दिवाली के बाद मौसम में बड़ी तेजी से बदलाव होता है, बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों में त्वचा में खुश्की तथा रूखेपन की समस्या देखने में आती हैं. यही नहीं कुछ लोगों में त्वचा में खुश्की इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि उनकी हाथों पैरों की त्वचा में दरारें नजर आने लगती हैं वहीं कुछ लोगों में सुखी त्वचा पर पाउडर जैसी परत तक बनने लगती है. इसके अलावा कई बार विशेषकर महिलाओं में त्वचा संबंधी कई अन्य तरह की समस्याएं भी नजर आती हैं. Skin problems in winter skin problems symptoms cure . Skin care in winter .
ज्यादातर मामलों में इसके लिए त्योहार के दौरान खान-पान में गड़बड़ी, पटाखों के कारण वातावरण में प्रदूषण की बढ़ी हुई मात्रा, धूल मिट्टी तथा सर्दियों के मौसम की शुरुआत के कारण त्वचा में नमी की कमी को जिम्मेदार माना जाता है. क्या कहते है चिकित्सक“हेल्दी मी” स्किन एंड हेयर केयर सेंटर दिल्ली (Healthy Me Skin and Hair Care Center Delhi) की Dermatologist Dr Vrinda S Seth बताती हैं कि सर्दियों के मौसम की शुरुआत होते ही एक तो वैसे ही त्वचा में नमी की कमी होने होने लगती है. उस पर दिवाली के दौरान आहार व दिनचर्या में गड़बड़ी, स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं के साथ ही त्वचा संबंधी समस्याओं के होने का जोखिम भी बढ़ा देती है.
कारण
डॉ वृंदा सेठ बताती हैं कि दिवाली के लगभग एक सप्ताह तक चलने वाले सेलिब्रेशन के दौरान आमतौर पर लोग ऐसे आहार का ज़्यादा सेवन करते हैं जिसमें तेज मसालों , तले हुए, ज्यादा मीठे या ज्यादा नमकीन पकवानों की मात्रा ज्यादा होती है. वहीं इस समय त्योहार के रंग में लोगों में असमय भोजन करने या कभी भी कुछ भी खा लेने खाने की आदत भी देखी जाती है. खानपान में संयम की कमी के अलावा इस दौरान कई लोगों में Dehydration जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं. दरअसल इस अवसर पर जब लोग एक दूसरे से मिलते हैं तो कोल्डड्रिंक, चाय, कॉफी या ऐसे पेय पदार्थों का सेवन ज्यादा करते हैं जिन्हे आर्टिफ़िशियल उत्पादों से बनाया जाता है. इससे उनकी पानी की प्यास तो पूरी हो जाती है लेकिन शरीर में पानी की जरूरत पूरी नहीं होती है. इस पर ये शरीर को हानि भी पहुंचाते हैं. जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों में दिवाली के बाद पाचन संबंधी तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने में आती हैं. जो त्वचा संबंधी समस्याओं को भी ट्रिगर करती हैं.
सिर्फ यहीं नहीं विशेषकर महिलाओं की बात करें तो उत्सव के दौरान वे मेकअप का इस्तेमाल तो करती हैं लेकिन कई बार व्यस्तता तो कभी आलस के चलते वे अपनी त्वचा तथा उसकी साफ सफाई का ज्यादा ध्यान नहीं रख पाती है. खराब आहार संबंधी व्यवहार, त्वचा की देखभाल ना होना, उस पर प्रदूषण और मौसम में परिवर्तन, त्वचा के स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है. Dr Vrinda S Seth बताती हैं कि आहार तथा दिनचर्या के स्वस्थ नियमों का पालन करने के साथ कुछ अन्य बातों का ध्यान रखने से भी त्वचा संबंधी समस्याओं से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है. ये बातें इस प्रकार हैं.
आहार
Dr Vrinda S Seth Dermatologist बताती हैं कि यदि हमारा आहार स्वस्थ एवं संतुलित है और शरीर की जरूरत अनुसार पानी का सेवन किया जा रहा है तो ना सिर्फ त्वचा संबंधी, बल्कि और भी कई तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है. वह बताती हैं यदि दिवाली के दौरान खान-पान में ज्यादा गड़बड़ी हो गई है तो अब समय है अपने आहार को लेकर ज्यादा सचेत होने का. विशेषकर त्वचा संबंधी समस्याओं से बचने तथा उनके निवारण के लिए बहुत जरूरी है कि आहार में फलों तथा हरी पत्तेदार सब्जियों की मात्रा बढ़ाई जाय. जिससे शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज तथा एंटीऑक्सीडेंट आदि पोषक तत्व मिल सकें. इससे त्वचा प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनेगी.
