की चिंता नहीं वर्तमान की खुशियों पर ज्यादा ध्यान दें लोग

बीते हुए कल और आने वाले कल की चिंता में आम आदमी अपने वर्तमान को लगभग भुला ही देता है, जिसका नतीजा होता है वह खुशी तथा शांति से अपना जीवन यापन नहीं कर पाता है. इस बात की पुष्टि सभी मनोचिकित्सक तथा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग करते हैं कि खुश रहने वाले व्यक्ति ज्यादातर शारीरिक व मानसिक समस्याओं से बचे रहते हैं तथा विपरीत परिस्तिथ्यों का सामना भी ज्यादा बेहतर ढंग से करते हैं.

How to be happy in life, mental health tips, how to deal with stress and depression, how to take care of emotional health
वर्तमान की खुशियों दें ध्यान
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Published : Dec 26, 2021, 9:00 AM IST

आमतौर पर लोग भविष्य की चिंता को लेकर ज्यादा परेशान रहते हैं, वहीं उन्होंने भूतकाल में क्या किया है या उनके साथ क्या घटनाएं हुई, इस बात का दुख मनाते रहते हैं. लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि उनकी खुशी उनके वर्तमान पर आधारित होती है. भविष्य और भूत की चिंता में लगे लोग अपने वर्तमान का आनंद नहीं ले पाते हैं जिसका नतीजा उनमें भावनात्मक व व्यवहारिक सहित कई प्रकार की मानसिक समस्याओं के रूप में नजर आ सकता है.

जैविक वैलनेस मैसूर की फाउंडर व सीईओ तथा माइंडफूलनेस विशेषज्ञ नंदिता बताती हैं कि जीवन में वही इंसान खुश रह सकता है जो अपनी वर्तमान की अहमियत को समझता हो और उसे खुश रहकर बताने में यकीन रखता हो.

युवा पीढ़ी ज्यादा तनावग्रस्त

नंदिता बताती हैं कि उनके पास काउंसलिंग के लिए आने वाले कई लोग जिन में युवाओं की संख्या ज्यादा होती है, इस बात को लेकर तनावग्रस्त रहते हैं कि क्या वे भविष्य में सफल होंगे? इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग पूर्व में घट चुकी अपने रिश्तों, नौकरी, दुर्घटना या हिंसा जैसे अन्य मुद्दों से जुड़ी घटनाओं को लेकर अवसाद के प्रभाव में रहते हैं. इसके चलते उन्हे अपनी दिन प्रतिदिन की गतिविधियों तथा छोटी-छोटी खुशियों को नियंत्रित करने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है.

नंदिता बताती हैं कि किसी भी व्यक्ति का जीवन शत प्रतिशत सफल या सुखी नहीं हो सकता है. इसलिए बहुत जरूरी होता है कि इस तथ्य को समझे और अपनी कमियों तथा असफलताओं को अपने ऊपर हावी ना होने दे . यह बताती है कि आमतौर पर लोगों को वह यही सलाह देती हैं कि किसी भी कमी असफलता या दुख को ज्यादा देर तक मन में ना रखें तथा हर घटना को एक अनुभव मानकर जीवन में आगे बढ़े. तथा इस बात को समझे तथा मानें की जिंदगी में कोई भी समस्या आपको तब तक दुखी नहीं कर सकती है जब तक आप स्वयं दुखी होना ना चाहे.

खुश रहने के लिए करें प्रयास

वह बताती है कि परेशानियों तथा दुख से ऊपर उठ कर खुश रहने का प्रयास करना हर व्यक्ति की जरूरत होता है लेकिन ऐसा करना हर व्यक्ति के लिए सरल नहीं होता है. लेकिन मेडिटेशन, माइंडफूलनेस व्यायाम तथा कुछ उपायों की मदद तथा उनके नियमित अभ्यास से लोग चिंता करने या तनाव लेने की आदतों को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं. नंदिता बताती हैं कि ऐसे बहुत से छोटे-बड़े उपाय या आदतें हैं जिन्हें अपनाने से मन में शांति महसूस करने तथा खुश रहने में मदद मिल सकती है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • असफलताओं या कमियों को लेकर स्वीकार्यता जरूरी

हमेशा इस बात को नकारने का प्रयास ना करें कि हम कुछ गलत नहीं कर सकते हैं या जो भी गलत हुआ है उसका कारण हम नहीं थे. साथ ही यह भी समझे कि यदि हमसे गलती हुई है तो उसका बोझ जीवन भर साथ लेकर चलने की आवश्यकता नही है.

