कोविड-19 टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने लोगों से कहा है कि अगर उन्हें कंपनी के टीका 'कोविशील्ड' के निर्माण में इस्तेमाल किसी भी घटक से कोई गंभीर एलर्जी होने की आशंका है, तो वे इसे नहीं लें.
कंपनी की ओर से टीका लेने वालों के लिए जारी 'फैक्ट शीट' में कहा गया है कि अगर इस टीके की पहली खुराक से किसी तरह की कोई गंभीर एलर्जी की शिकायत हुई हो, तो उन्हें कोविशील्ड की अगली खुराक नहीं लेनी चाहिए.
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि कोविशील्ड के निर्माण में एल-हिस्टीडाइन, एल-हिस्टीडाइन हाइड्रोक्लोराइड मोनोहाइड्रेट, मैग्नीशियम क्लोराइड हेक्साहाइड्रेट, पॉलीसॉरबेट 80, इथेनॉल, सुक्रोज, सोडियम क्लोराइड, डाइसोडियम इडेटेट डाइहाइड्रेट (ईडीटीए), पानी की मात्रा का इस्तेमाल किया गया है.
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर 'फैक्ट शीट' जारी कर टीका लेने वालों को कोविशील्ड की जोखिम और फायदों से अवगत कराने का प्रयास किया है.
टीका निर्माता ने यह भी कहा कि लोगों को टीका लेने से पहले अपनी स्वास्थ्य की सभी स्थितियों से डॉक्टरों को अवगत कराना चाहिए.
कंपनी ने कहा कि कोविशील्ड टीका लेने से पहले लोगों को स्वास्थ्यसेवा प्रदाता को सभी चिकित्सीय स्थितियों के बारे में बताना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि 'क्या आपको किसी भी दवा, खाद्य सामग्री, किसी भी टीका या काविशील्ड में प्रयुक्त किसी भी घटक से कभी किसी तरह की कोई एलर्जी की शिकायत तो नहीं हुई थी.'
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि अगर किसी को बुखार है, अत्यधिक रक्तस्राव या खून से संबंधित कोई बीमारी है या उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है अथवा वे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कोई दवा लेते हैं, तो वे टीका लेने से पहले डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं.
'फैक्ट शीट' में कहा गया है कि अगर कोई महिला गर्भवती है या भविष्य में गर्भधारण करना चाहती है अथवा स्तनपान कराती है, तो उन्हें भी टीका लेने से पहले डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए.
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि टीका लेने वालों को यह भी बताना चाहिए कि क्या उन्होंने कोविड-19 का कोई और टीका तो नहीं लिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सोमवार को शाम पांच बजे तक 3,81,305 लोगों का टीकाकरण हुआ और टीकाकरण के बाद 580 लोगों में प्रतिकूल असर देखने को मिला.