मातृत्व निस्संदेह एक जीवन बदलने वाला अनुभव होता है, लेकिन बच्चे का जन्म एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी होती है। जैसे ही किसी महिला को जानकारी मिलती है की वह गर्भवती है तो उसका तथा उसके आसपास के लोगों का सारा ध्यान इस बात पर केंद्रित हो जाता है की कैसे महिला और गर्भस्थ शिशु का ध्यान रखा जाय। ऐसे में गर्भवती महिला का स्वस्थ रहना सबसे जरूरी होता है, जिसमें संतुलित आहार, अच्छी आदतें और खुश रहने जैसी आदतें काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
ऐसे में न सिर्फ घर के बड़े-बूढ़े और जानकार बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सक भी निर्धारित मात्रा में नौ महीनों के दौरान महिलाओं द्वारा केसर का सेवन करने की अनुशंसा करते हैं। दरअसल केसर विशेष मसालों की श्रेणी में आता है। यह क्रोकस सैटिवस के फूलों से श्रमसाध्य रूप से प्राप्त होता है, जिसका इस्तेमाल कई व्यंजनों के साथ आयुर्वेदिक औषधियों में भी होता है। इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। गर्भावस्था के दौरान केसर किस तरह से फायदेमंद हो सकता है तथा इसका इस्तेमाल किस तरह से किया जाना चाहिए इस बारें में “रसायनम” के संस्थापक और सीईओ आयुष अग्रवाल ने विस्तार से जानकारी दी है।
गर्भावस्था में केसर के सेवन के फायदे
- व्यवहार को खुशनुमा करने में सक्षम
गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग एक आम समस्या मानी जाती है। जिसके लिये आमतौर पर तेजी से हार्मोनल परिवर्तन या गर्भावस्था के दौरान होने वाली शारीरिक परेशानी को जिम्मेदार माना जाता है। ऐसे में एक पल में महिलायें बहुत खुश तो दूसरे पल बहुत दुखी महसूस कर करती हैं, तो कभी उनका मिजाज बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे में केसर का इस्तेमाल काफी फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में सेरोटोनिन का उत्पादन होता है जो आपके शरीर में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर आपके मूड को नियंत्रित करने और भावनात्मक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में सक्षम होता है।
- आपको अच्छी नींद देता है
गर्भावस्था के दौरान होने वाली शारीरिक परेशानियों के चलते महिलाओं की नींद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में सोने से पहले एक गिलास गरम केसर का दूध पीने से चिंता शांत हो सकती है साथ ही मूड भी अच्छा हो सकता है, जो अच्छी नींद लेने में मदद करता है।
- ऐंठन से राहत दिलाता है
गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के कारण शरीर में कई बार ऐंठन की समस्या देखने में आती है। ये आमतौर पर हल्की और सहने योग्य होती लेकिन कभी-कभी यह गंभीर और असहनीय भी हो सकती हैं। ऐसे में केसर का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह दर्द को दूर करने के लिए दर्द निवारक के रूप में भी कार्य करता है। इसका सेवन शरीर की सभी मांसपेशियों में ऐंठन को शांत करने में मदद कर सकता है।
- उच्च रक्तचाप को कम करता है
गर्भावस्था में रक्तचाप का स्तर भी प्रभावित होता है, क्योंकि नौ महीनों की इस अवधि में रक्त संचार आमतौर पर बढ़ जाता है। ऐसे में यदि रक्तचाप बढ़ने लगता है, तो केसर उसे नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है।
- दिल के कार्य को बढ़ावा दें
गर्भावस्था के दौरान जंक फूड या चटपटा खाने की इच्छा निश्चित रूप से महिलाओं में कैलोरी की मात्रा बढ़ाती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी बढ़ोतरी हो सकती है और हृदय का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। केसर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। केसर में मौजूद पदार्थ धमनियों को बंद होने से रोकते हैं और आपके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाते हैं।
- एलर्जी को रोकता है
गर्भवती महिलाओं में एलर्जी और संक्रमण होने की आशंका ज्यादा होती है। ऐसे में केसर संभावित रूप से सभी मौसमी एलर्जी, सांस लेने में कठिनाई, छाती में जमाव, और अन्य तकलीफों से लड़ने में आपकी मदद करता है। यह जादुई मसाला आपको आपके शरीर के सभी अवांछित रोगों से मुक्त करने में मददगार साबित हो सकता है।
सिर्फ यह ही नहीं, केसर में और भी बहुत से अद्भुत लाभ पाए जाते हैं जो गर्भावस्था में महिलाओं को काफी फायदा पहुंचते हैं। इसका सही मात्रा में सेवन महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और बहुत फायदेमंद होता है। जब तक इसका सही मात्रा में सेवन किया जाता है तब तक इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इन सब फ़ायदों के बावजूद जरूरी है की गर्भावस्था में इसके सेवन से पहले एक बार चिकित्सीय सलाह अवश्य ले ली जाए।
(आईएएनएस)