नंदिता बताती हैं कि एक बार व्यक्ति अपनी कमियों, असफलताओं और परिस्तिथ्यों को स्वीकार कर लेता है तो उसके लिए आगे बढ़ना सरल हो जाता है. यदि हम अपनी सोच को ऐसा रखेंगे कि इस दुनिया में हम सिर्फ अकेले नहीं हैं बल्कि और भी बहुत से लोग हैं जो हमसे कहीं ज्यादा परेशानियों और चिंता से घिरे हैं. या फिर दूसरे लोग भी हम से ज्यादा काबिल हो सकते हैं तथा सफलता के हकदार हो सकते हैं, तो अपनी परिस्थितियों को स्वीकारने में काफी आसानी हो जाती है. ऐसा करने से व्यक्ति दूसरों की जीत में दुखी होने की बजाय उनके लिए खुशी महसूस कर सकता है और अपने लिए मुस्कुराने की एक वजह ढूंढ सकता है.

  • खूबसूरत पलों को करें याद और सकारात्मक रहें

जीवन में कभी कुछ पल ऐसे आते हैं जब मन बहुत उदास होता है तथा सोच में बहुत ज्यादा नकारात्मकता भर जाती है. ऐसे में उन पलों को याद करना मन में आनंद की गर्माहट भर देता है जो खूबसूरत यादों से भरे हो. स्कूल के मजे वाले दिन, दोस्तों के साथ बिताया गया समय, परिवार के साथ मस्ती तथा किसी खास के साथ बिताए गए पल, ऐसी छोटी-छोटी बहुत सी यादें उदासी को दूर कर चेहरे पर अपने आप मुस्कुराहट आ जाती है. इसके अलावा सकारात्मक सोच भी व्यक्ति को नकारात्मक विचारों तथा उदासी से दूर रखती है.

  • परिवार और दोस्तों का हो साथ

जब व्यक्ति परेशान होता है तो अपने परिजनों तथा दोस्तों से भी कटा-कटा रहने लगता है. जबकि इस समय परिवार तथा दोस्तों का साथ बहुत जरूरी होता है. कभी भी किसी तरह की परेशानी या समस्या हो या फिर मन उदास हो तो अपने परिजनों के साथ या दोस्तों के साथ उन्हे साँझा करें तथा उनके साथ समय बिताएं. आप देखेंगे कि आप उन चिंताओं को अपने आप भूल जाएंगे.

  • संगीत तथा मेडिटेशन भी हो सकता है मददगार

आज के भाग दौड़ वाले दौर में लोगों के पास अपने लिए भी समय नहीं होता है. लेकिन यदि प्रयास किया जाए और दिन के कुछ पल शांत मन से अपना पसंदीदा संगीत सुनते हुए या अपना पसंदीदा कार्य करते हुए बताया जाए तो मन की आधी परेशानियां तथा भारीपन अपने आप समाप्त हो जाता है.

इसके अतिरिक्त नियमित तौर पर सामान्य मेडिटेशन तथा माइंडफुल मेडिटेशन भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में मददगार होता है. ऐसा माना जाता है कि जो लोग नियमित तौर पर मेडिटेशन करते हैं वह अपने समक्ष आने वाली विपरीत परिस्थितियों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और ज्यादा बेहतर तरीके से व्यवहार कर पाते हैं.

पढ़ें: जीवन में खुशी की कुंजी है 'सेल्फ लव'

आमतौर पर लोग भविष्य की चिंता को लेकर ज्यादा परेशान रहते हैं, वहीं उन्होंने भूतकाल में क्या किया है या उनके साथ क्या घटनाएं हुई, इस बात का दुख मनाते रहते हैं. लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि उनकी खुशी उनके वर्तमान पर आधारित होती है. भविष्य और भूत की चिंता में लगे लोग अपने वर्तमान का आनंद नहीं ले पाते हैं जिसका नतीजा उनमें भावनात्मक व व्यवहारिक सहित कई प्रकार की मानसिक समस्याओं के रूप में नजर आ सकता है.

जैविक वैलनेस मैसूर की फाउंडर व सीईओ तथा माइंडफूलनेस विशेषज्ञ नंदिता बताती हैं कि जीवन में वही इंसान खुश रह सकता है जो अपनी वर्तमान की अहमियत को समझता हो और उसे खुश रहकर बताने में यकीन रखता हो.

युवा पीढ़ी ज्यादा तनावग्रस्त

नंदिता बताती हैं कि उनके पास काउंसलिंग के लिए आने वाले कई लोग जिन में युवाओं की संख्या ज्यादा होती है, इस बात को लेकर तनावग्रस्त रहते हैं कि क्या वे भविष्य में सफल होंगे? इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग पूर्व में घट चुकी अपने रिश्तों, नौकरी, दुर्घटना या हिंसा जैसे अन्य मुद्दों से जुड़ी घटनाओं को लेकर अवसाद के प्रभाव में रहते हैं. इसके चलते उन्हे अपनी दिन प्रतिदिन की गतिविधियों तथा छोटी-छोटी खुशियों को नियंत्रित करने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है.