भरपूर मात्रा में पानी पिए. पानी के साथ ही ताजे फलों का जूस, नारियल पानी, दही, छाछ आदि सेहत के लिए फायदेमंद पेय पदार्थों को संतुलित मात्रा में अपनी आहार दिनचर्या में शामिल करना भी फायदेमंद होता है. इससे त्वचा तो हाइड्रेट होगी ही , साथ ही पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहेगा. इसके अलावा बहुत से लोग मौसम में सर्दी की आहट होते ही आहार दिनचर्या में चाय, काफी या तेज गर्म पानी की मात्रा बढ़ा देते हैं. इससे भी बचना चाहिए. चाय या कॉफी का सेवन बेहद सीमित मात्रा में ही करना चाहिए , वहीं बहुत तेज गर्म पानी की बजाय गुनगुने पानी का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है.
त्वचा संबंधी देखभाल
Dermatologist Dr Vrinda बताती हैं कि दिवाली के दौरान आमतौर पर लोग एक दूसरे को उपहार देने के लिए दूसरों के घर जाते हैं,वहीं बाजार में भी शॉपिंग के लिए लोगों की भीड़ जमा रहती है, ऐसे में त्वचा प्रदूषण, धूल मिट्टी, गंदगी के कण व बाहरी वातावरण के सीधे संपर्क में ज्यादा आती है. यह अवस्था तो त्वचा को नुकसान पहुंचाती ही है वहीं बहुत से लोग विशेषकर कोरोना महामारी के बाद से अपने हाथ को जल्दी-जल्दी साबुन से धोते रहते हैं या उन्हे सेनेटाइज करते रहते हैं. एक तो पहले से ही मौसम, धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कारण त्वचा की प्राकृतिक नमी पर असर पड़ता है, उस पर साबुन या सेनेटाइजर में मौजूद रसायन हाथों की त्वचा को ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं. इसके चलते कई बार हाथ की त्वचा इतनी खुश्क हो जाती है की त्वचा की ड्राईनेस पाउडर जैसे नजर आने लगती है.
साबुन से बार-बार हाथ धोने या सेनेटाइजर के ज्यादा उपयोग करने की बजाय हाथों को हल्के गुनगुने पानी से धोने से त्वचा को ज्यादा खुश्क होने से कुछ हद तक बचाया जा सकता है. इसके साथ ही हर बार हाथ धोने के बाद हाथों पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाना चाहिए. सिर्फ हाथ ही नहीं ऐसे मौसम तथा वातावरण में पैरों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है. इसलिए हर रात को सोने से पहले पैरों को अच्छे से धोकर उन पर भी मॉइस्चराइजर, क्रीम या जैतून के तेल की मालिश करनी चाहिए. इसके अलावा यदि संभव हो तो पैरों में सूती जुराब पहननी चाहिए, इससे पांव की त्वचा सीधे सर्द मौसम तथा वातावरण के संपर्क में आने से बचती है. ज्यादा तेज गर्म पानी से नहाने से भी बचना चाहिए. यह भी त्वचा में खुश्की बढ़ा सकता है. इसके साथ ही नहाने के बाद हमेशा किसी अच्छे बॉडी लोशन या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए.
डॉ वृंदा बताती हैं कि त्योहार के बाद कई बार महिलाओं की त्वचा ज्यादा मेकअप के कारण भी डैमेज होने लगती है. जिससे उनमें पिगमेंटेशन, ड्राई पैच, एक्ने तथा पिम्पल जैसी समस्याएं भी नजर आने लगती है. इससे बचने के लिए त्वचा की नियमित देखभाल विशेषकर सही तरीके से उसकी क्लींजिंग, टोनिंग, एक्सफोलिएशन और मॉइश्चराइजिंग करना जरूरी होता है. इसके अलावा डैमेज त्वचा के रिपेयर के लिए बेहतर होता है कि कुछ समय के लिए मेकअप तथा ब्यूटी प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल ना करें.
अच्छी नींद व सक्रिय दिनचर्या
डॉ वृंदा बताती हैं कि नींद की कमी भी कई बार त्वचा संबंधी समस्याओं को बढ़ा देती हैं. इसलिए रात को जरूरी मात्रा में अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेना भी बहुत जरूरी होता है. दरअसल जब नींद अच्छी होती है तो त्वचा की मरम्मत तो बेहतर तरह से होती ही है बल्कि उसमें कोलोजन बनने की प्रक्रिया भी बेहतर होती है जो अच्छी व स्वस्थ त्वचा के लिए जरूरी होता है. डॉ वृंदा बताती हैं कि इस सब सावधानियों का पालन करने के बाद भी यदि त्वचा में असामान्य खुश्की, तेज खुजली, दानों, ड्राई पैच, जलन या अन्य समस्याओं में राहत ना मिल रही हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं.
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