नंदिता बताती हैं कि किसी भी व्यक्ति का जीवन शत प्रतिशत सफल या सुखी नहीं हो सकता है. इसलिए बहुत जरूरी होता है कि इस तथ्य को समझे और अपनी कमियों तथा असफलताओं को अपने ऊपर हावी ना होने दे . यह बताती है कि आमतौर पर लोगों को वह यही सलाह देती हैं कि किसी भी कमी असफलता या दुख को ज्यादा देर तक मन में ना रखें तथा हर घटना को एक अनुभव मानकर जीवन में आगे बढ़े. तथा इस बात को समझे तथा मानें की जिंदगी में कोई भी समस्या आपको तब तक दुखी नहीं कर सकती है जब तक आप स्वयं दुखी होना ना चाहे.

खुश रहने के लिए करें प्रयास

वह बताती है कि परेशानियों तथा दुख से ऊपर उठ कर खुश रहने का प्रयास करना हर व्यक्ति की जरूरत होता है लेकिन ऐसा करना हर व्यक्ति के लिए सरल नहीं होता है. लेकिन मेडिटेशन, माइंडफूलनेस व्यायाम तथा कुछ उपायों की मदद तथा उनके नियमित अभ्यास से लोग चिंता करने या तनाव लेने की आदतों को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं. नंदिता बताती हैं कि ऐसे बहुत से छोटे-बड़े उपाय या आदतें हैं जिन्हें अपनाने से मन में शांति महसूस करने तथा खुश रहने में मदद मिल सकती है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • असफलताओं या कमियों को लेकर स्वीकार्यता जरूरी

हमेशा इस बात को नकारने का प्रयास ना करें कि हम कुछ गलत नहीं कर सकते हैं या जो भी गलत हुआ है उसका कारण हम नहीं थे. साथ ही यह भी समझे कि यदि हमसे गलती हुई है तो उसका बोझ जीवन भर साथ लेकर चलने की आवश्यकता नही है.

नंदिता बताती हैं कि एक बार व्यक्ति अपनी कमियों, असफलताओं और परिस्तिथ्यों को स्वीकार कर लेता है तो उसके लिए आगे बढ़ना सरल हो जाता है. यदि हम अपनी सोच को ऐसा रखेंगे कि इस दुनिया में हम सिर्फ अकेले नहीं हैं बल्कि और भी बहुत से लोग हैं जो हमसे कहीं ज्यादा परेशानियों और चिंता से घिरे हैं. या फिर दूसरे लोग भी हम से ज्यादा काबिल हो सकते हैं तथा सफलता के हकदार हो सकते हैं, तो अपनी परिस्थितियों को स्वीकारने में काफी आसानी हो जाती है. ऐसा करने से व्यक्ति दूसरों की जीत में दुखी होने की बजाय उनके लिए खुशी महसूस कर सकता है और अपने लिए मुस्कुराने की एक वजह ढूंढ सकता है.

  • खूबसूरत पलों को करें याद और सकारात्मक रहें

जीवन में कभी कुछ पल ऐसे आते हैं जब मन बहुत उदास होता है तथा सोच में बहुत ज्यादा नकारात्मकता भर जाती है. ऐसे में उन पलों को याद करना मन में आनंद की गर्माहट भर देता है जो खूबसूरत यादों से भरे हो. स्कूल के मजे वाले दिन, दोस्तों के साथ बिताया गया समय, परिवार के साथ मस्ती तथा किसी खास के साथ बिताए गए पल, ऐसी छोटी-छोटी बहुत सी यादें उदासी को दूर कर चेहरे पर अपने आप मुस्कुराहट आ जाती है. इसके अलावा सकारात्मक सोच भी व्यक्ति को नकारात्मक विचारों तथा उदासी से दूर रखती है.

  • परिवार और दोस्तों का हो साथ

जब व्यक्ति परेशान होता है तो अपने परिजनों तथा दोस्तों से भी कटा-कटा रहने लगता है. जबकि इस समय परिवार तथा दोस्तों का साथ बहुत जरूरी होता है. कभी भी किसी तरह की परेशानी या समस्या हो या फिर मन उदास हो तो अपने परिजनों के साथ या दोस्तों के साथ उन्हे साँझा करें तथा उनके साथ समय बिताएं. आप देखेंगे कि आप उन चिंताओं को अपने आप भूल जाएंगे.

  • संगीत तथा मेडिटेशन भी हो सकता है मददगार

आज के भाग दौड़ वाले दौर में लोगों के पास अपने लिए भी समय नहीं होता है. लेकिन यदि प्रयास किया जाए और दिन के कुछ पल शांत मन से अपना पसंदीदा संगीत सुनते हुए या अपना पसंदीदा कार्य करते हुए बताया जाए तो मन की आधी परेशानियां तथा भारीपन अपने आप समाप्त हो जाता है.

इसके अतिरिक्त नियमित तौर पर सामान्य मेडिटेशन तथा माइंडफुल मेडिटेशन भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में मददगार होता है. ऐसा माना जाता है कि जो लोग नियमित तौर पर मेडिटेशन करते हैं वह अपने समक्ष आने वाली विपरीत परिस्थितियों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और ज्यादा बेहतर तरीके से व्यवहार कर पाते हैं.

पढ़ें: जीवन में खुशी की कुंजी है 'सेल्फ लव'

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